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पीपल के पेड़ की जड़ों के पास सीमेंटीकरण रोकने में विफल MCD आयुक्त और उप वन संरक्षक को अवमानना ​​का नोटिस - Contempt notice to MCD commissioner

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर और वन विभाग के अफसर को नोटिस जारी किया है. 60 साल पुराने पीपल के पेड़ की जड़ों के पास सीमेंटीकरण मामले में कोर्ट ने इनसे पूछा है कि अदालत के आदेश का पालन नहीं कराने पर क्यों ना आपके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए.

दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 18, 2024, 9:31 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने ओल्ड राजेंद्र नगर में 60 साल पुराने पीपल के पेड़ की जड़ों के पास सीमेंटीकरण रोकने में नाकाम रहने पर दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर और उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के उप वन संरक्षक को नोटिस जारी किया है. बुधवार को जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने अधिकारियों से पूछा है कि आपके खिलाफ कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर क्यों नहीं अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए.

दिल्ली और उसके आसपास पेड़ों की दयनीय हालत पर चिंता जताते हुए हाईकोर्ट ने दिल्ली नगर निगम और मुख्य वन संरक्षक को निर्देश दिया कि वे पेड़ों की जड़ों के पास सीमेंटीकरण को रोकने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं? इसे लेकर दो हफ्ते में हलफनामा दाखिल करें. कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया ये साफ है कि दिल्ली नगर निगम और उत्तर पश्चिमी दिल्ली के उप वन संरक्षक कोर्ट की अवमानना के दोषी हैं. कोर्ट के आदेशों के अनुपालन के लिए दिल्ली नगर निगम और वन विभाग के वरिष्ठ अफसर जिम्मेदार हैं.

यह भी पढ़ेंः NDMC के साइंस पार्क में पेड़ बन रहे रोड़ा, प्रारंभिक डिजाइन में होगा बदलाव

दरअसल, हाईकोर्ट ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में एक पीपल के पेड़ की जड़ के पास सीमेंटीकरण के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है. याचिका में संबंधित पीपल के पेड़ की जड़ के पास सीमेंटीकरण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कोर्ट की अवमानना के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है. कहा गया है कि पीपल का पेड़ 60 साल पुराना है और उसकी जड़े इसलिए कमजोर हो गई हैं क्योंकि उसकी जड़ के पास सीमेंटीकरण कर दिया गया है.

इससे पीपल का पेड़ झुक गया है और उसके आसपास के घरों पर गिरने का खतरा है. याचिका में कहा गया है कि पीपल के पेड़ की जड़ों से सीमेंट हटाने की बजाय अधिकारियों ने उसकी शाखाओं और पत्तों को काटकर हटा दिया. याचिकाकर्ता ने पीपल के पेड़ की फोटो भी हाईकोर्ट को दिखाए.

यह भी पढ़ेंः 1100 पेड़ों की कटाई मामला: सौरभ भारद्वाज ने एलजी से मांगा इस्तीफा, दी खुली बहस की चुनौती

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने ओल्ड राजेंद्र नगर में 60 साल पुराने पीपल के पेड़ की जड़ों के पास सीमेंटीकरण रोकने में नाकाम रहने पर दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर और उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के उप वन संरक्षक को नोटिस जारी किया है. बुधवार को जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने अधिकारियों से पूछा है कि आपके खिलाफ कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर क्यों नहीं अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए.

दिल्ली और उसके आसपास पेड़ों की दयनीय हालत पर चिंता जताते हुए हाईकोर्ट ने दिल्ली नगर निगम और मुख्य वन संरक्षक को निर्देश दिया कि वे पेड़ों की जड़ों के पास सीमेंटीकरण को रोकने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं? इसे लेकर दो हफ्ते में हलफनामा दाखिल करें. कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया ये साफ है कि दिल्ली नगर निगम और उत्तर पश्चिमी दिल्ली के उप वन संरक्षक कोर्ट की अवमानना के दोषी हैं. कोर्ट के आदेशों के अनुपालन के लिए दिल्ली नगर निगम और वन विभाग के वरिष्ठ अफसर जिम्मेदार हैं.

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दरअसल, हाईकोर्ट ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में एक पीपल के पेड़ की जड़ के पास सीमेंटीकरण के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है. याचिका में संबंधित पीपल के पेड़ की जड़ के पास सीमेंटीकरण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कोर्ट की अवमानना के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है. कहा गया है कि पीपल का पेड़ 60 साल पुराना है और उसकी जड़े इसलिए कमजोर हो गई हैं क्योंकि उसकी जड़ के पास सीमेंटीकरण कर दिया गया है.

इससे पीपल का पेड़ झुक गया है और उसके आसपास के घरों पर गिरने का खतरा है. याचिका में कहा गया है कि पीपल के पेड़ की जड़ों से सीमेंट हटाने की बजाय अधिकारियों ने उसकी शाखाओं और पत्तों को काटकर हटा दिया. याचिकाकर्ता ने पीपल के पेड़ की फोटो भी हाईकोर्ट को दिखाए.

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