पौड़ी: उत्तराखंड महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला शनिवार 9 मार्च को पौड़ी पहुंची. यहां उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ एसएसपी कार्यालय का घेराव किया और पत्रकार आशुतोष नेगी की रिहाई व अंकिता को न्याय दिलाने का मुद्दा उठाया. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई. कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ता करीब दो घंटे तक एसएसपी कार्यालय के बाहर डटे रहे.
इस दौरान ज्योति रौतला ने कहा कि दिवंगत अंकिता भंडारी के परिजन न्याय की मांग के लिए सड़कों पर हैं. वहीं, अंकिता भंडारी के परिजनों की आवाज को उठाने वाले पत्रकार आशुतोष नेगी को पुलिस ने जेल भेज दिया है. आशुतोष नेगी इस लड़ाई में शुरू से अंकिता भंडारी के परिजनों का साथ दे रहे है.
ज्योति रौतला का आरोप है कि अंकिता भंडारी केस के खुलासे के लिए गठित की गई एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) अबतक उस वीआईपी का पता नहीं लगा पाई है, जिसके लिए अंकिता पर दवाब बनाया जा रहा था. साथ ही ज्योति रौतला का कहना है कि एसआईटी ने अभीतक हत्या के पहले की कॉल रिकॉर्डिंग तक भी नहीं खंगाली है. ज्योति रौतला ने साफ किया है कि जब अंकिता भंडारी को इंसाफ नहीं मिल जाता है, तबतक कांग्रेस इस लड़ाई को लड़ती रहेगी.
अंकिता भंडारी हत्याकांड: बता दें कि पौड़ी जिले के श्रीकोट डोभ निवासी अंकिता भंडारी यमकेश्वर स्थित वनंत्रा रिसॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी, जो 18 सितंबर 2022 अचानक रिजॉर्ट से लापता हो गई थी. इसके बाद वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अंकिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई. ताकि, अंकिता के परिजनों को गुमराह कर सके.
वहीं, इसी बीच 24 सितंबर को अंकिता भंडारी का शव चीला नहर से बरामद हुआ. आरोप है कि वनंत्रा रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य ने अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर के साथ मिलकर अंकिता भंडारी को चीला नहर में धक्का दे दिया था, जिससे अंकिता भंडारी की जान चली गई. इसके अलावा पुलकित आर्य पर आरोप ये भी है कि वो रिजॉर्ट में अंकिता से गलत काम करवाना चाहता था, जिस पर अंकिता ने मना कर दिया था. ऐसे में अंकिता का मना करना ही उसकी मौत की वजह माना जा रहा है.
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