श्रीनगर: किशोरी के साथ दुष्कर्म करने के मामले में आज सुनवाई हुई. विशेष सत्र न्यायाधीश पौड़ी ने दोषी को 40 साल के कारावास की सजा सुनाई और दोषी पर 40,000 रुपये का अर्थदंड लगाया. वहीं, अर्थदंड जमा नहीं करने पर दोषी को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. अदालत ने राज्य सरकार को पीड़िता के लिए 1 लाख रुपये प्रतिकर के रूप में देने का आदेश जारी किया है.
2021 को पीड़िता ने बच्चे को दिया था जन्म: बता दें कि थाना सतपुली के एक गांव की किशोरी की 3 दिसंबर 2021 की रात अचानक तबीयत खराब हो गई थी, जिससे परिजनों की ओर से उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में किशोरी ने एक नवजात को जन्म दिया. वहीं, जब माता-पिता द्वारा घटना के संबंध में पूछा गया, तो किशोरी ने एक व्यक्ति द्वारा उसके साथ दुष्कर्म करने की बात बताई.
2022 में पुलिस ने दाखिल किया था आरोप पत्र: घटना का पता चलने के बाद पीड़िता के पिता ने 4 दिसंबर 2021 को थाना सतपुली में आरोपी के खिलाफ तहरीर दी थी. वहीं, तहरीर मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और जांच शुरू की. आरोपी को 5 दिसंबर 2021 को गिरफ्तार किया गया. जिसके बाद उसे जिला कारागार खांड्यूसैण भेज दिया गया था, तभी से आरोपी जेल में था. पुलिस ने नवजात और आरोपी का डीएनए जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला देहरादून भेजा था. जिसमें डीएनए का मिलान हुआ था. पुलिस ने 2 जनवरी 2022 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था.
आरोपी को सुनाई गई 20 साल की सजा: विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो विजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) पौड़ी अजय चौधरी की अदालत ने दोनों पक्षों की बहस, गवाहों के बयान और साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद किशोरी से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को दोषी करार दिया है. उन्होंने बताया कि अदालत ने दोषी को रेप मामले में 20 साल के कारावास और 40,000 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है.
पीड़िता को मिलेगी अर्थदंड की राशि: विशेष लोक अभियोजक रावत ने बताया कि अदालत ने राज्य सरकार को पीड़िता को एक लाख रुपये प्रतिकर दिए जाने का आदेश दिया है. साथ ही दोषी द्वारा 40 हजार का अर्थदंड जमा किए जाने पर उस राशि को भी पीड़िता को दिए जाने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में 10 गवाह पेश किए गए.
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