नई दिल्ली: क्राइम ब्रांच ने चोरों के दो ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो बहुत ही शातिराना तरीके से कारों को चोरी कर उनको सोशल मीडिया पर बेचने का काम किया करते थे. क्राइम ब्रांच के मुताबिक उन्हें कार चोरी की शिकायत मिली थी जिसके बाद उन्होंने इस पर काम करना शुरू किया. जांच को जब आगे बढ़ाया गया तो एक शख्स अनवर कुरैशी के रूप में सामने आया. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जब अनवर कुरैशी से पूछताछ की तो उसके साथी गुरु सिंह तक पहुंची और उसके बाद उनके तमाम साथियों तक पहुंच गई.
कार कंपनी और बैंक का एक कर्मचारी भी या गैंग में शामिल
जब इनसे पूछताछ की गई तो जो इन लोगों ने खुलासा किया उसे सुनने के बाद क्राइम ब्रांच के पैरों तले जमीन खिसक गई, क्योंकि यह अभी तक का सबसे चौंकाने वाला मामला था. पूछताछ में अनवर कुरैशी ने बताया कि वह जब कोई गाड़ी चुराते थे तो उसके बाद वह यह चेक करते थे कि यह गाड़ी किसके नाम पर है उसका फोन नंबर क्या है गाड़ी का चेसी नंबर क्या है और गाड़ी का एक्चुअल ओनर कौन है, जब सारी जानकारियां इनके पास आ जाती थी तो यह लोग असली गाड़ी के मालिक के नाम पर सारे कागजातों को तैयार किया करते थे. जिसमें आधार कार्ड, गाड़ी के कागज, आरसी और चेसिस नंबर इन तमाम चीजों को लेकर कागजात तैयार करते थे और एक बार कागज तैयार हो जाते थे. उसके बाद गाड़ी बेच दिया करते थे.
असली ओनर के नाम से ही बनवाते थे जाली कागज़, कई लोगों से जुड़े हैं तार
क्राइम ब्रांच को पूछताछ में उन्होंने बताया कि यह उस गाड़ी के असली ओनर बनकर गाड़ियों की इमेज और उनकी डिटेल cardekho.com और cars24 जैसी साइट्स पर अपलोड कर दिया करते थे. इस काम में उनकी मदद बैंक के एक कर्मचारी और वेबसाइट केज जरिए किया करते थे. जो इनको बताया करते थे कि कार्स24 और और दूसरी कंपनी के लोग किस तरीके से इंस्पेक्शन करेंगे. यह तमाम जानकारियां यह लोग अनवर कुरैशी को मुहैया करवा दिया करते थे. इसके बाद अनवर कुरैशी इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए चोरी की गाड़ी को बहुत आसानी से वेबसाइट पर बेच दिया करते थे.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अनवर कुरैशी के अलावा एक और गिरोह का भी भंडाफोड़ किया है जो इसी तरीके से चोरी की गाड़ियों को बेच दिया करते थे. फिलहाल दिल्ली पुलिस ने दोनों गैंग के मिलाकर 13 लोगों को गिरफ्तार किया है और इनसे लगातार पूछताछ कर रही है. पूछताछ में इन लोगों ने अभी तक 50 गाड़ियों के बारे में जानकारी दी है, लेकिन क्राइम ब्रांच को यह पूरा यकीन है कि चोरी की गाड़ियों की संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है.
"हम इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से लेते हैं और अधिकारियों के साथ मिलकर उनकी जांच कर रहे हैं. हमारी प्रक्रियाएं हमारे ग्राहकों की सुरक्षा के लिए बनाई गई हैं, और हम उन्हें सुरक्षित और विश्वसनीय अनुभव सुनिश्चित करने के लिए लगातार बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमने इन मामलों की रिपोर्ट की और पुलिस को तुरंत सभी आवश्यक जानकारी दी, जिससे इन वाहनों की बरामदगी हुई. इसके अतिरिक्त हम अपनी सुरक्षा बढ़ाने के लिए अपनी आंतरिक प्रक्रियाओं की गहन समीक्षा कर रहे हैं. हमें अपने ग्राहकों को हुई किसी भी असुविधा के लिए ईमानदारी से खेद है और हम इसे फिर से होने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं." - CARS24 प्रवक्ता
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