नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा के मामले में आरोपी जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया. स्पेशल जज राकेश स्याल ने दो अगस्त को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया. सुनवाई के दौरान जगदीश टाइटलर की ओर से पेश वकील मनु शर्मा ने कहा था कि सीबीआई ने इस मामले में दो क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी.
उन्होंने कहा कि 2009 में सह-आरोपी सुरेश कुमार पानेवाला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी, जिसे ट्रायल कोर्ट ने बरी कर दिया. 1984 से 2022-23 तक इस मामले में कोई गवाह नहीं था. इतने लंबे समय बाद बनाए गए गवाहों पर भरोसा कैसे किया जा सकता है. इसके पहले मनु शर्मा ने जगदीश टाइटलर को मामले से बरी करने की मांग की थी. वहीं, जगदीश टाइटलर की ओर से गुरपतवंत पन्नू का नाम लेते हुए कहा गया था कि चूंकि पन्नू गवाहों का वकील था और उसे भारत ने आतंकवादी घोषित कर रखा था, ऐसे में जगदीश टाइटलर के खिलाफ मामला चलाने का कोई मतलब नहीं है और उसे इस मामले में बरी किया जाना चाहिए.
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गौरतलब है कि मामले में सीबीआई ने 16 अप्रैल को आरोप तय करने पर दलीलें पूरी कर ली थी. उससे पहले 4 अगस्त, 2023 को राऊज एवेन्यू कोर्ट की सेशंस कोर्ट ने जगदीश टाइटलर को अग्रिम जमानत दी थी. सीबीआई ने इस मामले में टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 109 और 302 लगाई है. सीबीआई के मुताबिक, टाइटलर ने ही भीड़ को उकसाया था, जिसके बाद भीड़ ने पुलबंगश के गुरुद्वारे में आग लगा दी थी.
गवाह का बयान किया गया दर्ज: वहीं 1984 सिख विरोधी दंगों के जनकपुरी से जुड़े मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले में गवाह ने तेजेंद्र सिंह का बयान दर्ज किया गया. स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने मामले की अगली सुनवाई सात अगस्त को करने का आदेश दिया. गवाह तेजेंद्र सिंह की मां जसपाल कौर का भी बयान दर्ज होना था. अभियोजन पक्ष ने बताया कि जसपाल कौर की उम्र 90 वर्ष है और वो याद्दाश्त खत्म होने समेत कई बीमारियों के जूझ रही हैं. तेजेंद्र सिंह ने कोर्ट से कहा कि उनकी मां की उम्र और बीमारी को देखते हुए उनका नाम गवाहों की सूची से हटा दिया जाए.
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