जयपुर. राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान भ्रष्ट प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की अभियोजन स्वीकृति पर भजनलाल सरकार घिरी हुई दिखी. अभियोजन स्वीकृति के सवाल पर सरकार की ओर से दोहरा जवाब दिया गया, जिसकी वजह से सदन में जमकर हंगामा हुआ. मंत्री ने पहले तो कहा कि सरकार ने अपने इस कार्यकाल में एक भी प्रकरण में अभियोजन स्वीकृति नहीं दी. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने जीरो टॉलरेंस का सवाल उठाया तो मंत्री ने जवाब बदलते हुए कहा हमने 11 प्रकरण में स्वीकृति दी, जिसके बाद सदन में हंगामा हुआ और पक्ष-विपक्ष आमने-सामने हो गए. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने दखल करके मामले को शांत कराया.
यूं बरपा हंगामा : दरअसल, विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक अतुल भंसाली ने सवाल किया कि प्रदेश में भ्रष्ट भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, राजस्थान प्रशासनिक सेवा और राजस्थान पुलिस सेवा के अधिकारियों के कितने प्रकरण अभियोजन स्वीकृति के लिए लंबित हैं? कितने प्रकरण अभियोजन स्वीकृति के लिए लंबित हैं? इन प्रकरणों को कब तक निपटा दिया जाएगा, क्योंकि अभियोजन की स्वीकृति में देरी होने पर सेटलमेंट करने का प्रयास किया जाता है और अपराधी बचने का कोई कोई जुगाड़ निकालने की कोशिश करता है. इस प्रकार के प्रकरणों में त्वरित कार्रवाई की जाए. इसके जवाब में मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि 18 प्रकरण 2018 से विचाराधीन हैं. इन प्रकरणों में अलग-अलग कारणों से अभियोजन की स्वीकृति नहीं मिली है. हम प्रयास करेंगे कि जल्द स्वीकृति मिले.
इस बीच में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली खड़े हुए और उन्होंने कहा कि जो सरकार जीरो टॉलरेंस की बात करती है, यह बताएं कि पिछले 8 महीने में कितने अभियोजन को स्वीकृति दी. इसके जवाब में मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि पिछले 8 महीने में एक भी अभियोजन स्वीकृति नहीं दी. इसके बाद जूली बोले कि क्या आपका यही जीरो टॉलरेंस है कि एक भी अभियोजन स्वीकृति नहीं दी. इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हो गए. सदन में हंगामा होने लगा. हंगामे के बीच मंत्री जोगाराम पटेल ने जवाब को बदलते हुए कहा कि 8 महीने में 11 प्रकरणों में स्वीकृति दे दी गई है. इसके बाद विपक्ष ने फिर हंगामा शुरू किया और कहा कि सदन में एक सवाल के दो जवाब, कभी शून्य बताया जा रहा है तो बाद में 11. आंकड़ों में अंतर है, जवाब सही नहीं है. इस पर मंत्री ने कहा कि जवाब वो दिया जाएगा जो तथ्यों के आधार पर हैं.
प्रश्नकाल में इन पर भी सवाल जवाब : विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी विधायक कालीचरण सर्राफ ने देवस्थान विभाग की नंदन कानन योजना में प्रदेश के कितने मंदिरों में काम शुरू हुआ, इसको लेकर सवाल किया. इसके जवाब में मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि पांच मंदिरों में काम किया जा रहा, सरकार इसकी समीक्षा करेगी या चालू रखेगी. सदन में बिलाड़ा के अस्पतालों में रिक्त पदों का मामला भी उठा, जिस पर मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि हर एक पद को भरने की प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं. दंत चिकित्सकों की परीक्षा आयोजित की गई है. रिक्त पदों को आगामी पदोन्नति प्रक्रिया के बाद भरने का काम किया जाएगा. बिलाड़ा चिकित्सालय को क्रमोन्नत करने की घोषणा की गई है. सदन में विधायक शंकर सिंह रावत ने विधानसभा क्षेत्र ब्यावर की बूजारेल से दुधालेशवर सड़क का डामरीकरण को लेकर प्रश्न किया. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक निर्माण मंत्री जवाब दें कि सड़क स्वीकृत की गई है, सड़क का कॉस्ट 44 करोड़ है, लेकिन 15 करोड़ रुपए ही पास हुए हैं, बाकी पैसा कहां से आएगा, सड़क कैसे बनेंगी? इस पर उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने कहा कि अगर जरूरत होगी तो 15 करोड़ से आगे की राशि के लिए सरकार की तरफ से प्रबंध किया जाएगा.
विधानसभा क्षेत्र खेतड़ी के बबाई डेयरी प्लांट की क्षमता को लेकर विधायक धर्मपाल के प्रश्न पर पशुपालन मंत्री जोगाराम कुमावत ने जवाब दिया कि वर्तमान में बबाई डेयरी प्लांट में 5133 लीटर प्रतिदिन दूध संकलन हो रहा है, जबकि इसकी क्षमता 25,000 लीटर दूध संकलन की है, लेकिन यहां इतना दूध नहीं आ रहा. इसकी बड़ी वजह है कि दूसरी डेयरी में दूध जाता है. इसके अलावा प्रदेश में ओलावृष्टि से पीड़ित किसानों को मुआवजे को लेकर विधायक घनश्याम मेहर ने सवाल किया जिसके जवाब में मंत्री ओटाराम देवासी ने कहा कि भारत सरकार की ओर से SDRF के नियमों के अनुसार पिछले पांच वर्षों में 10314 करोड़ राशि प्राप्त हुई. प्राप्त राशि का किसानों को भुगतना किया. प्राकृतिक आपदा में गिरदावरी रिपोर्ट के आधार पर 33% खराबी के अनुसार मुआवजा देने का प्रावधान, एसडीआरएफ के प्रावधान के अनुसार भुगतान किए जाते हैं.