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छात्रों के आंदोलन और धमकी भरे ईमेल के बाद बढ़ी आयोग की सुरक्षा, जानिए क्या है वजह - JSSC CGL EXAM CONTROVERSY

JSSC CGL EXAM को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब छात्रों के मुखर होने के बाद आयोग सकते में है.

Controversy over JSSC CGL EXAM students warned of agitation in Jharkhand
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग भवन (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 14, 2024, 7:48 PM IST

रांचीः झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा यानी सीजीएल को लेकर उठा विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. आयोग द्वारा चयनित 2231 अभ्यर्थियों का आगामी 16 दिसंबर से सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन होना है. लेकिन जिस तरह से एक बार फिर विवाद बढ़ा है उससे साफ लग रहा है कि यह फिलहाल शांत होनेवाला नहीं है.

जेएसएससी सीजीएल परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे छात्रों ने सोमवार 16 दिसंबर से जेएसएससी कार्यालय का घेराव की घोषणा करके आयोग और जिला प्रशासन की नींद उड़ा दी है. इन सबके बीच झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने शनिवार 14 दिसंबर को सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे अफवाह पर नाराजगी जताई. आयोग का कहना है कि प्रमाण पत्रों की जांच हेतु चयनित 2231 उम्मीदवार में से 2145 अभ्यर्थी झारखंड के निवासी हैं यानी 96 फीसदी अभ्यर्थी झारखंड के चयनित हुए हैं.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टः JSSC CGL EXAM को लेकर विवाद हुआ तेज (ETV Bharat)

आयोग के सचिव सुधीर गुप्ता और परीक्षा नियंत्रक अरविंद कुमार लाल ने मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कहा कि यह परीक्षा कदाचार मुक्त एवं निष्पक्ष ढंग से 21 और 22 सितंबर को आयोजित हुआ है. जिस तरह से कुछ लोगों के द्वारा सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाकर विद्यार्थियों को बरगलाने की कोशिश की जा रही है वह ठीक नहीं है. परीक्षा में हुए कदाचार से संबंधित आरोप पर छात्रों को पांच बार साक्ष्य उपस्थित करने के लिए मौका दिया गया.

इसको लेकर एक ब्लैंक सीडी और पेन ड्राइव समर्पित किया गया जिसमें कुछ भी नहीं था. इसके बावजूद शिकायतकर्ताओं को शपथ पत्र के साथ मूल मोबाइल एवं वीडियो समर्पित करने का नोटिस दिया गया. जिसका अनुपालन नहीं किया गया, जांच के क्रम में वीडियो एवं फोटो जो मिले हैं वह एडिटेड हैं. इसे प्रमाणित होता है कि जानबूझकर छात्रों को उकसाने का काम किया जा रहा है.

आयोग के सचिव सुधीर गुप्ता ने कहा कि सोशल मीडिया में यह भी अफवाह फैलाया जा रहा है कि झारखंड से बाहर के अभ्यर्थियों को बड़ी संख्या में पास किया गया है जो पूर्णतया निराधार है. डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए जारी की गई सूची में अनुसूचित जनजाति के लगभग 30% अनुसूचित जाति के लगभग 12% अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लगभग 22% एवं पिछड़ा वर्ग के लगभग 19% यानी कुल मिलाकर 83.5 प्रतिशत आरक्षण कोटि से आने वाले अभ्यर्थी शामिल हैं. चयनित अभ्यर्थियों में कई ऐसे आरक्षित कोटि के अभ्यर्थी हैं जो सामान्य श्रेणी में भी चयनित किए गए हैं.

जेएसएससी के पदाधिकारी को मिला ईमेल, जान से मारने की धमकी

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के पदाधिकारी को सीजीएल परीक्षा से जुड़े मामले में एक ईमेल के जरिए जान से मारने की धमकी आया है. जिसके बाद से आयोग कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है. धमकी भरे इस ईमेल की जानकारी देते हुए आयोग के सचिव सुधीर गुप्ता ने कहा कि इस ईमेल में आयोग के पदाधिकारी को भद्दी-भद्दी गलियों के साथ गोली मारने की धमकी दी गई है. धमकी भरे इस ईमेल के मिलने के बाद इसकी सूचना पुलिस पदाधिकारी को दी गई है.

