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12 दोषियों को आजीवन कारावास सजा, किराया वसूलने को लेकर 12 साल पहले की थी हत्या - COURT NEWS

COURT NEWS : मारपीट और फायरिंग में एक की मौत और दो लोग घायल हो गए थे.

जिला एवं सेशन्स न्यायालय बाराबंकी
जिला एवं सेशन्स न्यायालय बाराबंकी (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 20, 2024, 11:05 PM IST

बाराबंकी : करीब 12 वर्ष पूर्व किराया वसूली को लेकर मारपीट और फायरिंग मामले में दोनों पक्षों के 12 आरोपियों को दोषी करार देते हुए बाराबंकी की एक अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस मारपीट और फायरिंग में जहां एक पक्ष से एक की मौत और दो लोग घायल हो गए थे, वहीं दूसरे पक्ष के दो लोग घायल हो गए थे. यह फैसला न्यायालय विशेष न्यायाधीश ईसी ऐक्ट उमेश चन्द्र पांडे द्वितीय ने बुधवार को सुनाया.


एडीजीसी रामजस सिंह ने अभियोजन कथानक का ब्यौरा देते हुए बताया कि कोठी थाना क्षेत्र के मान्दूपुर के रहने वाले वादी रमापति वर्मा ने जैदपुर थाने में तहरीर दी थी. जिसमें बताया था कि 02 जुलाई 2012 को शाम 4 बजे के करीब दुकानदारों से किराया वसूली को लेकर विवाद हो गया था. विवाद में बीबीपुर निवासी विजय कुमार, वीरेंद्र कुमार, सियाशरण व नागेंद्र मोहन, चंद्रमोहन, कुंदन, रंजीत ने सरेआम लाठी डंडे, करौली, कट्टे से लैस होकर अनिल कुमार और शिवकुमार को दौड़ाकर बुरी पीटा और फायर कर दी. जिसमें अनिल को गोली लग गई. उन्होंने तहरीर देकर बताया था कि आरोपियों ने जैदपुर से बाइक से लौट रहे वादी के भाई शिव बहादुर को रास्ते मे रोककर उसे बुरी तरह मारा पीटा और प्रधान शिवप्यारी के ललकारने पर वीरेन्द्र उर्फ पप्पू बाबा ने करौली से वार कर दिया. जिसमें शिवबहादुर की मौके पर ही मौत हो गई. जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू की. तत्कालीन विवेचक द्वारा मामले में वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग कर साक्ष्य संकलित कर कोर्ट में चार्जशीट फाइल की गई.

एडीजीसी अरविंद राजपूत ने अभियोजन कथानक का ब्यौरा देते हुए बताया कि दूसरे पक्ष ने क्रॉस मुकदमा लिखाते हुए बीबीपुर निवासी वादी विजय सिंह ने तहरीर दी. जिसमें आरोप लगाते हुए बताया कि 02 जुलाई 2012 को शाम 04 बजे के लगभग वह अपने परिवार के सदस्यों भाई सियाशरण, भतीजे चंद्रमोहन, रंजीत, कुंदन के साथ प्रत्येक वर्ष की भांति मेले के दुकानदारों से किराया वसूल कर रहे थे. उसी समय विपक्षीगण राजेन्द्र, रमेश, अनिल कुमार, शिवकुमार, शिवपाल, सूरजलाल, कन्धई, शिव बहादुर, मनीष लाठी डंडे, बांका फरसा और बंदूक से लैस होकर आए और गाली देते हुए वसूली करने से रोकने लगे और हमला बोल दिया. इस दौरान लाइसेंसी बंदूक से फायर कर दिया. हमले में वादी का भतीजा चंद्रमोहन, भाई सियाराम गम्भीर रूप से घायल हो गए. वादी की तहरीर पर जैदपुर थाने की पुलिस ने राजेन्द्र उर्फ सुतारा, रमेश, अनिल कुमार, शिवकुमार, शिवपाल, सूर्यलाल, कंधई और मनीष के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई.

उन्होंने बताया कि मुकदमे के दौरान पहले पक्ष के भगौती और दूसरे पक्ष के राजेन्द्र उर्फ सुतारा, सूर्यलाल और कंधई की मौत हो गई. अभियोजन पक्ष ने मामले में ठोस गवाहियां कराईं. दोनों पक्षों के गवाहों की गवाही और उनके वकीलों की बहस सुनने के बाद न्यायालय विशेष न्यायाधीश उमेश चन्द्र पांडे द्वितीय ने बुधवार को अपना फैसला सुना दिया. कोर्ट ने पहले पक्ष के 07 आरोपियों विजय कुमार, वीरेंद्र कुमार उर्फ पप्पू बाबा, सियाशरण उर्फ गुड्डू, नागेन्द्र मोहन उर्फ बबलू, चंद्रमोहन उर्फ मुन्ना, रंजीत उर्फ बड़कू और शिवप्यारी को दोषी करार देते हुए सभी को आजीवन कारावास और कुल 2 लाख 81 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. वहीं दूसरे पक्ष के 05 आरोपियों रमेश, अनिल कुमार, शिवकुमार, शिवपाल और मनीष को दोषी ठहराते हुए सभी को आजीवन कारावास और प्रत्येक को 50-50 हजार जुर्माने की सजा सुनाई.

