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लिव इन रिलेशनशिप पंजीकरण पर भड़के कांग्रेसी, पूर्व मंत्री नवप्रभात के नेतृत्व में राज्यपाल को भेजा पत्र

Uttarakhand uniform civil code विकासनगर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूर्व मंत्री नव प्रभात के नेतृत्व में लिव इन रिलेशनशिप पंजीकरण को लेकर विरोध के सुर उठाए हैं. कांग्रेसियों ने एसडीएम के जरिए राज्यपाल को एक पत्र भेजा है. जिसमें उन्होंने लिव इन रिलेशनशिप पंजीकरण को रोकने की बात कही है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 13, 2024, 5:01 PM IST

Updated : Feb 13, 2024, 10:33 PM IST

लिव इन रिलेशनशिप पंजीकरण पर भड़के कांग्रेसी

विकासनगर: उत्तराखंड में यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप पंजीकरण को लेकर कांग्रेस के पूर्व मंत्री नव प्रभात ने विरोध किया है. जिसके तहत आज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तहसील में एसडीएम के माध्यम से राज्यपाल को संबोधित एक पत्र सौंपा है. जिसमें कहा गया है कि यह अनैतिक चीज भारतीय संस्कृति में नहीं है, इसलिए इसे रोका जाए.

नव प्रभात ने यूसीसी पर उठाये सवाल: पूर्व मंत्री नव प्रभात ने कहा कि विधानसभा में यूनिफॉर्म सिविल कोड का बिल पास हुआ है, उस बिल के एक विशेष प्रावधान के ऊपर कांग्रेस राज्यपाल का ध्यान आकर्षित कर रही है. इस बिल के तीन पार्ट हैं. पहले और दूसरे पार्ट में विवाह, गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे का प्रावधान किया गया है. यह प्रावधान बहुत सारे एक्ट को प्रभावित करते हैं और आज वह सारे एक्ट देश में प्रभावी हैं. उन्होंने कहा कि वह केंद्र सरकार के एक्ट हैं. ऐसे में किसी राज्य को अधिकार नहीं है कि वह उन एक्ट्स के अंदर कोई परिवर्तन करे.

नव प्रभात बोले समाज पर नई व्यवस्था थोप रही सरकार: नव प्रभात ने कहा कि जो समाज के विभिन्न वर्ग हैं, वह अपनी-अपनी बात को निश्चित रूप से न्यायालय में कहेंगे. हमारी आपत्ति तीसरे प्रावधान के ऊपर है. जिसमें लिव इन रिलेशनशिप को एक कानूनी जामा पहना दिया गया है. उन्होंने कहा कि व्यस्क लड़का है और व्यस्क लड़की को शादी करने का अधिकार है, तो सरकार नई व्यस्था लाकर समाज के ऊपर क्यों लादना चाहती है. इससे उत्तराखंड की संस्कृति बहुत प्रभावित होगी.

कांग्रेस ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन: पूर्व मंत्री नव प्रभात ने कहा कि देश के किसी भी कोने से आदमी है, यहां एक साल के लिए आएगा और यहां पर नई व्यवस्था में शादी करेगा तो, इसका अर्थ क्या है. यह संस्कृति को चोट पहुंचाने वाली चीज है, इसलिए हमने दिन का सत्याग्रह किया था और उसमें जितने लोगों ने सहमति व्यक्त करते हुए हस्ताक्षर किए थे. वह हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन राज्यपाल को भेजा गया है. उन्होंने कहा कि लिव इन रिलेशनशिप भारत की संस्कृति नहीं है. यह उन देशों की संस्कृति है, जहां परिवारों की एकता किन्हीं कारणों से टूट जाती है. भारतवर्ष मे रहने वाला कोई भी समाज या वर्ग हो, वह ऐसी अनैतिक चीजों को मान्यता नहीं देगा.

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लिव इन रिलेशनशिप पंजीकरण पर भड़के कांग्रेसी

विकासनगर: उत्तराखंड में यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप पंजीकरण को लेकर कांग्रेस के पूर्व मंत्री नव प्रभात ने विरोध किया है. जिसके तहत आज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तहसील में एसडीएम के माध्यम से राज्यपाल को संबोधित एक पत्र सौंपा है. जिसमें कहा गया है कि यह अनैतिक चीज भारतीय संस्कृति में नहीं है, इसलिए इसे रोका जाए.

नव प्रभात ने यूसीसी पर उठाये सवाल: पूर्व मंत्री नव प्रभात ने कहा कि विधानसभा में यूनिफॉर्म सिविल कोड का बिल पास हुआ है, उस बिल के एक विशेष प्रावधान के ऊपर कांग्रेस राज्यपाल का ध्यान आकर्षित कर रही है. इस बिल के तीन पार्ट हैं. पहले और दूसरे पार्ट में विवाह, गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे का प्रावधान किया गया है. यह प्रावधान बहुत सारे एक्ट को प्रभावित करते हैं और आज वह सारे एक्ट देश में प्रभावी हैं. उन्होंने कहा कि वह केंद्र सरकार के एक्ट हैं. ऐसे में किसी राज्य को अधिकार नहीं है कि वह उन एक्ट्स के अंदर कोई परिवर्तन करे.

नव प्रभात बोले समाज पर नई व्यवस्था थोप रही सरकार: नव प्रभात ने कहा कि जो समाज के विभिन्न वर्ग हैं, वह अपनी-अपनी बात को निश्चित रूप से न्यायालय में कहेंगे. हमारी आपत्ति तीसरे प्रावधान के ऊपर है. जिसमें लिव इन रिलेशनशिप को एक कानूनी जामा पहना दिया गया है. उन्होंने कहा कि व्यस्क लड़का है और व्यस्क लड़की को शादी करने का अधिकार है, तो सरकार नई व्यस्था लाकर समाज के ऊपर क्यों लादना चाहती है. इससे उत्तराखंड की संस्कृति बहुत प्रभावित होगी.

कांग्रेस ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन: पूर्व मंत्री नव प्रभात ने कहा कि देश के किसी भी कोने से आदमी है, यहां एक साल के लिए आएगा और यहां पर नई व्यवस्था में शादी करेगा तो, इसका अर्थ क्या है. यह संस्कृति को चोट पहुंचाने वाली चीज है, इसलिए हमने दिन का सत्याग्रह किया था और उसमें जितने लोगों ने सहमति व्यक्त करते हुए हस्ताक्षर किए थे. वह हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन राज्यपाल को भेजा गया है. उन्होंने कहा कि लिव इन रिलेशनशिप भारत की संस्कृति नहीं है. यह उन देशों की संस्कृति है, जहां परिवारों की एकता किन्हीं कारणों से टूट जाती है. भारतवर्ष मे रहने वाला कोई भी समाज या वर्ग हो, वह ऐसी अनैतिक चीजों को मान्यता नहीं देगा.

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Last Updated : Feb 13, 2024, 10:33 PM IST
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