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मानसून सत्र में गूंजेगा आपदा, बिगड़ी कानून व्यवस्था, बेरोजगारी का मुद्दा, विपक्ष ने पूरी की तैयारी - Gairsain monsoon session - GAIRSAIN MONSOON SESSION

Monsoon session in Gairsain मानसून सत्र में विपक्ष ने धामी सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है. विपक्ष आपदा, कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है.

GAIRSAIN MONSOON SESSION
मानसून सत्र में गूंजेगा आपदा का मुद्दा (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 3, 2024, 7:21 PM IST

Updated : Aug 3, 2024, 8:36 PM IST

मानसून सत्र में गूंजेगा आपदा का मुद्दा (GAIRSAIN MONSOON SESSION)

देहरादून: धामी सरकार ने मानसून सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा में करने का निर्णय लिया है. गैरसैंण में बीते वर्ष मार्च में बजट सत्र हुआ था. इसके बाद से वहां कोई सत्र आहूत नहीं किया गया. नियमानुसार छह महीने के भीतर दूसरा सत्र आयोजित किया जाना आवश्यक है. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य इस बार मानसून सत्र भराड़ीसैंण में आहूत किए जाने को सरकार की मजबूरी बताया है.

मानसून सत्र में विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा गैरसैंण में सत्र आहूत करना सरकार की बाध्यता है. नियमानुसार छह माह के भीतर दूसरा सत्र सुनिश्चित किया जाना चाहिए था, इसलिए सरकार ने मात्र तीन दिन का सत्र गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन में आहूत कराए जाने का निर्णय लिया है. उन्होंने सत्र के अवधि पर सवाल उठाते हुए कहा विपक्ष के पास बहुत बड़े मुद्दे हैं, इसमें आपदा एक बहुत बड़ा मुद्दा है. उन्होंने कहा आपदा की वजह से पूरे पहाड़ प्रभावित हुआ है. आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है. बूढ़ा केदार में विस्थापन की मांग उठ रही है, लेकिन सरकार कोई समाधान नहीं कर पाई है.

यशपाल आर्य ने कहा जब भी आपदा आती है, तभी सरकार की जुबान पर विस्थापन की बात आती है. धारचूला में विगत चार साल से आपदा ने विकराल रूप धारण किया हुआ है. आपदा में वहां के लोगों का सब कुछ तबाह हो गया है, यह भी सवाल है कि उनका विस्थापन भी सरकार नहीं कर पाई. इसी तरह तराई के क्षेत्रों में अतिवृष्टि से किसानों की फसलें चौपट हो रही है. जल भराव की वजह से लोगों के घरों में पानी घुसा हुआ है. इसको लेकर सरकार को सचेत रहना चाहिए. उन्होंने कहा सत्र में इन सभी मुद्दों को विपक्ष सरकार के समक्ष रखेगा. उन्होंने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हुए कहा राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है. गरीब और दलित समाज का उत्पीड़न हो रहा है. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा प्रदेश में खनन माफिया हावी हैं. राज्य की नदियों को खनन माफियाओं के हाथों में सौंप दिया गया है. ऐसे में विपक्ष इन सभी विषयों को मानसून सत्र में उठाने जा रहा है.

पढे़ं- गैरसैंण में होगा उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र, 21 अगस्त से होगा शुरू - Monsoon session in Gairsain

मानसून सत्र में गूंजेगा आपदा का मुद्दा (GAIRSAIN MONSOON SESSION)

देहरादून: धामी सरकार ने मानसून सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा में करने का निर्णय लिया है. गैरसैंण में बीते वर्ष मार्च में बजट सत्र हुआ था. इसके बाद से वहां कोई सत्र आहूत नहीं किया गया. नियमानुसार छह महीने के भीतर दूसरा सत्र आयोजित किया जाना आवश्यक है. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य इस बार मानसून सत्र भराड़ीसैंण में आहूत किए जाने को सरकार की मजबूरी बताया है.

मानसून सत्र में विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा गैरसैंण में सत्र आहूत करना सरकार की बाध्यता है. नियमानुसार छह माह के भीतर दूसरा सत्र सुनिश्चित किया जाना चाहिए था, इसलिए सरकार ने मात्र तीन दिन का सत्र गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन में आहूत कराए जाने का निर्णय लिया है. उन्होंने सत्र के अवधि पर सवाल उठाते हुए कहा विपक्ष के पास बहुत बड़े मुद्दे हैं, इसमें आपदा एक बहुत बड़ा मुद्दा है. उन्होंने कहा आपदा की वजह से पूरे पहाड़ प्रभावित हुआ है. आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है. बूढ़ा केदार में विस्थापन की मांग उठ रही है, लेकिन सरकार कोई समाधान नहीं कर पाई है.

यशपाल आर्य ने कहा जब भी आपदा आती है, तभी सरकार की जुबान पर विस्थापन की बात आती है. धारचूला में विगत चार साल से आपदा ने विकराल रूप धारण किया हुआ है. आपदा में वहां के लोगों का सब कुछ तबाह हो गया है, यह भी सवाल है कि उनका विस्थापन भी सरकार नहीं कर पाई. इसी तरह तराई के क्षेत्रों में अतिवृष्टि से किसानों की फसलें चौपट हो रही है. जल भराव की वजह से लोगों के घरों में पानी घुसा हुआ है. इसको लेकर सरकार को सचेत रहना चाहिए. उन्होंने कहा सत्र में इन सभी मुद्दों को विपक्ष सरकार के समक्ष रखेगा. उन्होंने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हुए कहा राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है. गरीब और दलित समाज का उत्पीड़न हो रहा है. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा प्रदेश में खनन माफिया हावी हैं. राज्य की नदियों को खनन माफियाओं के हाथों में सौंप दिया गया है. ऐसे में विपक्ष इन सभी विषयों को मानसून सत्र में उठाने जा रहा है.

पढे़ं- गैरसैंण में होगा उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र, 21 अगस्त से होगा शुरू - Monsoon session in Gairsain

Last Updated : Aug 3, 2024, 8:36 PM IST
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