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बाराबंकी : करीब 12 वर्ष पूर्व किराया वसूली को लेकर मारपीट और फायरिंग मामले में दोनों पक्षों के 12 आरोपियों को दोषी करार देते हुए बाराबंकी की एक अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस मारपीट और फायरिंग में जहां एक पक्ष से एक की मौत और दो लोग घायल हो गए थे, वहीं दूसरे पक्ष के दो लोग घायल हो गए थे. यह फैसला न्यायालय विशेष न्यायाधीश ईसी ऐक्ट उमेश चन्द्र पांडे द्वितीय ने बुधवार को सुनाया.


एडीजीसी रामजस सिंह ने अभियोजन कथानक का ब्यौरा देते हुए बताया कि कोठी थाना क्षेत्र के मान्दूपुर के रहने वाले वादी रमापति वर्मा ने जैदपुर थाने में तहरीर दी थी. जिसमें बताया था कि 02 जुलाई 2012 को शाम 4 बजे के करीब दुकानदारों से किराया वसूली को लेकर विवाद हो गया था. विवाद में बीबीपुर निवासी विजय कुमार, वीरेंद्र कुमार, सियाशरण व नागेंद्र मोहन, चंद्रमोहन, कुंदन, रंजीत ने सरेआम लाठी डंडे, करौली, कट्टे से लैस होकर अनिल कुमार और शिवकुमार को दौड़ाकर बुरी पीटा और फायर कर दी. जिसमें अनिल को गोली लग गई. उन्होंने तहरीर देकर बताया था कि आरोपियों ने जैदपुर से बाइक से लौट रहे वादी के भाई शिव बहादुर को रास्ते मे रोककर उसे बुरी तरह मारा पीटा और प्रधान शिवप्यारी के ललकारने पर वीरेन्द्र उर्फ पप्पू बाबा ने करौली से वार कर दिया. जिसमें शिवबहादुर की मौके पर ही मौत हो गई. जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू की. तत्कालीन विवेचक द्वारा मामले में वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग कर साक्ष्य संकलित कर कोर्ट में चार्जशीट फाइल की गई.

एडीजीसी अरविंद राजपूत ने अभियोजन कथानक का ब्यौरा देते हुए बताया कि दूसरे पक्ष ने क्रॉस मुकदमा लिखाते हुए बीबीपुर निवासी वादी विजय सिंह ने तहरीर दी. जिसमें आरोप लगाते हुए बताया कि 02 जुलाई 2012 को शाम 04 बजे के लगभग वह अपने परिवार के सदस्यों भाई सियाशरण, भतीजे चंद्रमोहन, रंजीत, कुंदन के साथ प्रत्येक वर्ष की भांति मेले के दुकानदारों से किराया वसूल कर रहे थे. उसी समय विपक्षीगण राजेन्द्र, रमेश, अनिल कुमार, शिवकुमार, शिवपाल, सूरजलाल, कन्धई, शिव बहादुर, मनीष लाठी डंडे, बांका फरसा और बंदूक से लैस होकर आए और गाली देते हुए वसूली करने से रोकने लगे और हमला बोल दिया. इस दौरान लाइसेंसी बंदूक से फायर कर दिया. हमले में वादी का भतीजा चंद्रमोहन, भाई सियाराम गम्भीर रूप से घायल हो गए. वादी की तहरीर पर जैदपुर थाने की पुलिस ने राजेन्द्र उर्फ सुतारा, रमेश, अनिल कुमार, शिवकुमार, शिवपाल, सूर्यलाल, कंधई और मनीष के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई.

उन्होंने बताया कि मुकदमे के दौरान पहले पक्ष के भगौती और दूसरे पक्ष के राजेन्द्र उर्फ सुतारा, सूर्यलाल और कंधई की मौत हो गई. अभियोजन पक्ष ने मामले में ठोस गवाहियां कराईं. दोनों पक्षों के गवाहों की गवाही और उनके वकीलों की बहस सुनने के बाद न्यायालय विशेष न्यायाधीश उमेश चन्द्र पांडे द्वितीय ने बुधवार को अपना फैसला सुना दिया. कोर्ट ने पहले पक्ष के 07 आरोपियों विजय कुमार, वीरेंद्र कुमार उर्फ पप्पू बाबा, सियाशरण उर्फ गुड्डू, नागेन्द्र मोहन उर्फ बबलू, चंद्रमोहन उर्फ मुन्ना, रंजीत उर्फ बड़कू और शिवप्यारी को दोषी करार देते हुए सभी को आजीवन कारावास और कुल 2 लाख 81 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. वहीं दूसरे पक्ष के 05 आरोपियों रमेश, अनिल कुमार, शिवकुमार, शिवपाल और मनीष को दोषी ठहराते हुए सभी को आजीवन कारावास और प्रत्येक को 50-50 हजार जुर्माने की सजा सुनाई.

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