चंडीगढ़: हरियाणा कांग्रेस की विधानसभा चुनाव को लेकर चंडीगढ़ में 11 जुलाई को अहम बैठक करने जा रही है. जिसमें पार्टी विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीति पर चर्चा करेगी. इस दौरान पार्टी नेता हरियाणा में संविधान बचाओ यात्रा निकालने को लेकर भी ऐलान कर सकते हैं. लेकिन पार्टी की वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा अलग से प्रदेशभर में अपनी पदयात्रा निकालने जा रही है.
कांग्रेस निकलेगी संविधान बचाओ यात्रा
हरियाणा कांग्रेस की गुरुवार को चंडीगढ़ में बैठक होने वाली है. इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष उदयभान, नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया भी शामिल होंगे. इस दौरान विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी अपनी रणनीति पर चर्चा तो करेगी ही, साथ ही प्रदेश में संविधान बचाओ यात्रा का भी कांग्रेस पार्टी एलान कर सकती है.
कांग्रेस संविधान बचाओ यात्रा पूरे प्रदेश में निकलने की तैयारी कर रही है. इसको लेकर पार्टी के केंद्रीय नेताओं के साथ पहले ही हरियाणा के कांग्रेस नेता चर्चा कर चुके हैं. उम्मीद की जा रही है कि गुरुवार को इस यात्रा की रूपरेखा पार्टी नेता मीडिया के सामने रखेंगे. सूत्रों की मानें तो इस यात्रा का नेतृत्व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा कर सकते हैं.
कुमारी सैलजा निकलेंगी पदयात्रा
एक तरफ पार्टी हरियाणा में संविधान बचाओ यात्रा का ऐलान करने वाली है. लेकिन इससे पहले ही पार्टी की वरिष्ठ नेता और सिरसा सांसद कुमारी सैलजा अपनी पद यात्रा का एलान कर चुकी हैं. कुमारी सैलजा इस महीने के अंत में विधानसभा चुनावों से पहले राज्य के शहरी मतदाताओं से जुड़ने के लिए अपनी अलग से पदयात्रा शुरू करने जा रही हैं. जिसमें उनका फोकस शहरी क्षेत्रों में कांग्रेस को मजबूत करना और बीजेपी पर निर्णायक बढ़त बनाना रहेगा.
कांग्रेस की अलग-अलग यात्रा निकालने के क्या हैं मायने?
राजनीतिक मामलों के जानकार धीरेंद्र अवस्थी कांग्रेस के नेताओं की अलग-अलग यात्राओं को लेकर कहते हैं कि भले ही दोनों का मकसद विधानसभा चुनाव में जन समर्थन जुटना है, लेकिन इसका जो संदेश लोगों तक पार्टी नेता पहुंचाना चाहते हैं वो तभी ज्यादा प्रभावी होगा जब यो सभी नेता एक साथ एक मंच को साझा करें. क्योंकि पार्टी को हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भी इसकी वजह से उतनी सफलता नहीं मिल पाई जिसकी उम्मीद थी.
धीरेंद्र अवस्थी कहते हैं कि भले ही प्रदेश की जनता बदलाव का मन बना चुकी हो, लेकिन कांग्रेस के नेताओं को अगर प्रदेश की सत्ता में वापस लौटना है तो उसके लिए सभी नेताओं का एक साथ आना जरूरी है. अगर ऐसा नहीं होता है तो उसका जनता में सही संदेश नहीं जायेगा, और सत्ता पक्ष उसका लाभ उठाने की पूरी कोशिश करेगा. इसलिए कांग्रेस के नेताओं को अपनी इस कमजोरी को पहले खत्म करने पर काम करना होगा.