जयपुर. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का राजस्थान पर विशेष फोकस है. लोकसभा चुनाव का घोषणा पत्र कांग्रेस प्रदेश की राजधानी जयपुर से जारी करेगी. सोनिया गांधी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 6 अप्रैल को जयपुर में एक जनसभा करेंगे और इसी जनसभा में कांग्रेस का चुनावी घोषणा पत्र जारी किया जाएगा. पीसीसी वॉर रूम में लोकसभा चुनाव में प्रचार और सभाओं की रणनीति तय करने के लिए आयोजित बैठक में यह बात निकलकर सामने आई है.
बैठक के बाद कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि "यह हमारे लिए गर्व की बात है कि सोनिया गांधी लोकसभा चुनाव का घोषणा पत्र राजस्थान की राजधानी जयपुर से जारी करेंगी." बता दें कि सोनिया गांधी राजस्थान से ही राज्यसभा सांसद हैं.
रंधावा ने भाजपा और केंद्र सरकार पर साधा निशाना : प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भाजपा और केंद्र सरकार की नीतियों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भाजपा 400 सीट हासिल करने की बात कर रही है, लेकिन भीतर से डरी हुई है. उन्होंने कहा कि बुधवार को चूरू से बीकानेर जाते समय उनके हेलिकॉप्टर को उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी गई. मजबूरी में उन्हें, अशोक गहलोत और गोविंद डोटासरा को सड़क मार्ग से बीकानेर जाना पड़ा. इस तरह के हथकंडे अपनाकर ये कांग्रेस को रोकने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड भी बेईमानी का एक तरीका था.
राजसमंद से बदला जाएगा प्रत्याशी : एक सवाल के जवाब में पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि पार्टी ने राजसमंद से मजबूत प्रत्याशी के रूप में सुदर्शन सिंह रावत को टिकट दिया था, लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए एक पत्र भेजा है. जिसमें लगातार दो महीने तक व्यापार के सिलसिले में विदेश में व्यस्तता का हवाला दिया है. डोटासरा ने कहा कि इस पूरे मामले को लेकर आलकमान को अवगत करवा दिया जाएगा. आलकमान जल्द ही इस मामले में फैसला लेगा. अजमेर और भीलवाड़ा में टिकट पर पुनर्विचार के बारे में पूछने पर उन्होंने ऐसी किसी बात से इनकार किया है.
मोदी ने अति कर दी, लोग दुखी हो गए : अशोक गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हर क्षेत्र में अति कर दी है. उनसे लोग दुखी हो गए हैं. आक्रोश भी है, लेकिन ईडी, इनकम टैक्स के डर से बोल नहीं रहे हैं. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी के समय अंडरकरंट के कारण हमारी सरकार चली गई. उत्तर भारत में पार्टी सभी सीटों पर चुनाव हार गई थी. एकमात्र सीट नागौर से नाथूराम मिर्धा जीते थे. इंदिरा गांधी खुद भी हार गई, लेकिन एक बार फिर इंदिरा गांधी की आंधी चली और वे भी सांसद बने. उन्होंने कहा कि इसी तरह का अंडरकरंट इस बार भी अपना असर दिखा सकता है.