देहरादून: इन दिनों उत्तराखंड चारधाम यात्रा जारी है. यात्रा व्यवस्थाओं की चुनौती के बीच पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का बयान सामने आया है. जिसमें उन्होंने यात्रियों की सुरक्षा और उनकी सुविधाओं को लेकर नियामक एजेंसी बनाए जाने की बात कही है. साथ ही पुलिस प्रशासन और अधिकारियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि चुनाव का हवाला देकर अधिकारी अपनी नाकामियों को ना छुपाएं. उनके इस बयान का कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने समर्थन किया है.
हीरा सिंह बिष्ट ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को बताया साहसी: कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट का कहना है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत का यात्रा को लेकर बयान सामने आया है. जिसमें उनका कहना है कि चारधाम यात्रा की व्यवस्थाएं चरमराई हुई हैं. ऐसे में उन्होंने इस बात को कहकर बड़ी हिम्मत और साहस का काम किया है, क्योंकि निश्चित रूप से चारधाम यात्रा में अव्यवस्थाएं देखने को मिल रही हैं.
चारधाम व्यवस्थाओं को लेकर उठाए सवाल: हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि चारधामों के दर्शन करने के लिए पहली बार आ रहे यात्री बगैर दर्शन किए ही अपने घरों के लिए वापस लौट रहे हैं. यात्रियों के लिए सरकार ने रुकने की कोई उचित व्यवस्था नहीं की है और ना ही मेडिकल व्यवस्थाओं के समुचित इंतजाम किए हैं. उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा हमारे प्रदेश की धरोहर रही है, लेकिन इस धार्मिक यात्रा का महत्व सरकार नहीं समझ पाई है.
धामी सरकार पर यात्रा को गंभीरता से न लेने का आरोप: हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि धामी सरकार ने चारधाम यात्रा को गंभीरता से नहीं लिया. अगर मुख्यमंत्री ने यात्रा को गंभीरता से लिया होता तो यात्रा को सफल और सुगम बनाने के लिए मंत्रियों की ड्यूटी लगाते, जिससे यात्रियों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता. उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र रावत ने धामी सरकार को चेताया है कि प्रशासनिक व्यवस्था सरकार के काबू से बाहर है. जिसके परिणाम स्वरूप यात्रा में अव्यवस्थाएं देखने को मिल रही हैं.
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