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12 साल की बेटी के साथ गंदी हरकत, कोर्ट ने दोषी पिता को सुनाई सात साल की सजा

उधम सिंह नगर में कोर्ट यौन शोषणा मामले में पिता को दोषी मानते हुए सात साल की सजा सुनाई.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

रुद्रपुर: नाबालिग बेटी के साथ गलत हरकत करने वाले पिता को कोर्ट ने दोषी मानते हुए सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा कोर्ट ने दोषी पर 30 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है. इस पूरे केस में विशेष लोक अभियानक ने कोर्ट के समक्ष 6 गवाह पेश किए गए थे.

विशेष लोक अभियोजन विकास गुप्ता ने बताया कि 14 जुलाई 2022 को एक महिला ने उधम सिंह नगर जिले के कुंडा थाने में तहरीर दी थी. तहरीर ने महिला ने आरोप लगाया था कि उसकी 12 साल की नाबालिग पुत्री रोज़ की तरह स्कूल के लिए घर से निकली थी. इसके बाद जब वो भी किसी काम से घर से बाहर निकली तो देखा कि बेटी की साइकिल और स्कूल का बैग दरवाज़े के बाहर पड़ा है. इसके अलावा बाहर बंधी भैंसें भी नहीं है.

महिला बेटी और भैसों को ढूंढते हुए जंगल पहुंची और बेटी को आवाज़ें लगाने लगी. तभी 12 साल की बेटी नग्न अवस्था में रोते हुए उसके पास आई. बेटी के पीछे महिला का पति भी आ गया. बेटी ने रोते हुए अपनी मां को बताया कि पिता उसे भैंसें चराने की बात कहकर जंगल लेकर आए, जहां उन्होंने उसके साथ गलत हरकत की. इससे पूर्व भी आरोपी पिता कई बार गंदी हरकतें कर चुका है. विरोध करने पर वह तमंचा व कट्टा दिखाकर धमकीं देता है कि अगर किसी को बताया तो उसे और परिवार को ख़त्म कर देगा. इसी डर के मारे वो चुप रहकर सब सहन करतीं रही.

महिला की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोपी पिता को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया. तब से आरोपी के खिलाफ पॉक्सो न्यायाधीश अश्वनी गौड़ की कोर्ट में मुक़दमा चल रहा था. इस दौरान विशेष लोक अभियोजक विकास गुप्ता ने 6 गवाह पेश किए गए. इसके बाद आज पॉक्सो न्यायाधीश अश्वनी गौड़ ने आरोपी को दोषी मानते हुए धारा 9/10 पॉक्सो एक्ट में 7 वर्ष के कठोर कारावास और 30 हज़ार रुपये जुर्माने तथा धारा 506 आईपीसी के तहत 2 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कहा कि जुर्माने की धनराशि पीड़िता को मिलेगी. न्यायाधीश ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि पीड़िता को 50 हज़ार रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जायें.

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रुद्रपुर: नाबालिग बेटी के साथ गलत हरकत करने वाले पिता को कोर्ट ने दोषी मानते हुए सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा कोर्ट ने दोषी पर 30 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है. इस पूरे केस में विशेष लोक अभियानक ने कोर्ट के समक्ष 6 गवाह पेश किए गए थे.

विशेष लोक अभियोजन विकास गुप्ता ने बताया कि 14 जुलाई 2022 को एक महिला ने उधम सिंह नगर जिले के कुंडा थाने में तहरीर दी थी. तहरीर ने महिला ने आरोप लगाया था कि उसकी 12 साल की नाबालिग पुत्री रोज़ की तरह स्कूल के लिए घर से निकली थी. इसके बाद जब वो भी किसी काम से घर से बाहर निकली तो देखा कि बेटी की साइकिल और स्कूल का बैग दरवाज़े के बाहर पड़ा है. इसके अलावा बाहर बंधी भैंसें भी नहीं है.

महिला बेटी और भैसों को ढूंढते हुए जंगल पहुंची और बेटी को आवाज़ें लगाने लगी. तभी 12 साल की बेटी नग्न अवस्था में रोते हुए उसके पास आई. बेटी के पीछे महिला का पति भी आ गया. बेटी ने रोते हुए अपनी मां को बताया कि पिता उसे भैंसें चराने की बात कहकर जंगल लेकर आए, जहां उन्होंने उसके साथ गलत हरकत की. इससे पूर्व भी आरोपी पिता कई बार गंदी हरकतें कर चुका है. विरोध करने पर वह तमंचा व कट्टा दिखाकर धमकीं देता है कि अगर किसी को बताया तो उसे और परिवार को ख़त्म कर देगा. इसी डर के मारे वो चुप रहकर सब सहन करतीं रही.

महिला की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोपी पिता को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया. तब से आरोपी के खिलाफ पॉक्सो न्यायाधीश अश्वनी गौड़ की कोर्ट में मुक़दमा चल रहा था. इस दौरान विशेष लोक अभियोजक विकास गुप्ता ने 6 गवाह पेश किए गए. इसके बाद आज पॉक्सो न्यायाधीश अश्वनी गौड़ ने आरोपी को दोषी मानते हुए धारा 9/10 पॉक्सो एक्ट में 7 वर्ष के कठोर कारावास और 30 हज़ार रुपये जुर्माने तथा धारा 506 आईपीसी के तहत 2 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कहा कि जुर्माने की धनराशि पीड़िता को मिलेगी. न्यायाधीश ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि पीड़िता को 50 हज़ार रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जायें.

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