हजारीबाग: भारतीय जनता पार्टी ने हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली मौजूदा झामुमो-कांग्रेस सरकार को चुनौती देने के लिए पूरे झारखंड में 'परिवर्तन यात्रा' शुरू की है. 20 सितंबर को गृह मंत्री अमित शाह ने साहिबगंज में अभियान की शुरुआत की थी, जो 3 अक्टूबर तक सभी 81 विधानसभा क्षेत्रों को छूते हुए 5,400 किलोमीटर की यात्रा तय करेगी.
बीजेपी परिवर्तन यात्रा में 'न सहेंगे, न चुप रहेंगे, बदलाव लाएंगे' नारा चला रही है. भाजपा का मानना है कि यह परिवर्तन रैली झारखंड में भाजपा का प्रभाव बढ़ाएगा. साथ ही राज्य के भीतर पर्याप्त राजनीतिक और सामाजिक सुधार का मार्ग दुरुस्त करेगा. इसी कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 अक्टूबर को हजारीबाग में जनसभा को संबोधित करेंगे.
भाजपा परिवर्तन यात्रा पर विरोधियों का बयान
इस रैली को लेकर कांग्रेस के पर्यवेक्षक नरेश कुमार का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी राज्य की महागठबंधन सरकार से कुछ इस कदर भयभीत हैं कि देशभर के कई भाजपा शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री को रैली में भेजा जा रहा है. प्रधानमंत्री अगर कुछ कहना ही चाहते हैं तो रोजगार की बात करें, गैस सिलेंडर की कीमत की बात करें. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक भी ऐसा योजना नहीं है, जिसमें 10 हजार लोगों को रोजगार मिला हो. राज्य सरकार के भय के कारण नेताओं का आने-जाने का सिलसिला लगातार जारी है.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला मंत्री अनिरुद्ध कुमार भी कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी लोगों को लुभाने के लिए रैली का सहारा ले रहे हैं. अगर रैली को देखा जाए तो आम जनता की भागीदारी नहीं है. पार्टी के कार्यकर्ता और नेता ही भीड़ दिखाकर इसे सफल बता रहे हैं. उनका कहना है कि चुनाव के समय इस तरह की रैली होती रहती है. भाजपा यहां की जनता को बरगलाने के लिए दूसरे राज्य के मुख्यमंत्री को भेज रही है.
परिवर्तन यात्रा के जरिए भाजपा आम जनता को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है तो दूसरी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मंईयां सम्मान योजना के जरिए आम जनता के पास पहुंच रहे हैं.
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