लाहौल-स्पीति: हिमाचल प्रदेश में जहां आए दिन मारपीट हत्या जैसे मामले सामने आ रहे हैं तो वहीं प्रदेश सरकार भी इन सभी आपराधिक मामलों में रोक लगाने की दिशा में लगातार काम कर रही है. विधानसभा में भी प्रदेश में बिगड़ रही कानून व्यवस्था के बारे में सवालिया निशान उठाए गए. ऐसे में प्रदेश के कुछ जिले ऐसे थे जिनमें दुष्कर्म, हत्या के मामले सबसे अधिक सामने आए लेकिन सुखद बात यह रही कि एक जिला ऐसा भी था जिसमें अपराध की दर ना के बराबर थी और यहां पर सुरक्षा व्यवस्था भी काफी बेहतर पाई गई.
यह जिला है हिमाचल प्रदेश का शीत मरुस्थल कहे जाने वाला लाहौल-स्पीति. लाहौल-स्पीति जिला की अगर बात करें तो यहां की आबादी 30 हजार के करीब है और यहां पर सभी लोग अधिकतर सरकारी नौकरी और निजी क्षेत्र में बड़े-बड़े पदों पर हैं.
इसके अलावा गर्मियों के दौरान कृषि क्षेत्र में भी लोग यहां पर आलू, मटर, गोभी सहित अन्य सब्जियों के उत्पादन में जुटे रहते हैं. अटल टनल बनने के बाद लाहौल घाटी में काफी परिवर्तन आया है और यहां पर हर साल लाखों सैलानी घाटी के विभिन्न पर्यटन स्थलों का दीदार कर रहे हैं. उसके बाद भी यहां पर अपराध की दर काफी कम है जो लाहौल-स्पीति जिले के लिए सुखद बात है.
साल 2023 में दर्ज मामले
लाहौल स्पीति जिला की अगर बात करें तो साल 2023 में हत्या का 1 मामला सामने आया था. अपहरण का 1, सड़क दुर्घटना के कुल 18 मामले, चोरी के 2, बाकी अन्य छोटे 46 मामले दर्ज किए गए. साल 2023 में मादक द्रव्य अधिनियम के कुल 6 मामले, आबकारी अधिनियम के 69 मामले दर्ज किए गए. जुआ खेलने के भी लाहौल-स्पीति पुलिस ने 15 मामले दर्ज किए. इसके अलावा पशु क्रूरता अधिनियम के तहत 1 और आईटी एक्ट के तहत 1 बाकी अन्य छोटे 10 मामले दर्ज किए गए. लाहौल स्पीति पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, एक साल में कुल 182 मामले दर्ज किए गए.
साल 2024 में दर्ज मामले
साल 2024 की अगर बात करें तो जनवरी माह से लेकर अगस्त माह तक हत्या के प्रयास का 1 मामला, महिला उत्पीड़न का 1 मामला, चोट पहुंचाने के 2 मामले, सड़क दुर्घटना के 16 मामले, चोरी के 2 मामले, अन्य 20 छोटे मामले, मादक द्रव्य अधिनियम के तहत 6 मामले, आबकारी अधिनियम के तहत 36 मामले, वन अधिनियम के तहत 1 मामला, जुआ खेलने के 7 मामले, पशु क्रूरता अधिनियम के तहत 3 मामले, आईटी एक्ट के तहत 1 और बाकी अन्य 3 मामले दर्ज किए गए हैं. लाहौल स्पीति पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक जनवरी से लेकर अगस्त माह तक कुल 99 मामले दर्ज किए गए. लाहौल घाटी के स्थानीय निवासी किशन ठाकुर, विमला देवी, सुदर्शन ठाकुर, शाम आजाद ने कहा कि लाहौल-स्पीति में लोग बड़े बुजुर्गों की इज्जत करते हैं और अपनी संस्कृति में ही खुश रहते हैं.
घाटी में काम करने के लिए बाहरी राज्यों से मजदूर आते हैं. वही लोग लड़ाई-झगड़ा या फिर शराब बेचने का कारोबार करते हैं लेकिन उसके बाद भी घाटी का माहौल काफी शांतिप्रिय है. आज भी यहां सभी लोग मिलकर रहते हैं और आपराधिक घटनाओं से दूर रहने की कोशिश करते हैं ताकि घाटी में लोगों में शांति बनी रह सके.
एसपी लाहौल-स्पीति मयंक चौधरी ने बताया "यहां पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस भी काफी चौकस है और स्थानीय लोग भी पुलिस का सहयोग करते हैं. अटल टनल के माध्यम से सैलानी हर साल लाखों की संख्या में घाटी में पहुंच रहे हैं. पुलिस स्थानीय लोगों के साथ सैलानियों की सुरक्षा को भी ध्यान में रखकर काम कर रही है."
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