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दून में लोग बन रहे साइबर ठगों के शिकार, ठगी के चार मुकदमे हुए दर्ज - उत्तराखंड में साइबर ठगी

cyber fraud cases Dehradun उत्तराखंड के देहरादून में साइबर ठगी के चार नए मामले सामने आए है. चार में से दो मामले तो ऐसे है, जहां साइबर ठगों ने वर्क फ्रॉम होम के नाम पर पीड़ितों को अपने जाल में फंसाया. वहीं एक मामला डॉक्टर के अपॉइंटमेंट से जुड़ा है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 29, 2024, 9:42 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में साइबर ठगी के मामले में लगातार बढ़ते जा रहे है. कुछ लोग साइबर ठगों के चक्कर में फंसकर अपनी गाढ़ी कमाई गंवा देते है. ऐसे ही चार मामले देहरादून जिले से सामने आए है. पुलिस ने चारों मामलों में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

पहला मामला: निधि पैन्यूली निवासी ज्योति विहार अजबपुर डांडा ने थाना नेहरू कॉलोनी में शिकायत दर्ज कराई है. निधि पैन्यूली ने अपनी शिकायत में बताया कि वो उन्हें अपने बेटे को डॉक्टर को दिखाना था, जिसके लिए उन्होंने गूगल पर हॉस्पिटल का नंबर सर्च किया था, जहां उन्हें हॉस्पिटल का एक नंबर मिला.

आरोप है कि निधि ने जब उस नंबर पर कॉल किया तो एक व्यक्ति ने उनका फोन रिसिव किया. उस व्यक्ति ने निधि से कहा कि वो व्हाट्सएप पर एक लिंक भेज रहा है, उसी लिंक के जरिए डॉक्टर का अपॉइंटमेंट मिलेगा. निधि का आरोप है कि इस लिंक पर क्लिक करने के बाद दो दिन के अंदर उनके खाते से चार बार में 199999 रुपए कट गए. निधि ने जब उस नंबर के बारे में जानकारी की तो पता चला कि ये नंबर हॉस्पिटल का नहीं है, बल्कि साइबर ठग का है. पुलिस ने निधि की तहरीर पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.

दूसरा मामला: साइबर ठगी का दूसरा मामला भी नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र का ही है. यहां नेहा अंसारी के साथ साइबर ठगों ने वर्क फ्रॉम होम के नाम पर ठगी की है. नेहा ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि उसे वर्क फ्रॉम होम के लिए एक मैजेस आया था, जिसके बाद उसने उन लोगों से संपर्क किया था, जिसके बाद पीड़िता को एक टास्क दिया गया, जिससे उससे कुछ पैसे भी मिले. हालांकि कुछ दिनों बाद आरोपियों ने पीड़िता को भरोसा में लेकर उससे 60 हजार रुपए ऑनलाइन लिए. यहां तक तो सब ठीक रहा, लेकिन बाद में जब आरोपियों ने दोबार से पीड़िता से पैसे मांगे तो उसे कुछ शक हुआ और पीड़िता ने पैसे देने के मना कर दिया. इसके बाद आरोपियों ने भी अपने सभी नंबर बंद कर दिए.

तीसरा मामला: यहां भी आरोपियों ने रोहित वर्मा नाम के व्यक्ति को वर्क फ्रॉम होम के जाल में फंसाया और उससे करीब 96 हजार रुपए की ठगी कर ली. दरअसल, आरोपियों ने रोहित वर्मा को वर्क फ्रॉम होम के नाम पर कुछ टास्क दिए थे, जिसमें सब्सक्राइब और लाइक करने पर तीन टास्क पर 150 रुपए की रेटिग की जा रही थी. इसी तरह आरोपियों पहले तो पीड़ित का विश्वास जीता और फिर भरोसे में लेकर उससे करीब 96 हजार रुपए की ठगी कर ली.