इस धमकी भरा ईमेल मिलने के बाद झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. नामकुम चौक से झारखंड कर्मचारी चयन आयोग दफ्तर पहुंचने के रास्ते में कई स्थानों पर पुलिस की बैरिकेडिंग लगाई गयी है. शनिवार शाम आईजी पुलिस आयोग कार्यालय पहुंचे और 16 दिसंबर यानि सोमवार से शुरू हो रहे छात्रों के आंदोलन और सीजीएल परीक्षार्थियों के सर्टिफिकेट वेरीफिकेशन के दौरान कोई बाधा न पहुंचे इसको लेकर की गई तैयारी का जायजा लिया. आयोग कार्यालय के बाहर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर सोमवार सुबह 8:00 बजे से भारी संख्या में पुलिस बलों को तैनात करने की तैयारी की गई है.

छात्रों ने जेएसएससी कार्यालय घेरने की दी धमकी

पुलिस की तैयारी के बीच जेएसएससी सीजीएल परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर परीक्षार्थियों ने सोमवार 16 दिसंबर से झारखंड कर्मचारी चयन आयोग कार्यालय का घेराव करने का ऐलान किया है. छात्र नेता देवेंद्र महतो ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा है कि जब तक परीक्षा रद्द नहीं होती, छात्रों का आंदोलन जारी रहेगा. सोमवार को शांतिपूर्ण ढंग से पूरे राज्य भर से आने वाले छात्र आयोग कार्यालय का घेराव करने पहुंचेंगे.

राज्य सरकार ने दिए सीआईडी जांच के आदेश

इन विवादों के बीच आयोजित हुए स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा की जांच सीआईडी करेगी. आयोग के द्वारा मुख्यमंत्री को अनुशंसा किए जाने के बाद कार्मिक विभाग ने सीएम हेमंत सोरेन के निर्देश पर सीआईडी को इसकी जांच का जिम्मा सौंपा है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के सचिव के अनुसार आयोग जांच में पूरा सहयोग करेगा.

बहरहाल विवादों के बीच बीते 21 और 22 सितंबर को राज्य के 823 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित इस परीक्षा में 3 लाख 4694 अभ्यर्थी शामिल हुए थे. परीक्षा के बाद से ही इसमें कई तरह की गड़बड़ी की शिकायत सामने आने लगी और छात्र सड़क पर उतरने लगे मामला राजभवन तक पहुंचा. इसकी जांच शुरू हुई आयोग के द्वारा जांच को पूरा करके राजभवन और सरकार को तो सौंपा गया है. लेकिन छात्र संतुष्ट नहीं है और इस परीक्षा को रद्द करने की लगातार मांग करते आ रहे हैं.

इसे भी पढे़ं- JSSC CGL का रिजल्ट जारी, 16 से 20 दिसंबर तक होगा सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन - JSSC CGL 2023

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रांचीः झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा यानी सीजीएल को लेकर उठा विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. आयोग द्वारा चयनित 2231 अभ्यर्थियों का आगामी 16 दिसंबर से सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन होना है. लेकिन जिस तरह से एक बार फिर विवाद बढ़ा है उससे साफ लग रहा है कि यह फिलहाल शांत होनेवाला नहीं है.

जेएसएससी सीजीएल परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे छात्रों ने सोमवार 16 दिसंबर से जेएसएससी कार्यालय का घेराव की घोषणा करके आयोग और जिला प्रशासन की नींद उड़ा दी है. इन सबके बीच झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने शनिवार 14 दिसंबर को सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे अफवाह पर नाराजगी जताई. आयोग का कहना है कि प्रमाण पत्रों की जांच हेतु चयनित 2231 उम्मीदवार में से 2145 अभ्यर्थी झारखंड के निवासी हैं यानी 96 फीसदी अभ्यर्थी झारखंड के चयनित हुए हैं.

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आयोग के सचिव सुधीर गुप्ता और परीक्षा नियंत्रक अरविंद कुमार लाल ने मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कहा कि यह परीक्षा कदाचार मुक्त एवं निष्पक्ष ढंग से 21 और 22 सितंबर को आयोजित हुआ है. जिस तरह से कुछ लोगों के द्वारा सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाकर विद्यार्थियों को बरगलाने की कोशिश की जा रही है वह ठीक नहीं है. परीक्षा में हुए कदाचार से संबंधित आरोप पर छात्रों को पांच बार साक्ष्य उपस्थित करने के लिए मौका दिया गया.

