देहरादून: केदारनाथ उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. इसी कड़ी में आज कांग्रेस के नेताओं की वर्चुअल बैठक हुई. बैठक में प्रत्याशी के चयन को लेकर भी चर्चा की गई. इसके साथ ही केदारनाथ उपचुनाव की तैयारियों पर भी विस्तृत बातचीत की गई. बैठक में उपचुनाव को लेकर बनाए गए चारों पर्यवेक्षकों के अलावा कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा, सह प्रभारी परगट सिंह और सुरेंद्र शर्मा, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह शामिल हुए.
केदारनाथ सीट पर कांग्रेस के पास 12 प्रत्याशियों के नाम: वर्चुअल बैठक के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने बताया कि केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर करीब 12 प्रत्याशियों के नाम सामने आए हैं. इस बैठक में उम्मीदवार और चुनावी रणनीति को लेकर विस्तार से चर्चा की गई. उन्होंने बताया कि आगामी 24 अक्टूबर को दिल्ली में फिजिकल बैठक होने जा रही है. इस बैठक में कांग्रेस पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे.
24 अक्टूबर को दिल्ली में प्रत्याशी का नाम होगा फाइनल: दरअसल, आगामी 24 अक्टूबर को दिल्ली में होने जा रही बैठक में केदारनाथ उपचुनाव में प्रत्याशी को लेकर बड़े निर्णय लिए जा सकते हैं. उपचुनाव के लिए कौन प्रत्याशी होगा? इसको लेकर कांग्रेस पार्टी बीजेपी की रणनीति के तहत काम कर रही है. ताकि, सही समय पर सही फैसला लिया जा सके.
इन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएगी कांग्रेस: उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने दावा किया है कि कांग्रेस केदारनाथ उपचुनाव में सौ प्रतिशत जीत दर्ज करने जा रही है. वहां की जनता चारधाम यात्रा के अव्यवस्थाओं से परेशान है. चारधाम यात्रा के दौरान गढ़वाल के लोग कड़ा परिश्रम कर पैसा कमाते हैं. उस पैसे से पूरे 12 महीने अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं.
यात्रा से अपनी आजीविका चलाने वाले लोग आर्थिकी की रीढ़ भी माने जाते हैं, लेकिन यात्रा में आने वाले श्रद्धालु यात्रा पड़ावों पर रुक नहीं रहे हैं और दर्शन कर अपने राज्यों में वापस लौट रहे हैं. इससे वहां के निवासियों की आमदनी पर प्रभाव पड़ा है. केदारनाथ मार्ग पर आपदा की वजह से सड़कें खस्ताहाल हो रखी हैं.
वहां के व्यापारियों का व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है, लेकिन बीजेपी सरकार इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है. इससे वहां के लोगों में बीजेपी के खिलाफ भारी नाराजगी है. उन्होंने कहा कि सीएम धामी ने चुनाव से ठीक पहले केदारनाथ विधानसभा के लिए 38 घोषणाएं कर दीं, लेकिन यही काम दिवंगत विधायक शैलारानी रावत के समय में भी किए जा सकते थे. केदारनाथ विधानसभा के लिए अपने 5 मंत्रियों को लगाना, इस बात का संकेत है कि बीजेपी केदारनाथ उपचुनाव से घबरा गई है.
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