पटनाः बिहार में कई दिनों तक राजनीतिक उठा पटक के बाद एनडीए सरकार फ्लोर टेस्ट में पास हो गई. हालांकि इस दौरान राजद, जदयू और भाजपा के कई विधायक इधर-उधर हो गए. बता दें कि सोमवार को विधानसभा में भाजपा के 78 में 75 विधायक, जदयू के 45 में 43 विधायक विधानसभा पहुंचे. जदयू और भाजपा के 5 विधायक का कोई अता पता नहीं है. राजद के 79, कांग्रेस के 19 और लेफ्ट के 16 विधायक पहुंचे लेकिन राजद के तीन विधायक सत्ता पक्ष में चले गए.
विधायकों का हेर फेर: कुल मिलाकर देखें तो तीन पार्टियों में विधायकों का हेर फेर किया गया है, लेकिन कांग्रेस 19 विधायक मौजूद रहे. इसको लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने खुशी जताते हुए अपने विधायकों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि सभी पार्टी टूट गई लेकिन हमारे कांग्रेस के विधायक चट्टानी एकता के साथ डटे रहे. हालांकि राजद के विधायक सत्ता पक्ष के जाने पर उन्होंने चुप्पी साध दी. कहा कि ये तो राजद के लोग बताएंगे.
"हमें खुशी है कि कांग्रेस के सभी विधायक साथी एक रहे. सभी को धन्यवाद देते हैं कि पूरी चट्टानी एकता बनाए रखा. भाजपा जैसी पार्टी टूट गई. जदयू में भी टूट हुई लेकिन कांग्रेस पार्टी राहुल जी के नेतृत्व में खड़गे जी के नेतृत्व में अपनी चट्टानी एकता कायम रखी. राजद के नेता बीजेपी के तरफ क्यों बैठे हैं यह राजद के लोग बता सकते हैं." -अखिलेश सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष
'सदन की गरिमा खत्म हुई': कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा कि जब छल की पराकाष्ठा हो और जब विधायक जिस सिंबल पर लड़ते हैं उसको छोड़कर सत्ता पक्ष के लोगों के साथ बैठ गए हैं, ऐसे सदन में सदन की गरिमा खत्म हुई है. उन्होंने कहा कि सदन का चीर हरण किया गया है.
"फरेब और छल के द्वारा सिद्धांत के विभिन्न जब राजनीति होगी तो यही सूरत होगी. आप देख रहे हैं कि जीत के बावजूद सभी के चेहरे पीले पड़े हुए हैं. आने वाले समय में प्रदेश की जनता इन सभी बातों का जवाब देगी और तेजस्वी ने जितने सवाल उठाएं है, किसी का भी एनडीए नेताओं के पास जवाब नहीं रहा." -शकील अहमद, कांग्रेस नेता
राजद के विधायक को धमकी देकर अपने पक्ष में कियाः कांग्रेस विधायक नीतू कुमारी ने कहा कि विधानसभा में आज लोकतंत्र की हत्या हुई है. सत्ता पक्ष की ओर से 128 विधायकों के समर्थन का दावा था लेकिन महागठबंधन के तीन विधायकों को ले जाकर बैठने के बाद 125 वोटिंग हुई है. राजद की विधायकों को ईडी और सीबीआई का डर दिखा करके सत्ता पक्ष में बैठाया गया है.
"ईडी और सीबीआई का डर सभी को होता है. सबसे खुशी की बात है कि कांग्रेस को लेकर के अफवाह उड़ाई जा रही थी कि टूट जाएगी. कांग्रेस ने मीडिया को और सभी को बता दिया कि कांग्रेसी विधायक चट्टानी एकता के तहत मजबूत हैं." -नीतू कुमारी, कांग्रेस विधायक
एनडीए को बहुमतः एनडीए सरकार ने 129 विधायकों के समर्थन से बहुमत साबित कर दिया है. वोटिंग में विपक्ष की ओर से 0 मत पड़े. क्योंकि वोटिंग से पहले ही महागठबंधन के विधायक सदन का विरोध कर बाहर निकल गए थे. जब वोटिंग करायी गई तो विपक्ष की ओर से कोई मौजूद नहीं थे. ऐसे में एनडीए सरकार को बहुमत मिली. फ्लोट टेस्ट से पहले 125 बहुमत के साथ अध्यक्ष के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया.
यह भी पढ़ेंः