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'मालवीय को अल्जाइमर की बीमारी, टीएडी मंत्री रहते जो काम किए उन्हें बीजेपी में जाकर गिना रहे' : विकास बामनिया

जिला कांग्रेस कमेटी में उप जिला प्रमुख डॉक्टर विकास बामनिया ने भाजपा प्रत्याशी महेंद्रजीत सिंह मालवीय पर जमकर हमला बोला. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मालवीय को अल्जाइमर की बीमारी है, इसलिए कांग्रेस सरकार में मंत्री रहते जो काम किए उसे भाजपा में जाकर गिना रहे.

Congress leader Vikas Bamnia
Congress leader Vikas Bamnia
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 5, 2024, 10:11 PM IST

विकास बामनिया महेंद्रजीत सिंह मालवीय पर हमला बोला

बांसवाड़ा. कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच छिड़ी जुबानी जंग अब चरम पर पहुंच चुकी है. जिला कांग्रेस कमेटी में उप जिला प्रमुख डॉक्टर विकास बामनिया ने मंगलवार शाम को जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय में भाजपा प्रत्याशी महेंद्रजीत सिंह मालवीय पर अब तक का सबसे तीखा हमला बोला है. बामनिया ने कहा कि मालवीय को अल्जाइमर की बीमारी हो गई है. कांग्रेस सरकार में टीएडी मंत्री रहते हुए जो काम किया उन्हें वो भाजपा में जाने के बाद गिना रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मालवीय को इस उम्र में वानप्रस्थ आश्रम में जाकर लोगों को मोटिवेट करना था, वहां भी बीजेपी की गोद में बैठे हैं. हम 2.5 लाख वोट से इस बांसवाड़ा डूंगरपुर लोकसभा सीट को जीत कर दिखाएंगे. बता दें कि मालवीय कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं और भाजपा ने उन्हें लोकसभा उम्मीदवार बनाया है.

पढ़ें. बगावत करने वालों पर बोले राठौड़, कहा-जिनको जो निर्णय लेना है, वो उचित समय पर लेंगे

राहुल गांधी की यात्रा से पूर्व बांसवाड़ा में युवा कांग्रेस की ओर से एक बैठक बुलाई गई थी जो कि जिला अध्यक्ष शाश्वत गरासिया के नेतृत्व में हुई. इस बैठक में उप जिला प्रमुख डॉक्टर विकास बामनिया भी मौजूद रहे. व्यवस्थाओं को लेकर हुई इस बैठक में तमाम पदाधिकारी को अलग-अलग जिम्मा दिया गया. इस बैठक में जिला परिषद के सदस्य रहे मुकेश ने कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव उप जिला प्रमुख डॉ विकास बामनिया को लड़ना चाहिए. वहीं, यूथ कांग्रेस के नेता रोहित खड़िया, इमरान खान, अरविंद सीता डामोर व अन्य ने उप जिला प्रमुख के लोकसभा चुनाव लड़ने की वकालत की. जब हमने इस संबंध में उप जिला प्रमुख से सवाल किया तो जवाब मिला कि उन्होंने अभी तक कोई आवेदन नहीं किया है. पार्टी में कई युवाओं ने आवेदन किया है फिर भी जो पार्टी आदेश करेगी वह मान्य होगा.

मुझसे भी कम उम्र के लोग विधायक बने: मीडिया से बात करते हुए बामनिया ने कहा यह आदिवासी अंचल है. यहां लोग सर पर बिठा के रखते हैं. मालवीय से उसकी चादर छिन गई है‌. उन्होंने हमेशा युवाओं का गला घोंटा है. कभी युवाओं को आगे आने नहीं दिया. उनकी प्रकृति को समझाना पड़ेगा. कम उम्र के लोग जैसे राजकुमार रोज विधायक बने, वैसे हम युवा भी लोकसभा का चुनाव लड़कर जीत सकते हैं.

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वानप्रस्थ के समय भाजपा में गए : उन्होंने कहा कि मालवीय वह शख्स हैं जिसने 40 साल सार्वजनिक जीवन जीकर कांग्रेस की राजनीति की है. जिला प्रमुख, विधायक, मंत्री, एमपी कांग्रेस में रहकर सभी पद पर रहे. सनातनी परंपरा के अनुसार उन्हें वानप्रस्थ आश्रम में जाकर लोगों को मोटिवेट करना चाहिए था. इससे पता चलता है कि उन्हें अल्जाइमर की बीमारी है. अल्जाइमर की बीमारी बुढ़ापे में होती है और इसमें आदमी का मानसिक संतुलन या याददाश्त कमजोर हो जाती है. विपक्ष के नेता उनका अच्छी जगह इलाज कराया जाए.

विकास किया होता तो राम के नाम पर वोट नहीं मांगते : उन्होंने कहा कि वो राम के नाम का विरोधी नहीं हैं. सनातनी परंपरा मानते हैं पर मालवीय ने 40 साल में विकास किया होता तो आज राम के नाम पर वोट नहीं मांगते. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह लठ लेकर खड़े हो जाएं तो भी वह जनहित के बजाय स्वयं हित ही लिखेंगे. यदि उन्होंने विकास का लिखा होता तो वे निश्चित रूप से ऐसी राजनीति नहीं करते.

लोकसभा चुनाव बाद नहीं मिलेगी जाजम पर जगह : बामनिया मालवीया पर एक के बाद एक हमले करते गए. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद मालवीय को बीजेपी की चादर पर जगह नहीं मिलेगी, क्योंकि वह झूठ, फरेब और गुमराह करने की राजनीति करते हैं. युवाओं का गला घोटते हैं. कुछ समय में बीजेपी की समझ में यह आ जाएगा. जिस अर्जुन बामनिया ने 55 साल बाद कांग्रेस को सीट दिलाई, उन पर आरोप लगा रहे हैं. वर्ष 2003 में जनता ने मालवीय को हरा दिया तब, यही अर्जुन बामनिया, स्वर्गीय हुरतेंग खड़िया, नानालाल निनामा और कांता से मालवीय ने बार-बार निवेदन किया था. तब जिला प्रमुख बनाया था.

