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कांग्रेस ने शुरू की 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारियां, पासी मतदाताओं को वोट बैंक में जोड़ने पर जोर - Congress emphasizing on Pasi voters

लोकसभा चुनाव में मिले साथ के बाद अब उत्तर प्रदेश में गैर जाट बिरादरी पर कांग्रेस ने फोकस बढ़ा दिया है. विधानसभा और ब्लॉक स्तर पर दलितों को जोड़ने की कांग्रेस नेता पुरजोर कोशिश कर रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 17, 2024, 3:13 PM IST

लखनऊ: यूपी के 80 लोकसभा सीटों में से 6 सीटों पर मिली सफलता के बाद कांग्रेस ने अब उत्तर प्रदेश में अपने सियासी जमीन को एक बार फिर से मजबूत करने की कोशिशें शुरू की हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान जातिगत जनगणना और संविधान बचाने जैसे मुद्दों को उठाकर कांग्रेस 2019 की दो लोकसभा सीट से बढ़कर 6 लोकसभा सीट तक पहुंचने में कामयाब रही है.

अब 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में कांग्रेस ओबीसी वोटरों के अलावा दलित वोटरों पर भी अपना फोकस बनाए हुए है. कांग्रेस दलित वोट बैंक में खास इंट्रेस्ट दिखा रही है. हाल में ही रायबरेली के नसीराबाद क्षेत्र में अर्जुन पासी के परिवार से मिलने राहुल गांधी पहुंचे थे. तब से कांग्रेस ने इस समाज के लोगों को अपने साथ जोड़ने पर काम शुरू किया है.

Photo Credit- ETV Bharat
कांग्रेस जाति आधारित रणनीति बनाने में जुटी (Photo Credit- ETV Bharat)

उत्तर प्रदेश कांग्रेस सामाजिक न्याय के अपने मुद्दे के साथ जाति आधारित रणनीति बना रही है. यूपी में कांग्रेस दलितों में पासी समुदाय पर लगातार फोकस कर रही है. दलित संवाद और दलित के साथ सहभोज की संख्या पार्टी की तरफ से बढ़ा दी गयी है. पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि गांधी परिवार के प्रभाव वाले रायबरेली और अमेठी सीट पर इस समाज के वोटों का कांग्रेस के तरफ झुकाव देखने को मिला है. कांग्रेस ने अब इस समाज के लोगों को अपने साथ जोड़ने के लिए पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के साथ 1952 और 1957 में सांसद रहे लखनऊ के मूसरियादीन पासी के पुण्यतिथि मनाने का फैसला किया है.

दलितों में अपनी पकड़ मजबूत करने की तैयारी है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और मीडिया के वाइस चेयरमैन डॉक्टर मनीष हिंदवी ने बताया कि दलित सियासत में जाटों समुदाय की प्रमुख रूप से हावी है. जाटों को अभी बसपा का वोट बैंक माना जाता है. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में इंडि गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गैर जाटों दलित समुदाय के लोगों को अपने साथ जोड़ने पर काम कर रही है.

प्रवक्ता मनीष हिंदवी ने बताया कि पार्टी ने इसके लिए अपने दलित नेताओं विशेष तौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पीएल पुनिया, सांसद तनुज पुनिया के अलावा दलित बिरादरी से सांसद व विधायक रहे नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है. ये तय कार्यक्रम के अनुसार अपने अपने विधानसभा और ब्लॉक स्तर पर दलितों को जोड़ने के लिए काम कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- लखनऊ की वेलनेस सिटी में 2000 प्लॉट; LDA 1400 करोड़ से करेगा डेवलप; जानिए डिटेल - Wellness City LDA

लखनऊ: यूपी के 80 लोकसभा सीटों में से 6 सीटों पर मिली सफलता के बाद कांग्रेस ने अब उत्तर प्रदेश में अपने सियासी जमीन को एक बार फिर से मजबूत करने की कोशिशें शुरू की हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान जातिगत जनगणना और संविधान बचाने जैसे मुद्दों को उठाकर कांग्रेस 2019 की दो लोकसभा सीट से बढ़कर 6 लोकसभा सीट तक पहुंचने में कामयाब रही है.

अब 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में कांग्रेस ओबीसी वोटरों के अलावा दलित वोटरों पर भी अपना फोकस बनाए हुए है. कांग्रेस दलित वोट बैंक में खास इंट्रेस्ट दिखा रही है. हाल में ही रायबरेली के नसीराबाद क्षेत्र में अर्जुन पासी के परिवार से मिलने राहुल गांधी पहुंचे थे. तब से कांग्रेस ने इस समाज के लोगों को अपने साथ जोड़ने पर काम शुरू किया है.

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कांग्रेस जाति आधारित रणनीति बनाने में जुटी (Photo Credit- ETV Bharat)

उत्तर प्रदेश कांग्रेस सामाजिक न्याय के अपने मुद्दे के साथ जाति आधारित रणनीति बना रही है. यूपी में कांग्रेस दलितों में पासी समुदाय पर लगातार फोकस कर रही है. दलित संवाद और दलित के साथ सहभोज की संख्या पार्टी की तरफ से बढ़ा दी गयी है. पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि गांधी परिवार के प्रभाव वाले रायबरेली और अमेठी सीट पर इस समाज के वोटों का कांग्रेस के तरफ झुकाव देखने को मिला है. कांग्रेस ने अब इस समाज के लोगों को अपने साथ जोड़ने के लिए पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के साथ 1952 और 1957 में सांसद रहे लखनऊ के मूसरियादीन पासी के पुण्यतिथि मनाने का फैसला किया है.

दलितों में अपनी पकड़ मजबूत करने की तैयारी है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और मीडिया के वाइस चेयरमैन डॉक्टर मनीष हिंदवी ने बताया कि दलित सियासत में जाटों समुदाय की प्रमुख रूप से हावी है. जाटों को अभी बसपा का वोट बैंक माना जाता है. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में इंडि गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गैर जाटों दलित समुदाय के लोगों को अपने साथ जोड़ने पर काम कर रही है.

प्रवक्ता मनीष हिंदवी ने बताया कि पार्टी ने इसके लिए अपने दलित नेताओं विशेष तौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पीएल पुनिया, सांसद तनुज पुनिया के अलावा दलित बिरादरी से सांसद व विधायक रहे नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है. ये तय कार्यक्रम के अनुसार अपने अपने विधानसभा और ब्लॉक स्तर पर दलितों को जोड़ने के लिए काम कर रहे हैं.

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