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सरकारी भवनों और निजी प्रतिष्ठानों में आग से बचाव मामले में HC ने सरकार से मांगा जवाब - Allahabad High Court news

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 2, 2024, 8:22 AM IST

प्रयागराज के विभिन्न सरकारी भवनों और निजी प्रतिष्ठानों में फायर प्रिवेंशन एंड फायर सेफ्टी का अनुपालन नहीं हो रहा था. कोर्ट ने इसको लेकर सरकार से जवाब मांगा है, कि नोटिस देने के अलावा इस मामले में अब तक क्या किया है?

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ALLAHABAD HIGH COURT NEWS (photo credit- Etv Bharat)

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विभिन्न विद्यालयों में अध्यन कर रहे छात्र- छात्राओं की तरफ से फायर प्रिवेंशन एंड फायर सेफ्टी को लेकर दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई की थी. हाईकोर्ट ने आग सुरक्षा के उपाय को लेकर अधिकारियों से 26 जुलाई तक का जवाब दाखिल करने का समय दिया था. लेकिन इस मामले में किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.

अब इसको लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विभिन्न सरकारी भवनों और निजी प्रतिष्ठानों में फायर प्रिवेंशन एंड फायर सेफ्टी एक्ट 2005 का अनुपालन नहीं होने को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने यह भी बताने को कहा है, कि अग्निशमन विभाग ने विभिन्न प्रतिष्ठानों को नोटिस देने के अलावा अब तक क्या किया है?

यह आदेश चीफ जस्टीस अरुण भंसाली एवं विकास बुधवार की खंडपीठ ने विभिन्न विधि विश्वविद्यालयों में विधि छात्र छात्राओं की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है.

इसे भी पढ़े-इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम फैसला, कृषि भूमि होना अनुकम्पा नियुक्ति देने से इंकार का आधार नहीं हो सकता - Allahabad High Court Order

रिचिका सिंह और अन्य की जनहित याचिका में कहा गया है, कि याची विधि छात्र छात्राओं ने प्रयागराज के 24 विभिन्न सरकारी भवनों एवं निजी प्रतिष्ठानों की फैक्ट फाइंडिंग की. जिससे पता चला, कि उक्त भवनों में फायर प्रिवेंशन एंड फायर सेफ्टी एक्ट 2005 का अनुपालन नहीं हो रहा है. फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट आधार पर यह जनहित याचिका दाखिल की गई है. सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने अग्निशमन विभाग की ओर से आई जानकारी प्रस्तुत की. लेकिन कोर्ट को इसमें संतुष्टि नहीं मिली. कोर्ट ने सरकारी वकील को विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.

यह भी पढ़े-हाईकोर्ट ने कहा- मजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना DGP को भी फिर केस की जांच करने का आदेश देने का अधिकार नहीं - Allahabad High Court Order

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विभिन्न विद्यालयों में अध्यन कर रहे छात्र- छात्राओं की तरफ से फायर प्रिवेंशन एंड फायर सेफ्टी को लेकर दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई की थी. हाईकोर्ट ने आग सुरक्षा के उपाय को लेकर अधिकारियों से 26 जुलाई तक का जवाब दाखिल करने का समय दिया था. लेकिन इस मामले में किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.

अब इसको लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विभिन्न सरकारी भवनों और निजी प्रतिष्ठानों में फायर प्रिवेंशन एंड फायर सेफ्टी एक्ट 2005 का अनुपालन नहीं होने को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने यह भी बताने को कहा है, कि अग्निशमन विभाग ने विभिन्न प्रतिष्ठानों को नोटिस देने के अलावा अब तक क्या किया है?

यह आदेश चीफ जस्टीस अरुण भंसाली एवं विकास बुधवार की खंडपीठ ने विभिन्न विधि विश्वविद्यालयों में विधि छात्र छात्राओं की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है.

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रिचिका सिंह और अन्य की जनहित याचिका में कहा गया है, कि याची विधि छात्र छात्राओं ने प्रयागराज के 24 विभिन्न सरकारी भवनों एवं निजी प्रतिष्ठानों की फैक्ट फाइंडिंग की. जिससे पता चला, कि उक्त भवनों में फायर प्रिवेंशन एंड फायर सेफ्टी एक्ट 2005 का अनुपालन नहीं हो रहा है. फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट आधार पर यह जनहित याचिका दाखिल की गई है. सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने अग्निशमन विभाग की ओर से आई जानकारी प्रस्तुत की. लेकिन कोर्ट को इसमें संतुष्टि नहीं मिली. कोर्ट ने सरकारी वकील को विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.

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