देहरादून: उत्तराखंड के जंगल आग से धधक रहे हैं. कई क्षेत्रों में आग पर काबू पाने के बावजूद फिर जंगलों में आग लग रही है. वहीं कांग्रेस ने सरकार के आपदा प्रबंधन तंत्र को फेल बताते हुए सरकार पर जमकर हमला बोला है.
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कांग्रेस भवन में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि राज्य के जंगलों में वनाग्नि का फैलना चिंता का विषय बन गया है. कुमाऊं और गढ़वाल मंडलों के पांच जिले ऐसे हैं जो व्यापक रूप से आग लगने की वजह से प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा कि बीते वर्ष प्रदेश के जंगलों में आग लगने की करीब 14 सौ घटनाएं घटित हुई. लेकिन इस बार राज्य के वनों में आग लगने की घटना में 5 गुना वृद्धि हुई है और आबादी क्षेत्र तक वनाग्नि फैल चुकी है. लेकिन आपदा प्रबंधन तंत्र का सिस्टम गड़बड़ाया हुआ है.
सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि शासन प्रशासन की ओर से वनाग्नि को रोकने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन जंगलों में लगी आग को अब तक नियंत्रित नहीं किया जा सका है. उन्होंने कहा कि जो तैयारी सितंबर अक्टूबर से शुरू हो जानी चाहिए थी, उसमें विलंब किया गया. उन्होंने सवाल उठाया कि हर साल होने वाली वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार पहले से ही जरूरी कदम क्यों नहीं उठाती है. मई और जून भीषण गर्मी के महीने मानें जाते हैं, लेकिन प्रदेश में अभी से ही वनाग्नि कंट्रोल में नहीं है.
उन्होंने राजधानी देहरादून के खुड़बुड़ा मोहल्ला में हुए भीषण अग्निकांड पर भी सरकार को घेरा. खुड़बुड़ा मोहल्ले में आग से करीबन 20 से ज्यादा झोपड़ियां जलकर राख हो गई. इस अग्निकांड को लेकर भी कांग्रेस पार्टी ने सवाल उठाए हैं. सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि आग लगने के डेढ़ घंटे बाद बस्ती में आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची. उन्होंने आश्चर्य जताया कि आग लगने के काफी देर बाद तक कोई जिम्मेदार आला अधिकारी, स्थानीय विधायक मौके पर नहीं पहुंचे. उन्होंने कहा कि राजधानी देहरादून के कई इलाकों में पानी का संकट गहरा रखा है, लेकिन प्रदेश सरकार को जनता के दुखों से कोई लेना-देना नहीं है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी को सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा.
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