श्रीगंगानगर. जिले के सूरतगढ़ में बहुचर्चित आर्म्स एक्ट मामला अब विधानसभा में भी उठाया गया है. इसके बाद अब मुख्यमंत्री कार्यालय हरकत में आया है और इस पूरे प्रकरण की जानकारी जुटाई जा रही है. सूरतगढ़ विधायक डूंगर राम गेदर ने इस मामले को शुक्रवार को विधानसभा में उठाया था.
बता दें कि सूरतगढ़ से कांग्रेस विधायक डूंगर राम गेदर ने बजट बहस के दौरान सेकंड ईयर के छात्र और हैंडबॉल के स्टेट प्लेयर प्रदीप शर्मा को सूरतगढ़ सिटी थाना पुलिस द्वारा अवैध पिस्तौल के प्रकरण में झूठा फंसाने का मामला उठाया. उन्होंने बताया कि सूरतगढ़ सिटी पुलिस ने पिछले दिनों प्रदीप शर्मा को आर्म्स एक्ट के एक झूठे मामले में फंसा दिया. विधायक डूंगर राम द्वारा प्रदीप शर्मा का मामला उठाने पर मुख्यमंत्री कार्यालय शनिवार को हरकत में आ गया.
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने प्रदीप शर्मा को न्याय दिलाने के लिए चलाए जा रहे आंदोलन का नेतृत्व कर रहे राजेंद्र उपाध्याय को फोन कर सारे मामले की विस्तारपूर्वक जानकारी हासिल की. सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी इस पूरे मामले की छानबीन करने में लग गए हैं. जिला प्रशासन के अधिकारियों से भी इस संबंध में वे जानकारी जुटा रहे हैं.
दरअसल, सूरतगढ़ में सर्व समाज द्वारा प्रदीप शर्मा को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन शुरू करने पर सूरतगढ़ सिटी थाना प्रभारी सीआई सुरेश कस्वां को लाइन हाजिर कर दिया गया था. उल्लेखनीय है कि गांव सरदारपुरा खर्था में 23 जून को पुरानी रंजिश को लेकर झगड़ा हो गया था. मौके पर पहुंची पुलिस ने कुछ लोगों को शांति-व्यवस्था भंग करने की धारा 151 में गिरफ्तार किया. मौके पर पुलिस को कमलेश सहारण नामक व्यक्ति के पास से अवैध पिस्तौल मिला, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
कमलेश सहारण थर्मल पावर प्लांट में कर्मचारी है. उसे बचाने के लिए उसके भाई सुरेंद्र सहारण पर आरोप है कि पुलिस के साथ मिलीभगत कर उसने अपनी मिल्क डेयरी में काम करने वाले युवक प्रदीप शर्मा को अगले दिन 24 जून की शाम को थाने में बुलाकर अवैध हथियार के मामले में फंसा दिया. पुलिस ने उससे पिस्टल बरामद होना दिखाते हुए आर्म्स एक्ट में मुकदमा दर्ज किया. प्रदीप शर्मा कॉलेज में सेकंड ईयर का छात्र है. वह हैंडबॉल का स्टेट लेवल का उदयीमान खिलाड़ी भी है.