चौथा मामला: यहां साइबर ठगों ने खुद को सीआरपीएफ का अधिकारी बातकर ठगी की. पीड़ित ने पुलिस को जो शिकायत दी, उससे फर्नीचर खरीदने के नाम पर 70 हजार रुपए की ठगी की गई. पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.

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देहरादून: उत्तराखंड में साइबर ठगी के मामले में लगातार बढ़ते जा रहे है. कुछ लोग साइबर ठगों के चक्कर में फंसकर अपनी गाढ़ी कमाई गंवा देते है. ऐसे ही चार मामले देहरादून जिले से सामने आए है. पुलिस ने चारों मामलों में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

पहला मामला: निधि पैन्यूली निवासी ज्योति विहार अजबपुर डांडा ने थाना नेहरू कॉलोनी में शिकायत दर्ज कराई है. निधि पैन्यूली ने अपनी शिकायत में बताया कि वो उन्हें अपने बेटे को डॉक्टर को दिखाना था, जिसके लिए उन्होंने गूगल पर हॉस्पिटल का नंबर सर्च किया था, जहां उन्हें हॉस्पिटल का एक नंबर मिला.

आरोप है कि निधि ने जब उस नंबर पर कॉल किया तो एक व्यक्ति ने उनका फोन रिसिव किया. उस व्यक्ति ने निधि से कहा कि वो व्हाट्सएप पर एक लिंक भेज रहा है, उसी लिंक के जरिए डॉक्टर का अपॉइंटमेंट मिलेगा. निधि का आरोप है कि इस लिंक पर क्लिक करने के बाद दो दिन के अंदर उनके खाते से चार बार में 199999 रुपए कट गए. निधि ने जब उस नंबर के बारे में जानकारी की तो पता चला कि ये नंबर हॉस्पिटल का नहीं है, बल्कि साइबर ठग का है. पुलिस ने निधि की तहरीर पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.

दूसरा मामला: साइबर ठगी का दूसरा मामला भी नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र का ही है. यहां नेहा अंसारी के साथ साइबर ठगों ने वर्क फ्रॉम होम के नाम पर ठगी की है. नेहा ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि उसे वर्क फ्रॉम होम के लिए एक मैजेस आया था, जिसके बाद उसने उन लोगों से संपर्क किया था, जिसके बाद पीड़िता को एक टास्क दिया गया, जिससे उससे कुछ पैसे भी मिले. हालांकि कुछ दिनों बाद आरोपियों ने पीड़िता को भरोसा में लेकर उससे 60 हजार रुपए ऑनलाइन लिए. यहां तक तो सब ठीक रहा, लेकिन बाद में जब आरोपियों ने दोबार से पीड़िता से पैसे मांगे तो उसे कुछ शक हुआ और पीड़िता ने पैसे देने के मना कर दिया. इसके बाद आरोपियों ने भी अपने सभी नंबर बंद कर दिए.

तीसरा मामला: यहां भी आरोपियों ने रोहित वर्मा नाम के व्यक्ति को वर्क फ्रॉम होम के जाल में फंसाया और उससे करीब 96 हजार रुपए की ठगी कर ली. दरअसल, आरोपियों ने रोहित वर्मा को वर्क फ्रॉम होम के नाम पर कुछ टास्क दिए थे, जिसमें सब्सक्राइब और लाइक करने पर तीन टास्क पर 150 रुपए की रेटिग की जा रही थी. इसी तरह आरोपियों पहले तो पीड़ित का विश्वास जीता और फिर भरोसे में लेकर उससे करीब 96 हजार रुपए की ठगी कर ली.

चौथा मामला: यहां साइबर ठगों ने खुद को सीआरपीएफ का अधिकारी बातकर ठगी की. पीड़ित ने पुलिस को जो शिकायत दी, उससे फर्नीचर खरीदने के नाम पर 70 हजार रुपए की ठगी की गई. पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.

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