बदायूं : जिले में रजिस्ट्री कार्यालय के पास जज कॉलोनी के आवास में महिला जज की लाश मिली थी. जज मऊ जिले के रहने वाली थीं. वह अविवाहित थीं. वह आवास पर अकेले रहती थीं. शनिवार को उनके कोर्ट न पहुंचने पर अनहोनी की आशंका हुई. पुलिस मौके पर पहुंची तो कमरे में उनकी लाश मिली. पास में जज का मोबाइल और एक सुसाइड नोट भी मिला था. जज के पिता ने बेटी की हत्या का आरोप लगाया है, उनका कहना है कि बेटी होनहार थी, वह आत्महत्या नहीं कर सकती, उसकी हत्या हुई है. पिता ने पुलिस को तहरीर भी दी है. वहीं जज के भाई ने भी मौत पर सवाल उठाते हुए गहनता से जांच करने की मांग की है.
आवास पर अकेले रहती थी महिला जज : मऊ की रहने वाली ज्योत्सना राय बदायूं में सिविल जज जूनियर डिवीजन के पद पर तैनात थीं. वह कोर्ट में हमेशा समय से पहुंच जाती थीं. शनिवार को वह नहीं पहुंचीं. इस पर उनके सहायकों ने उन्हें फोन किया लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई. इसके बाद वे आवास पर पहुंचे तो देखा कि दरवाजा अंदर से बंद था. इसके बाद पुलिस को जानकारी दी गई. पुलिस दरवाजा तोड़कर कमरे में पहुंची तो आवास पर बेडरूम के बराबर वाले कमरे में उनकी लाश पड़ी थी. मौके से कुछ डॉक्यूमेंट, मोबाइल फोन और सुसाइड नोट मिला था. ज्योत्सना ने शादी नहीं की. वह आवास पर अकेली रहती थीं. शाम को उनके परिजन मऊ से यहां पहुंचे. उन्होंने बेटी की हत्या का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी. आज जज के शव का पोस्टमार्टम मजिस्ट्रेट की निगरानी में पैनल द्वारा कराया जाएगा.
पिता बोले- बेटी बहुत स्ट्रांग थी : पिता अशोक कुमार राय ने पुलिस में अज्ञात के खिलाफ हत्या की तहरीर दी है. उन्होंने बताया कि ज्योत्सना बहुत स्ट्रांग थी. वह कभी ऐसा कदम नहीं उठा सकती. पड़ोसियों ने जानकारी मिली है कि शुक्रवार रात 11 बजे वह फोन पर किसी से बात कर रही थी. उसके आवास से तेज आवाज आ रही थी. ऐसा लग रहा था जैसे किसी से बहस हो रही हो. वहीं सुसाइड नोट में जज ने लिखा है कि 'मैं अवसाद में हूं, मेरी मृत्यु का जिम्मेदार कोई नहीं है. मेरा अंतिम संस्कार सरयू घाट पर करना और मेरे खरगोश का ख्याल रखना'. एसएसपी आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि मौके से कुछ डॉक्यूमेंट मिले हैं. पुलिस की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं. पुलिस ने पिता की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है.
जज के बड़े भाई ने उठाए सवाल : सिविल जज जूनियर डिवीजन ज्योत्सना राय के बड़े भाई हिमांशु शेखर राय बनारस में रेलवे में सिविल इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं. बहन की मौत पर उन्होंने सवाल उठाए हैं. उनके मुताबिक ज्योत्सना मानसिक रूप से काफी मजबूत थी. वह ऐसा कदम नहीं उठा सकती. 15 दिन पहले ज्योत्सना पिता के लिए लखनऊ में नई कार खरीद कर आई थी. लखनऊ में ही वह अपने लिए एक प्लॉट लेना चाह रही थी. इसके लिए सभी प्रयासरत थे. दो दिन पहले उसने नया सोफा भी खरीदा था. ज्योत्सना को प्रकृति से प्रेम था. वह खरगोश भी पाला करती थी. उन्हें बहुत प्यार से रखती थी. कॉलोनी में इतने सारे अधिकारी रहते हैं, एक भी सीसीटीवी नहीं लगा हुआ है. घर का केवल मेन डोर बंद था, बाकी अंदर के सारे दरवाजे खुले हुए थे. किचन की तरफ पीछे का एक दरवाजा भी खुला था. पुलिस को मामले की गहनता से जांच करनी चाहिए, क्योंकि कई सारी चीजे इसमें संदिग्ध दिखती हैं. उन्होंने एक डायरी पर भी सवाल उठाए है, कहा कि उसके कुछ पन्ने फटे हुए हैं.
वहीं परिजनों के आरोपों के बाद पुलिस की प्रतिक्रिया सामने आई है. जिसमें सीओ सिटी आलोक मिश्रा ने कहा है कि पता चला था कि जज आवास का दरवाजा नहीं खोल रही हैं. मौके पर तत्काल पुलिस पहुंची और दरवाजा तोड़ा गया. अंदर उनका शव पड़ा था. मौके पर एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसकी जांच की जा रही है. उनके परिजनों ने आशंका जताई कि बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती. उन्होंने तहरीर दी. जिस पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है. आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है.
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