जयपुर. राजस्थान की 16वीं विधानसभा में प्रश्न काल के दौरान जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हुआ. सदन में 'चोर मचाए शोर' के जमकर नारे लगे. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे, तो प्रतिपक्ष के तमाम विधायक वेल में आकर जमकर नारेबाजी की. प्रतिपक्ष के हंगामे के बीच प्रश्न काल के शेष सवाल जवाब हुए.
आजादी के बाद का सबसे बड़ा भ्रस्टाचार: दरअसल विधायक इंद्रा ने बामनवास में जल जीवन मिशन में हुई अनियमितताओं की जांच को लेकर सदन में प्रश्न पूछा. इसके जवाब में मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि लोग तो जल पिलाने के लिए प्याऊ लगते हैं, पुण्य कमाते हैं, लेकिन राजस्थान में तो इस जल जीवन मिशन की योजना में इतना बड़ा पाप किया है, जिसको कभी माफ नहीं किया जा सकता.
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उन्होंने कहा कि आजादी के बाद अब तक का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार इसी योजना में पूर्ववर्ती सरकार में हुआ है. जहां भी जाते हैं, वहां पर देखते हैं कि अनियमितता ही अनियमितता मिलती है. इस योजना के तहत काम कुछ नही हुआ. सिर्फ इन्होंने लूटने के काम किया है. केंद्र सरकार की योजना के नाम पर राशि उठाई, लेकिन उसके बावजूद भी उसका काम नहीं किया. इन सब भ्रष्टाचार की जांच होगी, किसी को बख्शा नहीं जाएगा. जो भी दोषी होगा, उसको जेल में डाला जाएगा और जिस कंपनी ने काम किया है उसे ब्लैकलिस्ट करते हुए रिकवरी की जाएगी.
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चोर मचाए शोर: इसके बाद मंत्री कन्हैया लाल ने कहा कि अभी तो ED आई है, आगे देखिए क्या-क्या होता है. इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया, मंत्री ने कहा कि जो पाप किया है, तो सुना पड़ेगा, सुनने की क्षमता रखनी होगी. पानी की महत्वपूर्ण योजना थी जिसको आप लोगों ने भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया. इसके बाद प्रतिपक्ष सदन की वेल में आ गया और जोरदार हंगामा शुरू किया. प्रतिपक्ष ने अपनी बात रखने की कोशिश की, तो इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अगर आपको जाना है तो आप चले जाइए, लेकिन बीच में बोलने का अधिकार नहीं होगा.
सत्ता पक्ष ने सदन में जोर-जोर से नारे लगाए कि चोरों को बचाने का प्रयास हो रहा है, लेकिन नहीं चलेगा. इस दौरान सदन में 'चोर मचाए शोर' की जमकर नारे लगे. सदन में लगातार हंगामा बरपा रहा. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि किसी को बीच में बोलने का अधिकार नहीं है. राज्यपाल के अभिभाषण के वक्त अपनी बात रख देना. सदन में रहना है तो सुनना पड़ेगा, सदन नियमों से चलेगा. इसके बाद भी प्रतिपक्ष का हंगामा जारी रहा और प्रश्नकाल का समय समाप्त हो गया.