देहरादून: कोर्ट ने नाइजीरिया के रहने वाले ठगी के दोषी को ढाई साल की सजा सुनाई है. वहीं एसटीएफ पिछले 50 दिनों के भीतर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन पर पंजीकृत 3 मुकदमों में 4 आरोपियों को दोषी पाये जाने पर न्यायालय द्वारा दंडात्मक कार्रवाई की गई है. वहीं पुलिस का कहना है कि साइबर क्राइम को रोकने के लिए तत्परता से कार्य किया जा रहा है.
बता दें कि साल 2021 में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून को मसूरी निवासी व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई की अज्ञात आरोपियों द्वारा आनलाइन ट्रेडिंग कंपनी की फर्जी साइट बनाकर पीड़ित से फोन और ई-मेल के माध्यम से सम्पर्क कर लालच देते हुए 6 लाख रुपए की ठगी कर ली गई. पीड़ित ने अलग-अलग बैंक खातों और एटीएम के माध्यम से रुपए ट्रांसफर किए. ठगी के अहसास होने के बाद वह पुलिस के पास पहुंचा और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम का गठन किया.
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जिसके बाद पुलिस टीम ने आरोपियों द्वारा धोखाधड़ी से प्राप्त की गयी धनराशि दिल्ली एनसीआर के जिन एटीएम मशीनों से निकाली गयी थी, उन एटीएम मशीनों की जानकारी प्राप्त कर सीसीटीवी फुटेज खंगाले.अलग-अलग मशीनों से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज में एक नाइजीरियन व्यक्ति धनराशि निकालता पाया गया. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दिल्ली एनसीआर आदि स्थानों पर नाइजीरिया के व्यक्ति की तलाश शुरू की गयी और गिरोह के 1 मुख्य सदस्य (सरगना) को 18 अगस्त 2021 को नई दिल्ली से गिरफ्तार किया गया. जिसके बाद से पूरा मामला कोर्ट में चल रहा था.
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अपराध करने का ये था तरीका: आरोपियों द्वारा अलग-अलग आनलाइन ट्रेडिंग कंपनी की फर्जी साइट बनाकर पीड़ित से फोन एवं ई-मेल के माध्यम से सम्पर्क कर दोगुना लाभ का लालच दिया जाता है. जिसके बाद कोई व्यक्ति जाल में फंस गया तो धनराशि के कुछ भाग को BitCoin के माध्यम से नाइजीरिया में बैठे अपने सह आरोपी को भेज दी जाती है. वहीं धनराशि का कुछ भाग भारतीय खातों में प्राप्त कर उसे एटीएम मशीनों के माध्यम से निकाल कर घटना को अंजाम दिया गया. एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया है कि न्यायालय में चल रहे सभी विचाराधीन मामलों का संज्ञान लिया गया है. इसी क्रम में साइबर पुलिस स्टेशन देहरादून टीम द्वारा गिरफ्तार आरोपी को दोषी पाया गया. कोर्ट ने मामले में नाइजीरिया के रहने वाले आरोपी को दोषी पाये जाने पर ढाई साल की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने दोषी पर 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.