विकास बामनिया महेंद्रजीत सिंह मालवीय पर हमला बोला

बांसवाड़ा. कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच छिड़ी जुबानी जंग अब चरम पर पहुंच चुकी है. जिला कांग्रेस कमेटी में उप जिला प्रमुख डॉक्टर विकास बामनिया ने मंगलवार शाम को जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय में भाजपा प्रत्याशी महेंद्रजीत सिंह मालवीय पर अब तक का सबसे तीखा हमला बोला है. बामनिया ने कहा कि मालवीय को अल्जाइमर की बीमारी हो गई है. कांग्रेस सरकार में टीएडी मंत्री रहते हुए जो काम किया उन्हें वो भाजपा में जाने के बाद गिना रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मालवीय को इस उम्र में वानप्रस्थ आश्रम में जाकर लोगों को मोटिवेट करना था, वहां भी बीजेपी की गोद में बैठे हैं. हम 2.5 लाख वोट से इस बांसवाड़ा डूंगरपुर लोकसभा सीट को जीत कर दिखाएंगे. बता दें कि मालवीय कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं और भाजपा ने उन्हें लोकसभा उम्मीदवार बनाया है.

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राहुल गांधी की यात्रा से पूर्व बांसवाड़ा में युवा कांग्रेस की ओर से एक बैठक बुलाई गई थी जो कि जिला अध्यक्ष शाश्वत गरासिया के नेतृत्व में हुई. इस बैठक में उप जिला प्रमुख डॉक्टर विकास बामनिया भी मौजूद रहे. व्यवस्थाओं को लेकर हुई इस बैठक में तमाम पदाधिकारी को अलग-अलग जिम्मा दिया गया. इस बैठक में जिला परिषद के सदस्य रहे मुकेश ने कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव उप जिला प्रमुख डॉ विकास बामनिया को लड़ना चाहिए. वहीं, यूथ कांग्रेस के नेता रोहित खड़िया, इमरान खान, अरविंद सीता डामोर व अन्य ने उप जिला प्रमुख के लोकसभा चुनाव लड़ने की वकालत की. जब हमने इस संबंध में उप जिला प्रमुख से सवाल किया तो जवाब मिला कि उन्होंने अभी तक कोई आवेदन नहीं किया है. पार्टी में कई युवाओं ने आवेदन किया है फिर भी जो पार्टी आदेश करेगी वह मान्य होगा.

मुझसे भी कम उम्र के लोग विधायक बने: मीडिया से बात करते हुए बामनिया ने कहा यह आदिवासी अंचल है. यहां लोग सर पर बिठा के रखते हैं. मालवीय से उसकी चादर छिन गई है‌. उन्होंने हमेशा युवाओं का गला घोंटा है. कभी युवाओं को आगे आने नहीं दिया. उनकी प्रकृति को समझाना पड़ेगा. कम उम्र के लोग जैसे राजकुमार रोज विधायक बने, वैसे हम युवा भी लोकसभा का चुनाव लड़कर जीत सकते हैं.

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वानप्रस्थ के समय भाजपा में गए : उन्होंने कहा कि मालवीय वह शख्स हैं जिसने 40 साल सार्वजनिक जीवन जीकर कांग्रेस की राजनीति की है. जिला प्रमुख, विधायक, मंत्री, एमपी कांग्रेस में रहकर सभी पद पर रहे. सनातनी परंपरा के अनुसार उन्हें वानप्रस्थ आश्रम में जाकर लोगों को मोटिवेट करना चाहिए था. इससे पता चलता है कि उन्हें अल्जाइमर की बीमारी है. अल्जाइमर की बीमारी बुढ़ापे में होती है और इसमें आदमी का मानसिक संतुलन या याददाश्त कमजोर हो जाती है. विपक्ष के नेता उनका अच्छी जगह इलाज कराया जाए.

विकास किया होता तो राम के नाम पर वोट नहीं मांगते : उन्होंने कहा कि वो राम के नाम का विरोधी नहीं हैं. सनातनी परंपरा मानते हैं पर मालवीय ने 40 साल में विकास किया होता तो आज राम के नाम पर वोट नहीं मांगते. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह लठ लेकर खड़े हो जाएं तो भी वह जनहित के बजाय स्वयं हित ही लिखेंगे. यदि उन्होंने विकास का लिखा होता तो वे निश्चित रूप से ऐसी राजनीति नहीं करते.

लोकसभा चुनाव बाद नहीं मिलेगी जाजम पर जगह : बामनिया मालवीया पर एक के बाद एक हमले करते गए. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद मालवीय को बीजेपी की चादर पर जगह नहीं मिलेगी, क्योंकि वह झूठ, फरेब और गुमराह करने की राजनीति करते हैं. युवाओं का गला घोटते हैं. कुछ समय में बीजेपी की समझ में यह आ जाएगा. जिस अर्जुन बामनिया ने 55 साल बाद कांग्रेस को सीट दिलाई, उन पर आरोप लगा रहे हैं. वर्ष 2003 में जनता ने मालवीय को हरा दिया तब, यही अर्जुन बामनिया, स्वर्गीय हुरतेंग खड़िया, नानालाल निनामा और कांता से मालवीय ने बार-बार निवेदन किया था. तब जिला प्रमुख बनाया था.

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