जयपुर. साल 2024 के अंत में प्रदेश की भजनलाल सरकार ने पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार के समय बने तीन संभाग और 9 जिलों को खत्म करने का फैसला किया. इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर है. हालांकि, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक के चलते कांग्रेस ने 3 जनवरी तक अपने सभी कार्यक्रम और विरोध-प्रदर्शन स्थगित कर दिए हैं. लेकिन कांग्रेस के नेता इस मुद्दे पर बयानों के जरिए लगातार प्रदेश की भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं. अब 3 जनवरी के बाद कांग्रेस इस मुद्दे पर प्रदेश की भजनलाल सरकार के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ने के मूड में है. ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस तीन संभाग और 9 जिलों को खत्म करने के मुद्दे पर जल्द सड़क पर उतरेगी और प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ नए साल का पहला आंदोलन छेड़ेगी. कांग्रेस के नेता अपने बयानों में लगातार इस बात का संकेत दे रहे हैं.
डोटासरा ने पूछे सवाल : कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है, सरकार ने जिस कमेटी की सिफारिश पर जिलों और संभागों को खत्म करने का फैसला लिया है. उसके क्या मापदंड हैं. साथ ही यह भी कहा कि हम भी बताएंगे कि हमारी कमेटी ने किन मापदंड के आधार पर नए बनाने की सिफारिश की थी. हमारी कमेटी ने पूरी तरह से सही मापदंड अपनाए और उनके आधार पर नए जनता की भावना के अनुरूप नए जिले बनाए थे.
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बीजेपी पर साधा निशाना: गोविंद सिंह डोटासरा का आरोप है कि सरकार ने भाजपा के कार्यकर्ता ललित के. पंवार से 9 जिले और तीन संभाग खत्म करवा दिए. उन्होंने कहा, यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है. जब 1 जनवरी से जनगणना के चलते जिलों की सीमा बदलने पर रोक रहेगी. अवकाश के चलते कोई कोर्ट में भी नहीं जा सकता है. कोई इस मुद्दे पर दो साल कोई बात भी नहीं कर सकता. इससे बड़ा अन्याय क्या हो सकता है.
सरकार को झुकाकर ही लेंगे दम : उन्होंने कहा, सरकार को लग रहा था कि हमने जो जिले बनाए, उसमें किसी सीमा को इधर-उधर करना था. किसी तहसील को निकालना है या किसी पंचायत को निकालना है या किसी राजस्व गांव को निकालना है. तो एक साल में वो ऐसा कर सकते थे. उन्होंने चेतावनी दी कि कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक जनता के हितों की रक्षा के लिए खड़ी है. वे बोले, इस पर्ची सरकार ने जनता के हितों पर जो कुठाराघात किया है. उसे लेकर आंदोलन भी करेंगे और कंधे से कंधा मिलाकर जनता के हित की आवाज बुलंद करेंगे और सरकार को इस मुद्दे पर झुकाकर ही दम लेंगे.
गहलोत सरकार ने बनाए थे 17 जिले, तीन संभाग : गौरतलब है कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार ने 17 नए जिले और तीन नए संभाग बनाए थे. उस समय जयपुर ग्रामीण, बालोतरा, डीडवाना-कुचामन, फलौदी, अनूपगढ़, जोधपुर ग्रामीण, सलूंबर, सांचौर, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुर सिटी, खैरथल-तिजारा, डीग, कोटपूतली-बहरोड़, ब्यावर, केकड़ी और दूदू को नया जिला बनाया था. जबकि, सीकर, पाली और बांसवाड़ा को नए संभाग बनाया गया था.
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इन जिलों-संभागों पर चली सरकार की कैंची : राजस्थान में सत्ता बदलने के बाद भाजपा सरकार ने रिटायर्ड आईएएस अधिकारी ललित के. पंवार की अध्यक्षता में नए जिलों और संभागों की समीक्षा के लिए एक कमेटी बनाई थी. इस कमेटी की सिफारिश पर सरकार ने तीनों नए संभाग पाली, सीकर और बांसवाड़ा को खत्म कर दिया. जबकि नए बने 17 में से 9 जिलों को भी खत्म कर दिया. इस सरकार ने दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़ और सांचौर जिलों को खत्म करने का फैसला किया है.