ETV Bharat / state

नक्सली बच्चन ने संगठन छोड़ पकड़ी मुख्यधारा की राह, भाकपा माओवादी में जोनल कमेटी का था मेंबर - Naxalite surrender - NAXALITE SURRENDER

नक्सली संगठन भाकपा माओवादी को एक के बाद एक झटका लग रहा है. इस बार संगठन के कुख्यात सदस्य रामदयाल ने नक्सलियों का साथ छोड़ दिया है. 10 लाख के इनामी रामदयाल अब मुख्यधारा में शामिल हो गए.

CPI Maoist zonal committee member rewarded Naxalite surrendered In Giridih
इनामी नक्सली द्वारा सरेंडर (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 28, 2024, 5:00 PM IST

गिरिडीहः नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के जोनल कमेटी मेंबर रामदयाल महतो उर्फ बच्चन दा उर्फ निलेश दा उर्फ अमर दा अब मुख्यधारा से जुड़ गए हैं. 70 वर्षीय इस 10 लाख के इनामी नक्सली ने झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति, नई दिशा-एक नई पहल से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है.

शनिवार को नक्सली बच्चन को मीडिया के सामने लाया गया. यहां उपस्थित डीआईजी सुनील भास्कर, एसपी डॉ. बिमल कुमार, एसएसबी 35वीं वाहिनी के कमांडेंट संजीव कुमार व सीआरपीएफ के अधिकारियों ने रामदयाल ऊर्फ बच्चन को 10 लाख का चेक भी दिया. यहां बताया गया कि राज्य मुख्यालय के आदेशानुसार गठित गिरिडीह जिला के जिला स्तरीय स्क्रीनिंग कमिटी के सदस्यों के समक्ष दस लाख रुपये के इनामी नक्सली रामदयाल महतो (पिता स्व. गुलाब चंद महतो) ने सरेंडर किया है. रामदयाल पीरटांड़ प्रखंड के पिपराडीह का रहने वाला है.

भाकपा माओवादी के जोनल कमेटी मेंबर रामदयाल महतो ने आत्मसमर्पण किया (ETV Bharat)

यहां पुलिस पदाधिकारियों ने बताया कि रामदयाल झारखंड-बिहार के कई नक्सली वारदात में शामिल रहा है. तोपचांची थाना उड़ाने और एसएलआर सहित करीब 07-08 हथियार को लूटने में इसकी अहम भूमिका रही है. वर्तमान में नक्सली बच्चन के नेतृत्व में वर्ष 2022 में डुमरी थाना के तलियाबहियार गांव के उप-मुखिया असलम अंसारी को पुलिस मुखबीर घोषित कर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. नक्सली रामदयाल महतो गिरिडीह जिला के 43 कांड और धनबाद जिला के 11 कुल 54 कांडों में वांछित रहा है. झारखंड राज्य में बच्चन का काफी लंबा आपराधिक इतिहास रहा है.

डीआईजी सुनील भास्कर ने बताया कि नक्सली रामदलाय महतो के आत्मसमर्पण किये जाने से अन्य उग्रवादियों को भी आत्मसमर्पण करने की प्रेरणा मिलेगी तथा वे लोग भी सरेंडर करने की दिशा में प्रयत्नशील होंगे. चूंकि ये नक्सली संगठन के जोनल कमिटी मेंबर रहे हैं, इनके आत्मसमर्पण से नक्सली घटनाओ में काफी कमी आएगी. इसके साथ ही गिरिडीह, बोकारो और धनबाद जैसे क्षेत्रों के साथ-साथ पूरे झारखंड में नक्सलियों के मनोबल में गिरावट आएगी.

