वाराणसी: राहुल गांधी ने वाराणसी में जिस गोदौलिया चौराहे पर जनसभा की थी, वहां पर भाजपाइयों ने गंगाजल से धुलाई कर शुद्धि कार्यक्रम किया था. भाजपा के इस तरीके के काम के बाद कांग्रेस नेताओं में काफी आक्रोश है. कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भाजपा के इस काम के बदले IIT-BHU गैंगरेप के विरोध में बीएचयू परिसर को गंगा जल से धुलने का प्लान बनाया है. कांग्रेस का कहना है कि पार्टी आईआईटी कैंपस के स्थल का शुद्धिकरण कराएगी और भाजपाइयों की बुद्धि-शुद्धि के लिए अनुष्ठान भी करेगी. इसके साथ ही काशी विश्वनाथ मंदिर से राहुल की फोटो न मिलने पर भी नाराजगी जाहिर की.
दरअसल, बीते दिन यानी शनिवार को राहुल गांधी ने वाराणसी में भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाली थी. इस दौरान उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन किया. इसके बाद गोदौलिया चौराहे पर खुली जीप में एक जनसभा को संबोधित किया था. वहीं, राहुल के जाने के बाद उस स्थान पर भाजपा कार्यकर्ता पहुंच गए. फिर जहां पर राहुल ने जनसभा की थी. उस स्थान को गंगा जल से धुलने का काम किया. भाजपा की इस कार्रवाई से अब बनारस के कांग्रेस नेताओं में काफी आक्रोश है. उनका कहना है, कि इन सभी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. कांग्रेस ने इसको लेकर प्रशासन को अल्टीमेटम भी दिया है.
IIT-BHU परिसर को गंगाजल से धुलेंगे: महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे का कहना है कि, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की यात्रा के दौरान भाजपा के चंद नेताओं ने पहले तो माहौल बिगाड़ना चाहा. इसके बाद उनके जाने पर गोदौलिया चौक धोया. राघवेंद्र चौबे का कहना है, कि उन नेताओं ने पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में ऐसा किया और इसके फोटो वीडियो वायरल भी हुए. लेकिन, अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. कांग्रेस इन नेताओं पर अगले 48 घंटे में केस और कार्रवाई की मांग करती है. ऐसा नहीं होने पर कांग्रेस सड़क पर उतरेगी. उन्होंने कहा कि, कांग्रेस के नेता 48 घंटे बाद बीएचयू जाएंगे और गैंगरेप के विरोध में IIT-BHU परिसर को धुलेंगे. इसमें पकड़े गए आरोपी भाजपा के नेता थे और उनके कृत्य से परिसर अपवित्र हो गया है.
प्रशासन और मंदिर के लोगों पर मनमानी का आरोप: इसके साथ ही राघवेंद्र चौबे ने श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन पर भी कई आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि, भाजपा और संघ के नेताओं के दर्शन पूजन और शोडषोपचार के फोटो और वीडियो जारी किए जाते हैं. सांसद ही नहीं विधायकों ही नहीं संघ के नेताओं के फोटो सार्वजनिक किए जाते हैं. लेकिन, जब राहुल गांधी ने वहां पर दर्शन-पूजन किया, तो महज 6-7 तस्वीरें भेजी गईं. जिनमें से एक भी दर्शन करने की नहीं हैं. मंदिर के कैमरापर्सन ने फोटो खींची थीं. लेकिन, अब उससे इनकार किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया, कि प्रशासन और श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने अपनी मनमानी दिखाई है.
मंदिर प्रशासन पर फोटो न देने का आरोप: महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे का कहना है कि, राहुल गांधी ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन और अभिषेक किया था. मगर इस दौरान प्रशासन से लेकर मंदिर प्रशासन तक लापरवाह दिखा. काशी विश्वनाथ मंदिर में कई अव्यवस्थाएं भी मिलीं. अंतिम क्षण पर मंदिर में जाने के लिए हमारे कैमरा को मिली अनुमति निरस्त कर दी गई. जब हमने कैमरा ले जाने की बात कही तो जिला प्रशासन ने आश्वस्त किया कि मंदिर के कैमरापर्सन द्वारा फोटो हमें भेज दी जाएगी. कार्यक्रम के पूरे 24 घंटे तक लगातार प्रयास करने पर भी फोटो उपलब्ध नहीं कराई गई है. राहुल की यात्रा को लेकर जिला प्रशासन और मंदिर प्रशासन मनमाना व्यवहार कर रहा है.
यह भी पढ़े-राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा क्या बदल पाई लोगों का मन, देखिए क्या कहती है पब्लिक