इसको लेकर एक ब्लैंक सीडी और पेन ड्राइव समर्पित किया गया जिसमें कुछ भी नहीं था. इसके बावजूद शिकायतकर्ताओं को शपथ पत्र के साथ मूल मोबाइल एवं वीडियो समर्पित करने का नोटिस दिया गया. जिसका अनुपालन नहीं किया गया, जांच के क्रम में वीडियो एवं फोटो जो मिले हैं वह एडिटेड हैं. इसे प्रमाणित होता है कि जानबूझकर छात्रों को उकसाने का काम किया जा रहा है.

आयोग के सचिव सुधीर गुप्ता ने कहा कि सोशल मीडिया में यह भी अफवाह फैलाया जा रहा है कि झारखंड से बाहर के अभ्यर्थियों को बड़ी संख्या में पास किया गया है जो पूर्णतया निराधार है. डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए जारी की गई सूची में अनुसूचित जनजाति के लगभग 30% अनुसूचित जाति के लगभग 12% अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लगभग 22% एवं पिछड़ा वर्ग के लगभग 19% यानी कुल मिलाकर 83.5 प्रतिशत आरक्षण कोटि से आने वाले अभ्यर्थी शामिल हैं. चयनित अभ्यर्थियों में कई ऐसे आरक्षित कोटि के अभ्यर्थी हैं जो सामान्य श्रेणी में भी चयनित किए गए हैं.

जेएसएससी के पदाधिकारी को मिला ईमेल, जान से मारने की धमकी

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के पदाधिकारी को सीजीएल परीक्षा से जुड़े मामले में एक ईमेल के जरिए जान से मारने की धमकी आया है. जिसके बाद से आयोग कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है. धमकी भरे इस ईमेल की जानकारी देते हुए आयोग के सचिव सुधीर गुप्ता ने कहा कि इस ईमेल में आयोग के पदाधिकारी को भद्दी-भद्दी गलियों के साथ गोली मारने की धमकी दी गई है. धमकी भरे इस ईमेल के मिलने के बाद इसकी सूचना पुलिस पदाधिकारी को दी गई है.

इस धमकी भरा ईमेल मिलने के बाद झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. नामकुम चौक से झारखंड कर्मचारी चयन आयोग दफ्तर पहुंचने के रास्ते में कई स्थानों पर पुलिस की बैरिकेडिंग लगाई गयी है. शनिवार शाम आईजी पुलिस आयोग कार्यालय पहुंचे और 16 दिसंबर यानि सोमवार से शुरू हो रहे छात्रों के आंदोलन और सीजीएल परीक्षार्थियों के सर्टिफिकेट वेरीफिकेशन के दौरान कोई बाधा न पहुंचे इसको लेकर की गई तैयारी का जायजा लिया. आयोग कार्यालय के बाहर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर सोमवार सुबह 8:00 बजे से भारी संख्या में पुलिस बलों को तैनात करने की तैयारी की गई है.

छात्रों ने जेएसएससी कार्यालय घेरने की दी धमकी

पुलिस की तैयारी के बीच जेएसएससी सीजीएल परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर परीक्षार्थियों ने सोमवार 16 दिसंबर से झारखंड कर्मचारी चयन आयोग कार्यालय का घेराव करने का ऐलान किया है. छात्र नेता देवेंद्र महतो ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा है कि जब तक परीक्षा रद्द नहीं होती, छात्रों का आंदोलन जारी रहेगा. सोमवार को शांतिपूर्ण ढंग से पूरे राज्य भर से आने वाले छात्र आयोग कार्यालय का घेराव करने पहुंचेंगे.

राज्य सरकार ने दिए सीआईडी जांच के आदेश

इन विवादों के बीच आयोजित हुए स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा की जांच सीआईडी करेगी. आयोग के द्वारा मुख्यमंत्री को अनुशंसा किए जाने के बाद कार्मिक विभाग ने सीएम हेमंत सोरेन के निर्देश पर सीआईडी को इसकी जांच का जिम्मा सौंपा है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के सचिव के अनुसार आयोग जांच में पूरा सहयोग करेगा.

बहरहाल विवादों के बीच बीते 21 और 22 सितंबर को राज्य के 823 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित इस परीक्षा में 3 लाख 4694 अभ्यर्थी शामिल हुए थे. परीक्षा के बाद से ही इसमें कई तरह की गड़बड़ी की शिकायत सामने आने लगी और छात्र सड़क पर उतरने लगे मामला राजभवन तक पहुंचा. इसकी जांच शुरू हुई आयोग के द्वारा जांच को पूरा करके राजभवन और सरकार को तो सौंपा गया है. लेकिन छात्र संतुष्ट नहीं है और इस परीक्षा को रद्द करने की लगातार मांग करते आ रहे हैं.

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