इसे भी पढे़ं- लातेहार में दो इनामी नक्सलियों ने डाले हथियार, इलाके में कमजोर होगा माओवादी संगठन! - Naxalites surrendered

इसे भी पढ़ें- इनामी नक्सली मुनेश्वर गंझु ने किया सरेंडर, लंबे समय से रांची पुलिस को थी तलाश - Naxalite surrender

इसे भी पढ़ें- आईईडी का मकड़जाल तोड़ सुरक्षाबल कर रहे सारंडा फतेह, अभियान में चुकानी पड़ी है बड़ी कीमत! - Security forces Campaign in Saranda

गिरिडीहः नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के जोनल कमेटी मेंबर रामदयाल महतो उर्फ बच्चन दा उर्फ निलेश दा उर्फ अमर दा अब मुख्यधारा से जुड़ गए हैं. 70 वर्षीय इस 10 लाख के इनामी नक्सली ने झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति, नई दिशा-एक नई पहल से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है.

शनिवार को नक्सली बच्चन को मीडिया के सामने लाया गया. यहां उपस्थित डीआईजी सुनील भास्कर, एसपी डॉ. बिमल कुमार, एसएसबी 35वीं वाहिनी के कमांडेंट संजीव कुमार व सीआरपीएफ के अधिकारियों ने रामदयाल ऊर्फ बच्चन को 10 लाख का चेक भी दिया. यहां बताया गया कि राज्य मुख्यालय के आदेशानुसार गठित गिरिडीह जिला के जिला स्तरीय स्क्रीनिंग कमिटी के सदस्यों के समक्ष दस लाख रुपये के इनामी नक्सली रामदयाल महतो (पिता स्व. गुलाब चंद महतो) ने सरेंडर किया है. रामदयाल पीरटांड़ प्रखंड के पिपराडीह का रहने वाला है.

भाकपा माओवादी के जोनल कमेटी मेंबर रामदयाल महतो ने आत्मसमर्पण किया (ETV Bharat)

यहां पुलिस पदाधिकारियों ने बताया कि रामदयाल झारखंड-बिहार के कई नक्सली वारदात में शामिल रहा है. तोपचांची थाना उड़ाने और एसएलआर सहित करीब 07-08 हथियार को लूटने में इसकी अहम भूमिका रही है. वर्तमान में नक्सली बच्चन के नेतृत्व में वर्ष 2022 में डुमरी थाना के तलियाबहियार गांव के उप-मुखिया असलम अंसारी को पुलिस मुखबीर घोषित कर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. नक्सली रामदयाल महतो गिरिडीह जिला के 43 कांड और धनबाद जिला के 11 कुल 54 कांडों में वांछित रहा है. झारखंड राज्य में बच्चन का काफी लंबा आपराधिक इतिहास रहा है.

डीआईजी सुनील भास्कर ने बताया कि नक्सली रामदलाय महतो के आत्मसमर्पण किये जाने से अन्य उग्रवादियों को भी आत्मसमर्पण करने की प्रेरणा मिलेगी तथा वे लोग भी सरेंडर करने की दिशा में प्रयत्नशील होंगे. चूंकि ये नक्सली संगठन के जोनल कमिटी मेंबर रहे हैं, इनके आत्मसमर्पण से नक्सली घटनाओ में काफी कमी आएगी. इसके साथ ही गिरिडीह, बोकारो और धनबाद जैसे क्षेत्रों के साथ-साथ पूरे झारखंड में नक्सलियों के मनोबल में गिरावट आएगी.

इसे भी पढे़ं- लातेहार में दो इनामी नक्सलियों ने डाले हथियार, इलाके में कमजोर होगा माओवादी संगठन! - Naxalites surrendered

इसे भी पढ़ें- इनामी नक्सली मुनेश्वर गंझु ने किया सरेंडर, लंबे समय से रांची पुलिस को थी तलाश - Naxalite surrender

इसे भी पढ़ें- आईईडी का मकड़जाल तोड़ सुरक्षाबल कर रहे सारंडा फतेह, अभियान में चुकानी पड़ी है बड़ी कीमत! - Security forces Campaign in Saranda

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.