पटनाः दक्षिण भारत के लोकप्रिय व्यंजनों में डोसा सबसे खास है. डोसा बनाने के लिए चावल रवा और उड़द की दाल का उपयोग किया जाता है, लेकिन क्या आपने कभी मखाना से बना डोसा खाया है. अगर नहीं तो चले आइये पटना के गांधी मैदान में चल रहे बागवानी महोत्सव में. यहां एक फूड स्टाल पर मिल रहा है मखाने से बना डोसा. ये डोसा स्वाद में लाजवाब तो है ही मखाने की पौष्टकिकता से भी भरपूर है.
सेहत का खजाना है मखाना: सुपरफूड मखाना एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर फूड है. ये ब्लड शुगर कंट्रोल करने के साथ ही दिल की सेहत के लिए भी लाभदायक है. मखाने से बना डोसा डाइजेशन के लिहाज से भी अच्छा होता है और बच्चों को आप लंच बॉक्स में भी इस फूड डिश को रख सकते हैं. मखाना डोसा बनाना काफी आसान है और इसे बनाने के लिए मखाने के अलावा आलू और अन्य मसालों का उपयोग किया जाता है.
आप भी बनाइये मखाना डोसाः तो चलिए जान लेते हैं कि मखाना डोसा बनाने के लिए किन-किन चीजों की जरूरत होती है.
भुना हुआ मखाना- 1 कप, चावल रवा- 1 कप, पोहा-1/2 कप,गाढ़ा दही-1/2 कप, पानी- 1 कप( जरूरत के अनुसार घटा-बढ़ा सकते हैं), नमक-स्वादानुसार
सबसे पहले सभी सामग्रियों को आधा कप पानी के साथ मिला लें और मिश्रण को 8-10 मिनट तक रहने दें.10 मिनट बाद मिश्रण को ब्लेंडर में डालें, आधा कप पानी और मिला लें. ब्लेंड कर एक चिकना पेस्ट तैयार कर लें. ध्यान रहे कि घोल ज्यादा पतला नहीं हो.घोल को कटोरे में निकालकर उसे फेंट लें, चाहें तो उसमें थोड़ा सा फ्रूट साल्ट भी मिला सकते हैं.तवे या पैन को तेल से चिकना कर लीजिए. गर्म होने पर एक या दो चम्मच घोल डालकर उसे डोसा का आकार देने के लिए फैला दें.अच्छे से पकने का बाद नारियल या फिर अन्य चटनी के साथ गरमागरम सर्व करें.
मखाना डोसा का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं लोगः बागवानी महोत्सव में आनेवाले लोगों के लिए मखाना डोसा एक नयी डिश है. इसलिए लोग इस डिश का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं. पहली बार मखाना डोसा खानेवाले राजकुमार ने बताया कि मखाना डोसा वाकई में बेहद ही लजीज है और पौष्टिक तो है ही. इसलिए आगे भी वो मखाना डोसा खाते रहेंगे.
मखाने से 22 किस्म की डिश तैयार करते हैं श्रवणः बागवानी महोत्सव में मखाना डोसा का स्टॉल लगानेवाले श्रवण कुमार का कहना है कि वो मखाने से 22 किस्म की डिश तैयार करते हैं. जिसमें मखाने की कुल्फी, मखाने की खीर, मखाने का डोसा और मखाने के ढोकले काफी लोकप्रिय हो रहे हैं.उनकी कोशिश है कि हर व्यक्ति की थाली में मखाने की कोई न कोई डिश हो. क्योंकि मखाना एक सुपरफूड है. इसमें सभी प्रकार के पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं. मखाना महिलाओं में प्रोटीन की कमी को भी दूर करता है.
बिहार में होती है मखाने की 90 फीसदी पैदावारः तालाब, झील, दलदली क्षेत्र के शांत पानी में उगने वाला मखाना पोषक तत्वों से भरपूर एक जलीय उत्पाद है.उत्तर-पूर्वी बिहार को मखाने के लिए ही दुनिया भर में जाना जाता है. पूरे देश में मखाने की पैदावार का 90 फीसदी हिस्सा बिहार में ही होता है, जिसमें मिथिलांचल के जिले मधुबनी और दरभंगा में सबसे ज्यादा पैदावार होती है. मखाने को उसकी पौष्टिकता और स्वाद के लिए जीआई टैग भी मिला हुआ है.