श्रीनगर: पौड़ी जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने नाबालिग से दुराचार के दोषी को 20 साल के सश्रम कारावास के साथ ही 5 हजार का अर्थदंड लगाया है. मामला कोटद्वार थानाक्षेत्र का है. इस मामले में 7 सितंबर 2022 को कोटद्वार थाने में तहरीर दी गई थी. अदालत ने राज्य सरकार को पीड़िता को प्रतिकर के रूप में 50 हजार रुपए देने के निर्देश भी दिए हैं.
दुष्कर्म के दोषी को जेल: विशेष लोक अभियोजक विजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि 5 सितंबर 2022 को कोटद्वार थाने में एक महिला ने तहरीर दी थी कि उनकी 16 वर्षीय नाबालिग बेटी के साथ दुराचार की घटना हुई है. जिस पर पुलिस ने 7 सितंबर को पॉक्सो, जान से मारने की धमकी सहित विभिन्न धाराओं मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की. पुलिस द्वारा जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला में भेजे गए सैंपलों में भी नाबालिग के साथ दुराचार की पुष्टि हुई. विजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि आरोपी अपने साथ नाबालिग को बहला फुसला कर ले गया और दुराचार की घटना को अंजाम दिया. साथ ही उसने घटना की जानकारी किसी को देने पर जान से मारने की धमकी भी नाबालिग को दी. शुक्रवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय चौधरी की अदालत ने मामले में आरोपी को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई.
20 साल की सजा के साथ अर्थदंड: पॉक्सो एक्ट में 20 साल की सजा और पांच हजार का अर्थदंड, जान से मारने की धमकी देने पर 6 माह के कारावास और 1 हजार का अर्थदंड लगाया. दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी. अर्थदंड जमा न करने पर आरोपी को 5 महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी. मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 8 गवाह पेश किए गए.
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