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CM हाउस में आतिशी की शिफ्टिंग पर विवाद, भाजपा बोली- सील हो आवास - DELHI CM HOUSE POLITICS

दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता का आरोप, केजरीवाल ने आवास खाली करके पीडब्ल्यूडी को हैंडोवर नहीं किया. ऐसे में आतिशी कैसे रह सकती.

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4 अक्टूबर को आवास की चाबी सौंपती केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 9, 2024, 3:52 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते दिनों सिविल लाइन्स स्थित सरकारी आवास को खाली किया था, उस पर मुख्यमंत्री आतिशी द्वारा जबरन कब्जा करने का आरोप विपक्ष ने लगाया है. विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि अभी अधिकृत रूप से वह सरकारी आवास अरविंद केजरीवाल द्वारा खाली करके पीडब्ल्यूडी को हैंडओवर ही नहीं किया गया. ऐसे में आतिशी कैसे रह सकती है? उन्होंने विवादित सरकारी आवास को सील करने की मांग की है.

गुप्ता का कहना है कि जब मुख्यमंत्री आतिशी को सरकारी आवास AB-17 मथुरा रोड पहले से ही आवंटित है, उसके बावजूद सिविल लाइन्स के सरकारी आवास पर गैर कानूनी तरीके से कब्जा जमाए बैठी हैं. अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को आवास की चाबी सौंपने के बजाय आतिशी को क्यों दी? आम आदमी पार्टी की सरकार के अधिकारी जानबूझकर इस गैरकानूनी कब्जे को संरक्षण दे रहे हैं. वे पीडब्ल्यूडी विभाग से मांग करते हैं कि सरकारी आवास को तुरंत सील किया जाए और कानूनी कार्रवाई की जाए.

विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता (ETV Bharat)

पीडब्ल्यूडी आवास का करेगी इन्स्पेक्शन: उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने सरकारी आवास को लोक निर्माण विभाग को सौंपने में जानबूझकर बाधा डाल रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि इस आवास (शीशमहल) को सौंपने के बाद पीडब्ल्यूडी उनके घर का इन्स्पेक्शन करेगी, ताकि वहां रखे सामान की सूची बनाई जा सके. गुप्ता ने कहा कि ऐसा जानबूझकर किया जा रहा है. ताकि 'शीश महल' घोटाले में आवश्यक जांच को रोका जा सके जो कि खुद उनके निर्देश पर की गई है.

6 अक्टूबर 2024 को पीडब्ल्यूडी के पत्र में खुलासा हुआ कि सिविल लाइन्स के 6, फ्लैग स्टाफ रोड की चाबियां बिना किसी स्पष्ट कारण के पीडब्ल्यूडी को सौंपने के बजाय उनके निजी स्टाफ, प्रवेश रंजन झा को सौंपी गईं. इस पत्र में कहा गया कि जैसा कि आपको पता है. 6 फ्लैग स्टाफ रोड पर स्थित आवास के निर्माण के संबंध में विजिलेंस की जांच चल रही है. लिहाजा पीडब्ल्यूडी के लिए घर का निरीक्षण करना और घर में मौजूद सामान की विस्तृत सूची तैयार करना आवश्यक है, इससे पहले कि घर को नए सिरे से आवंटित किया जाए.

"आतिशी मार्लेना के पास मंत्री के रूप में पहले से आवंटित 17 ए.बी. मथुरा रोड़ का बंगला है और इसी बंगले से तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित ने 1998 से 2004 तक सरकार चलाई थी तो सुश्री मार्लेना क्यों नहीं चला सकती हैं." -वीरेंद्र सचदेवा, भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष

शीश महल की जांच रोकने के लिए बेताब: पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल से चाबियां लेने वाले मुख्यमंत्री के विशेष सचिव प्रवेश रंजन झा, पीडब्ल्यूडी के लेटर के बाद अचानक से लापता हो गए. उन्होंने खुद को जानबूझकर अस्पताल में भर्ती करा लिया. विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि आवंटन की औपचारिकताएं पूरी होने से पहले ही नई मुख्यमंत्री आतिशी ने घर में प्रवेश कर लिया और उसका कब्जा ले लिया. इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो रहा है कि अरविंद केजरीवाल पीडब्ल्यूडी को अपने 'शीश महल' की जांच करने से रोकने के लिए कितने बेताब हैं. आखिर वह जनता से छिपाना क्या चाहते हैं ?

हस्तांतरण प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेजों का खुलासा हो: मुख्यमंत्री निवास का तत्काल पीडब्ल्यूडी द्वारा निरीक्षण किया जाए, हस्तांतरण प्रक्रिया से जुड़े सभी दस्तावेजों का खुलासा किया जाए और पूरे घटनाक्रम की स्वतंत्र रूप से जांच करवाई जाए और इस जांच में मुख्यमंत्री के विशेष सचिव प्रवेश रंजन झा के अचानक गायब होने के कारणों का भी पता लगाया जाए. नेता विपक्ष ने कहा कि दिल्ली के लोगों को जानने का अधिकार है कि उनके पूर्व मुख्यमंत्री अपने 45 करोड़ रुपये के महलनुमा घर में क्या छिपाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने मांग की है कि जब तक पीडब्ल्यूडी की ओर से औपचारिक निरीक्षण करके वहां उपलब्ध सामान की लिस्ट बनाकर इसका आवंटन न हो जाए, तब तक पीडब्ल्यूडी द्वारा इस घर पर ताला लगा दिया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें: आतिशी को नहीं मिला मुख्यमंत्री आवास, तो संजय सिंह बोले- सीएम आवास पर कब्जा करना चाहती है भाजपा

