देहरादून: कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर सरकार की नीति और नीयत पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने इसे भाजपा का चुनावी मुद्दा बताया. देश-प्रदेश के महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इसे फिर लाया जा रहा है. कहा कि इस महत्वपूर्ण विषय पर विपक्षी दलों को विश्वास में नहीं लिया गया और ना ही अब तक कमेटी ने इस मसौदे को साझा करके विपक्ष के साथ कोई व्यापक चर्चा की.
बता दें कि आज करीब ढाई साल बाद समिति ने यूसीसी का राज्य सरकार को ड्राफ्ट सौंपा है. माहरा का कहना है की यूनिफॉर्म सिविल कोड भाजपा का चुनावी मुद्दा रहा है और चुनावी समय पर ही इसको बार-बार हवा दी जाती रही है. उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए और देश-प्रदेश के महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इसे फिर लाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता पर गठित कमेटी आज धामी सरकार को रिपोर्ट सौंप रही है, जबकि इस महत्वपूर्ण विषय पर विपक्षी दलों को विश्वास में नहीं लिया गया और ना ही अब तक कमेटी ने इस मसौदे को साझा करके विपक्ष के साथ कोई व्यापक चर्चा की.
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उन्होंने आगे कहा कि यूसीसी को लागू करना राज्य सरकार का विषय नहीं है और यह केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है. ऐसे में भाजपा यूसीसी को उत्तराखंड में लागू कर के हमारे राज्य को एक प्रयोगशाला के रूप में इस्तेमाल कर रही है, जबकि भाजपा को याद रखना चाहिए कि प्रदेश में विभिन्न धर्म जाति और जनजाति के लोग बसते हैं. हमारा संविधान हम सभी को अपने-अपने धार्मिक और सांस्कृतिक तरीके से जीवन यापन करने का मूल अधिकार देता है. उन्होंने कहा कि चुनावी रणनीति के तहत मुख्यमंत्री धामी इस ड्राफ्ट को ला रहे हैं.