देहरादून: पटेल नगर कोतवाली क्षेत्र के द्वारकापुरी चंद्रबनी में जमीन पर कब्जे को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया. देखते ही देखते हंगामा मारपीट में बदल गई. इसी बीच सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई. जहां पुलिस की टीम ने दोनों पक्षों को समझा बुझाकर मामला शांत कराया. बताया जा रहा है कि एक पक्ष के शख्स की घर के बाद हार्ट अटैक से मौत हो गई. जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंचकर शव का पोस्टमार्टम कराया. डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम के दौरान मौत का कारण 'संदिग्ध' बताते हुए बिसरा संरक्षित कर दिया.
जानकारी के मुताबिक, देहरादून के द्वारकापुरी चंद्रबनी में दो पक्षों का जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद हुआ. जिसमें एक पक्ष राधा थापा और दूसरा पक्ष अंशुल चौधरी जमीन को अपना बताकर रजिस्ट्री और कब्जा होने का दावा कर रहे थे. मौके पर अंशुल चौधरी के पक्ष ने अपने परिवार के साथ आज सुबह प्लॉट में टीन शेड लगाने का प्रयास किया. जिस पर एक पक्ष ने आपत्ति जताते हुए उसे रोकने की कोशिश की. जिससे दोनों पक्षों के बीच विवाद बढ़ गया और उनके बीच हाथापाई हो गई.
मामला बिगड़ता देख स्थानीय लोगों ने पुलिस बुला ली. सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया. साथ ही मौके पर शांति व्यवस्था बनाए रखने और घटना के संबंध में अपनी तहरीर थाने में देने की हिदायत दी. पुलिस ने विवाद के कारणों के संबंध में जानकारी ली तो पता चला कि दूसरे पक्ष अंशुल चौधरी की माता शिमला देवी ने शासनिक एसआईटी में एक प्रार्थना पत्र दिया था.
प्रार्थना पत्र में शिमला देवी ने आरोप लगाते हुए बताया था कि उन्होंने आरकेडिया ग्रांट में जमीन खरीदी थी, लेकिन राधा थापा की ओर से अवैध रूप से कब्जा किया गया है. जिसमें जांच के बाद शासनिक एसआईटी ने शिमला देवी के पक्ष को सही पाया. साथ ही राधा थापा की ओर से गलत खसरे पर अवैध रूप से काबिज होने की रिपोर्ट डीएम को भेजी. अभी मामला डीएम के पास है, लेकिन आज दोनों पक्षों के बीच जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद और मारपीट हो गई.
क्या बोले कोतवाली प्रभारी? पटेल नगर कोतवाली प्रभारी कमल सिंह ने बताया कि घटना के बाद पहले पक्ष राधा थापा के पति वीर बहादुर थापा (उम्र 54 वर्ष) की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिन्हें उनके परिजन इलाज के लिए निजी अस्पताल ले गए. जहां इलाज के दौरान वीर बहादुर थापा की मौत हो गई. अस्पताल ने मृतक का डेथ मेमो पुलिस को दिया. जिसमें इलाज के दौरान रवि थापा की मौत अचानक कार्डियक अरेस्ट होना बताया गया है. वहीं, पुलिस ने जब शव का पोस्टमार्टम करवाया तो डॉक्टरों ने संदिग्ध मौत बताते हुए बिसरा संरक्षित कर दिया.
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