ये भी पढ़ें: अगर AAP और कांग्रेस का गठबंधन होता तो हार जाती बीजेपी! पढ़िए क्या बोले राघव चड्ढा

नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते दिनों सिविल लाइन्स स्थित सरकारी आवास को खाली किया था, उस पर मुख्यमंत्री आतिशी द्वारा जबरन कब्जा करने का आरोप विपक्ष ने लगाया है. विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि अभी अधिकृत रूप से वह सरकारी आवास अरविंद केजरीवाल द्वारा खाली करके पीडब्ल्यूडी को हैंडओवर ही नहीं किया गया. ऐसे में आतिशी कैसे रह सकती है? उन्होंने विवादित सरकारी आवास को सील करने की मांग की है.

गुप्ता का कहना है कि जब मुख्यमंत्री आतिशी को सरकारी आवास AB-17 मथुरा रोड पहले से ही आवंटित है, उसके बावजूद सिविल लाइन्स के सरकारी आवास पर गैर कानूनी तरीके से कब्जा जमाए बैठी हैं. अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को आवास की चाबी सौंपने के बजाय आतिशी को क्यों दी? आम आदमी पार्टी की सरकार के अधिकारी जानबूझकर इस गैरकानूनी कब्जे को संरक्षण दे रहे हैं. वे पीडब्ल्यूडी विभाग से मांग करते हैं कि सरकारी आवास को तुरंत सील किया जाए और कानूनी कार्रवाई की जाए.

विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता (ETV Bharat)

पीडब्ल्यूडी आवास का करेगी इन्स्पेक्शन: उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने सरकारी आवास को लोक निर्माण विभाग को सौंपने में जानबूझकर बाधा डाल रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि इस आवास (शीशमहल) को सौंपने के बाद पीडब्ल्यूडी उनके घर का इन्स्पेक्शन करेगी, ताकि वहां रखे सामान की सूची बनाई जा सके. गुप्ता ने कहा कि ऐसा जानबूझकर किया जा रहा है. ताकि 'शीश महल' घोटाले में आवश्यक जांच को रोका जा सके जो कि खुद उनके निर्देश पर की गई है.

6 अक्टूबर 2024 को पीडब्ल्यूडी के पत्र में खुलासा हुआ कि सिविल लाइन्स के 6, फ्लैग स्टाफ रोड की चाबियां बिना किसी स्पष्ट कारण के पीडब्ल्यूडी को सौंपने के बजाय उनके निजी स्टाफ, प्रवेश रंजन झा को सौंपी गईं. इस पत्र में कहा गया कि जैसा कि आपको पता है. 6 फ्लैग स्टाफ रोड पर स्थित आवास के निर्माण के संबंध में विजिलेंस की जांच चल रही है. लिहाजा पीडब्ल्यूडी के लिए घर का निरीक्षण करना और घर में मौजूद सामान की विस्तृत सूची तैयार करना आवश्यक है, इससे पहले कि घर को नए सिरे से आवंटित किया जाए.

"आतिशी मार्लेना के पास मंत्री के रूप में पहले से आवंटित 17 ए.बी. मथुरा रोड़ का बंगला है और इसी बंगले से तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित ने 1998 से 2004 तक सरकार चलाई थी तो सुश्री मार्लेना क्यों नहीं चला सकती हैं." -वीरेंद्र सचदेवा, भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष

शीश महल की जांच रोकने के लिए बेताब: पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल से चाबियां लेने वाले मुख्यमंत्री के विशेष सचिव प्रवेश रंजन झा, पीडब्ल्यूडी के लेटर के बाद अचानक से लापता हो गए. उन्होंने खुद को जानबूझकर अस्पताल में भर्ती करा लिया. विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि आवंटन की औपचारिकताएं पूरी होने से पहले ही नई मुख्यमंत्री आतिशी ने घर में प्रवेश कर लिया और उसका कब्जा ले लिया. इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो रहा है कि अरविंद केजरीवाल पीडब्ल्यूडी को अपने 'शीश महल' की जांच करने से रोकने के लिए कितने बेताब हैं. आखिर वह जनता से छिपाना क्या चाहते हैं ?

हस्तांतरण प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेजों का खुलासा हो: मुख्यमंत्री निवास का तत्काल पीडब्ल्यूडी द्वारा निरीक्षण किया जाए, हस्तांतरण प्रक्रिया से जुड़े सभी दस्तावेजों का खुलासा किया जाए और पूरे घटनाक्रम की स्वतंत्र रूप से जांच करवाई जाए और इस जांच में मुख्यमंत्री के विशेष सचिव प्रवेश रंजन झा के अचानक गायब होने के कारणों का भी पता लगाया जाए. नेता विपक्ष ने कहा कि दिल्ली के लोगों को जानने का अधिकार है कि उनके पूर्व मुख्यमंत्री अपने 45 करोड़ रुपये के महलनुमा घर में क्या छिपाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने मांग की है कि जब तक पीडब्ल्यूडी की ओर से औपचारिक निरीक्षण करके वहां उपलब्ध सामान की लिस्ट बनाकर इसका आवंटन न हो जाए, तब तक पीडब्ल्यूडी द्वारा इस घर पर ताला लगा दिया जाना चाहिए.

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