शिमला: हिमाचल विधानसभा के मानसून सेशन के दौरान आखिरी दिन वित्तीय स्थिति पर चर्चा के दौरान भोरंज के विधायक सुरेश कुमार ने महादेव स्टोन क्रशर की लायबिलिटी सहित 35 बेनामी रजिस्ट्रियों का मामला उठाया. सुरेश कुमार ने इसकी जांच की मांग उठाई. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में कहा कि विधायक ने जो तथ्य रखें हैं कि माइनिंग में टैक्सिस नहीं दिए गए और एक ही दिन में 35 रजिस्ट्रियां हुई हैं, सरकार इसकी जांच करेगी.
सीएम ने कहा कि जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. दरअसल, वित्तीय स्थिति पर चर्चा के दौरान विधायक सुरेश कुमार ने दावा किया था कि अवैध खनन के कुछ मामले ऐसे हैं, जिनमें करोड़ों रुपए की पैनल्टी की रकम सरकार को देनी है. वे उस देनदारी को चुकता नहीं कर रहे हैं. सुरेश कुमार ने कहा कि मैसर्स महादेव स्टोन क्रशर ने 46.42 लाख रुपए सरकार को देने हैं. इसके अलावा महादेव स्टोन क्रशर के 65.33 लाख रुपए व पेनल्टी के पचास लाख रुपए चुकाने हैं. कुल देनदारी 2.13 करोड़ रुपए की बनती है.
सुरेश ने कहा कि ये सरकारी पैसा है और खजाने में आना चाहिए. विधायक सुरेश कुमार ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मांग उठाई कि मामले की जांच की जाए. साथ ही कहा कि इसके पीछे कौन लोग हैं और ये किसके क्रशर हैं, जो अवैध खनन में संलिप्त हैं. इसकी जांच होना जरूरी है. सुरेश कुमार ने कहा कि इस समय कुछ लोग जमीनों को लेकर बात कर रहे हैं, लेकिन 35 रजिस्ट्रियां इस प्रदेश में एक ही दिन में हुई हैं. ये जमीनें किसकी हैं और किसने रजिस्ट्रियां करवाई, इसकी इंक्वायरी होनी चाहिए.
कांग्रेस विधायक सुरेश कुमार का इशारा भाजपा के हमीरपुर जिला के विधायक की तरफ था. महादेव स्टोन क्रशर भाजपा विधायक आशीष शर्मा का है. जमीन के सौदे को लेकर भी इसी तरफ इशारा था. इस पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में मामले की जांच का ऐलान किया.
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