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बेटी व प्रेमी की हत्या के जुर्म में पिता को मौत की सजा, 10 को आजीवन कारावास - CONVICT FATHER SENTENCED TO DEATH

कोर्ट ने बेटी व प्रेमी की हत्या के मामले में पिता को मौत की सजा दी है, जबकि 10 अन्य को आजीवन कारावास दिया है.

Convict Father sentenced to death
दोषी पिता को मौत की सजा (ETV Bharat Sikar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 30, 2024, 6:59 PM IST

Updated : Nov 30, 2024, 7:35 PM IST

सीकर : जिले में 5 साल पहले हुए बहुचर्चित ऑनर किलिंग मामले में शनिवार को कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया. सीकर के एडीजे क्रम संख्या एक महेंद्र प्रताप सिंह बेनीवाल ने लड़की के पिता को ऑनर किलिंग करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई. वहीं, इस मामले में 10 अन्य लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

ऑनर किलिंग मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा (ETV Bharat Sikar)

यह पहला मामला है जब सीकर में ऑनर किलिंग के मामले में इतनी बड़ी सजा दी गई है. शनिवार को कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी करार दिया और उसके बाद पिता को मौत की सजा का ऐलान किया गया. इस मामले में तीन आरोपियों को बरी भी किया गया. परिवादी की ओर से एडवोकेट राजेंद्र कुमार हुड्डा ने इस पूरे मामले में पैरवी की. उन्होंने बताया कि मामला 21 अक्टूबर 2019 का है.

पढ़ें: प्रेम विवाह से नाराज परिवार ने बेटी का किया अपहरण, फिर उतार दिया मौत के घाट, पुलिस ने चिता से किया शव बरामद - Honor Killing in Jhalawar

यह था पूरा मामला : खाटू श्याम जी में गणपत नाम का युवक कपड़े की दुकान चलाता था. गणपत शादीशुदा था और उसकी दुकान पर अलोदा गांव की रहने वाली प्रेम कपड़े लेने आई थी. इस दौरान दोनों के बीच जान पहचान हुई और मामला प्रेम प्रसंग में बदल गया. गणपत ने प्रेम को एक मोबाइल दिया जिस पर दोनों की बात होती रहती थी. एक दिन प्रेम के पिता रामगोपाल को उसके मोबाइल के बारे में जानकारी मिल गई. उसने प्रेम के साथ जमकर मारपीट की और प्रेमी के बारे में पूछा.

पढ़ें: तीन साल बाद खौफनाक मौत का खुलासा, पिता निकला हत्यारा...हैरान करने वाली दास्तां

प्रेम और गणपतलाल के अफेयर के बारे में पिता रामगोपाल को पता चल चुका था. ऐसे में 21 अक्टूबर की रात रामगोपाल ने अपनी बेटी प्रेम के साथ मारपीट की और फिर प्रेमी गणपत को बुलाने को कहा. गणपत लाल अपनी बाइक लेकर जैसे ही पेट्रोल पंप के पास पहुंचा, तो रामगोपाल के कहने पर अन्य आरोपियों के द्वारा गणपतलाल का किडनैप कर लिया गया. इसके बाद गणपत को भी रामगोपाल अपने घर पर ले गया. जहां पर दोनों के साथ बेरहमी से मारपीट की.

पढ़ें: Ayushi Murder Case: भरतपुर के छत्रपाल से आयुषी ने की थी शादी, ऐसी थी ये छोटी सी Love Story!

इस मारपीट के दौरान दोनों की मौत हो गई, तो उनके शवों को रामगोपाल ने अपनी गाड़ी में डालकर जीणमाता-मांडोली की पहाड़ियों में सुनसान इलाके में गड्ढे में डाल दिया. इसके बाद खुद रामगोपाल ने खाटूश्यामजी थाने में अपनी ही बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई. संदेह जताया कि कुछ अज्ञात लोग उसकी बेटी का किडनैप कर ले गए.

22 अक्टूबर को गणपत के भाई बलदेव गोदारा को उनके साले भागचंद ने बताया कि सुबह उसके पास गणपत लाल के मित्र सुरेश चोपड़ा का कॉल आया था, जिसने उन्हें बताया कि रात को 11:15 बजे करीब गणपत लाल का कॉल आया था जिसमें पीछे झगड़ा होने की आवाज सुनाई दे रही थी. कुछ देर बाद ही उसका फोन स्विच ऑफ हो गया. सुरेश चोपड़ा ने उन्हें बताया कि गणपत लाल की बाइक पलसाना इलाके में से पेट्रोल पंप के पास खड़ी है.

इसके बाद परिजनों ने अपने स्तर पर तलाश शुरू की और पेट्रोल पंप के फुटेज भी चेक किया. जहां पता चला कि उनके भाई के साथ पेट्रोल पंप पर 21 अक्टूबर की रात को मारपीट हुई और कुछ बदमाश उसे किडनैप करके अपने साथ ले गए. गणपत लाल के भाई ने 23 अक्टूबर को रानोली पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया कि उनके भाई का 21 अक्टूबर की रात को किडनैप किया गया.

