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सार्वजनिक स्थलों पर छेड़छाड़ का मामला, पटना हाइकोर्ट में अवमानना वाद दायर - Patna High Court - PATNA HIGH COURT

Eve Teasing in Public Place : आए दिन खबर आती है कि महिलाओं व युवतियों के साथ सार्वजनिक स्थानों पर छेड़छाड़ की जाती है. इसके विरुद्ध पटना उच्च न्यायालय में अवमानना वाद दायर किया गया है. पढ़ें पूरी खबर.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 28, 2024, 3:15 PM IST

पटना : राज्य में महिलाओं व युवतियों के साथ सार्वजनिक स्थलों पर होने वाली छेड़छाड़ और बदतमीजी को नियंत्रित करने के लिए पटना हाइकोर्ट में एक अवमानना वाद दायर किया गया है. ये अवमानना वाद अधिवक्ता ओमप्रकाश की ओर से दायर किया गया है.

'राज्य सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया' : याचिका में अधिवक्ता की ओर से बताया गया कि एक जनहित याचिका पर पटना हाइकोर्ट ने सुनवाई कर आदेश पारित किया, लेकिन राज्य सरकार ने उस पर कोई ठोस और प्रभावी कार्रवाई नहीं की. उन्होंने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाबजूद आये दिन असामाजिक तत्वों द्वारा सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं के विरुद्ध इस तरह की घटनाएं हो रही हैं.

पटना हाइकोर्ट ने क्या दिया था आदेश? : उन्होंने याचिका में ये कहा कि 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के विरुद्ध होने वाली घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए दिशा निर्देश जारी किया. लेकिन राज्य सरकार ने इस दिशा में ठोस और प्रभावी कार्रवाई नहीं की. पटना हाइकोर्ट ने अपने आदेश में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कार्रवाई करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने शिक्षण संस्थान, गर्ल्स हॉस्टल, कामकाजी महिला हॉस्टल, सिनेमा हॉल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशनों जैसे स्थानों पर महिला पुलिस बल तैनात करने का निर्देश जारी किया था.

पटना HC में अवमानना वाद दायर : यही नहीं, त्वरित कार्रवाई करने के लिए प्रत्येक जिला में फास्ट ट्रैक वीमेंस फ्रेंडली कोर्ट का गठन होना था. पैम्फलेट, बुकलेट, होर्डिंग के अलावे प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से इन घटनाओं, अपराधों, कानूनों के संबंध में जागरूकता अभियान चलाया जाना था. इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा कोई प्रभावी व ठोस कार्रवाई नहीं हुई. इस कारण पटना हाइकोर्ट में ये अवमानना वाद दायर हुआ है. इस मामले पर शीघ्र सुनवाई होने की संभावना है.

पटना : राज्य में महिलाओं व युवतियों के साथ सार्वजनिक स्थलों पर होने वाली छेड़छाड़ और बदतमीजी को नियंत्रित करने के लिए पटना हाइकोर्ट में एक अवमानना वाद दायर किया गया है. ये अवमानना वाद अधिवक्ता ओमप्रकाश की ओर से दायर किया गया है.

'राज्य सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया' : याचिका में अधिवक्ता की ओर से बताया गया कि एक जनहित याचिका पर पटना हाइकोर्ट ने सुनवाई कर आदेश पारित किया, लेकिन राज्य सरकार ने उस पर कोई ठोस और प्रभावी कार्रवाई नहीं की. उन्होंने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाबजूद आये दिन असामाजिक तत्वों द्वारा सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं के विरुद्ध इस तरह की घटनाएं हो रही हैं.

पटना हाइकोर्ट ने क्या दिया था आदेश? : उन्होंने याचिका में ये कहा कि 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के विरुद्ध होने वाली घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए दिशा निर्देश जारी किया. लेकिन राज्य सरकार ने इस दिशा में ठोस और प्रभावी कार्रवाई नहीं की. पटना हाइकोर्ट ने अपने आदेश में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कार्रवाई करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने शिक्षण संस्थान, गर्ल्स हॉस्टल, कामकाजी महिला हॉस्टल, सिनेमा हॉल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशनों जैसे स्थानों पर महिला पुलिस बल तैनात करने का निर्देश जारी किया था.

पटना HC में अवमानना वाद दायर : यही नहीं, त्वरित कार्रवाई करने के लिए प्रत्येक जिला में फास्ट ट्रैक वीमेंस फ्रेंडली कोर्ट का गठन होना था. पैम्फलेट, बुकलेट, होर्डिंग के अलावे प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से इन घटनाओं, अपराधों, कानूनों के संबंध में जागरूकता अभियान चलाया जाना था. इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा कोई प्रभावी व ठोस कार्रवाई नहीं हुई. इस कारण पटना हाइकोर्ट में ये अवमानना वाद दायर हुआ है. इस मामले पर शीघ्र सुनवाई होने की संभावना है.

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