बलदेव की रिपोर्ट पर रानोली पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके मामले में अनुसंधान शुरू किया. जब पुलिस ने रामगोपाल से पूछताछ की, तो उसने हत्या की बात कबूल की. इसके बाद दोनों के शव जीण माता की पहाड़ियों से बरामद किए गए. मामले का पर्दाफाश होने के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया. करीब 5 साल बाद आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया.

सीकर : जिले में 5 साल पहले हुए बहुचर्चित ऑनर किलिंग मामले में शनिवार को कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया. सीकर के एडीजे क्रम संख्या एक महेंद्र प्रताप सिंह बेनीवाल ने लड़की के पिता को ऑनर किलिंग करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई. वहीं, इस मामले में 10 अन्य लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

ऑनर किलिंग मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा (ETV Bharat Sikar)

यह पहला मामला है जब सीकर में ऑनर किलिंग के मामले में इतनी बड़ी सजा दी गई है. शनिवार को कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी करार दिया और उसके बाद पिता को मौत की सजा का ऐलान किया गया. इस मामले में तीन आरोपियों को बरी भी किया गया. परिवादी की ओर से एडवोकेट राजेंद्र कुमार हुड्डा ने इस पूरे मामले में पैरवी की. उन्होंने बताया कि मामला 21 अक्टूबर 2019 का है.

पढ़ें: प्रेम विवाह से नाराज परिवार ने बेटी का किया अपहरण, फिर उतार दिया मौत के घाट, पुलिस ने चिता से किया शव बरामद - Honor Killing in Jhalawar

यह था पूरा मामला : खाटू श्याम जी में गणपत नाम का युवक कपड़े की दुकान चलाता था. गणपत शादीशुदा था और उसकी दुकान पर अलोदा गांव की रहने वाली प्रेम कपड़े लेने आई थी. इस दौरान दोनों के बीच जान पहचान हुई और मामला प्रेम प्रसंग में बदल गया. गणपत ने प्रेम को एक मोबाइल दिया जिस पर दोनों की बात होती रहती थी. एक दिन प्रेम के पिता रामगोपाल को उसके मोबाइल के बारे में जानकारी मिल गई. उसने प्रेम के साथ जमकर मारपीट की और प्रेमी के बारे में पूछा.

पढ़ें: तीन साल बाद खौफनाक मौत का खुलासा, पिता निकला हत्यारा...हैरान करने वाली दास्तां

प्रेम और गणपतलाल के अफेयर के बारे में पिता रामगोपाल को पता चल चुका था. ऐसे में 21 अक्टूबर की रात रामगोपाल ने अपनी बेटी प्रेम के साथ मारपीट की और फिर प्रेमी गणपत को बुलाने को कहा. गणपत लाल अपनी बाइक लेकर जैसे ही पेट्रोल पंप के पास पहुंचा, तो रामगोपाल के कहने पर अन्य आरोपियों के द्वारा गणपतलाल का किडनैप कर लिया गया. इसके बाद गणपत को भी रामगोपाल अपने घर पर ले गया. जहां पर दोनों के साथ बेरहमी से मारपीट की.

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इस मारपीट के दौरान दोनों की मौत हो गई, तो उनके शवों को रामगोपाल ने अपनी गाड़ी में डालकर जीणमाता-मांडोली की पहाड़ियों में सुनसान इलाके में गड्ढे में डाल दिया. इसके बाद खुद रामगोपाल ने खाटूश्यामजी थाने में अपनी ही बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई. संदेह जताया कि कुछ अज्ञात लोग उसकी बेटी का किडनैप कर ले गए.

22 अक्टूबर को गणपत के भाई बलदेव गोदारा को उनके साले भागचंद ने बताया कि सुबह उसके पास गणपत लाल के मित्र सुरेश चोपड़ा का कॉल आया था, जिसने उन्हें बताया कि रात को 11:15 बजे करीब गणपत लाल का कॉल आया था जिसमें पीछे झगड़ा होने की आवाज सुनाई दे रही थी. कुछ देर बाद ही उसका फोन स्विच ऑफ हो गया. सुरेश चोपड़ा ने उन्हें बताया कि गणपत लाल की बाइक पलसाना इलाके में से पेट्रोल पंप के पास खड़ी है.

इसके बाद परिजनों ने अपने स्तर पर तलाश शुरू की और पेट्रोल पंप के फुटेज भी चेक किया. जहां पता चला कि उनके भाई के साथ पेट्रोल पंप पर 21 अक्टूबर की रात को मारपीट हुई और कुछ बदमाश उसे किडनैप करके अपने साथ ले गए. गणपत लाल के भाई ने 23 अक्टूबर को रानोली पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया कि उनके भाई का 21 अक्टूबर की रात को किडनैप किया गया.

बलदेव की रिपोर्ट पर रानोली पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके मामले में अनुसंधान शुरू किया. जब पुलिस ने रामगोपाल से पूछताछ की, तो उसने हत्या की बात कबूल की. इसके बाद दोनों के शव जीण माता की पहाड़ियों से बरामद किए गए. मामले का पर्दाफाश होने के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया. करीब 5 साल बाद आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया.

Last Updated : Nov 30, 2024, 7:35 PM IST
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