ETV Bharat / state

केदारनाथ उपचुनाव में टिकट को लेकर कांग्रेस में घमासान! दिल्ली जाकर शिकायत करेंगे दावेदार - KEDARNATH BY ELECTION CANDIDATES

केदारनाथ उपचुनाव से पहले कांग्रेस में सिर फुटव्वल, टिकट को लेकर दावेदारी कर रहे शीशपाल बिष्ट ने खोला मोर्चा, करन माहरा ने दी सफाई

KEDARNATH BY ELECTION CANDIDATES
कांग्रेस में टिकट को लेकर घमासान (फोटो- ETV Bharat GFX)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 22, 2024, 8:50 PM IST

Updated : Oct 22, 2024, 9:30 PM IST

देहरादून: केदारनाथ उपचुनाव के लिए कांग्रेस में पर्यवेक्षकों की ओर से प्रत्याशियों के पैनल दिल्ली भेजे जाने पर घमासान मच गया है. इसके तहत पर्यवेक्षकों ने प्रत्याशियों के नामों का पैनल तैयार कर उसे प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बजाय सीधे दिल्ली भेज दिया है. जिसके बाद पार्टी में घमासान मच हुआ है.

कांग्रेस में घमासान की स्थिति: कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने केदारनाथ उपचुनाव को लेकर चार पर्यवेक्षक नामित किए थे. बताया जा रहा है कि पर्यवेक्षकों ने प्रत्याशियों के नामों का पैनल सीधे प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा को भेज दिया है. इस पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने आपत्ति जताई है. वहीं, केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव में टिकट को लेकर अन्य दावेदारों ने भी पर्यवेक्षकों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

टिकट को लेकर कांग्रेस में घमासान! (वीडियो- ETV Bharat)

पर्यवेक्षकों की ओर से सीधे देहरादून की जगह दिल्ली रिपोर्ट भेजे जाने पर पार्टी में घमासान की स्थिति पैदा हो गई है. प्रदेश प्रभारी को नाम के पैनल के बारे में क्या रिपोर्ट भेजी गई है? इसका पता करन माहरा को भी नहीं लगा. इस पूरे मामले पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि इस पर दिल्ली में होने वाली बैठक में बातचीत होगी.

उन्होंने कहा कि पार्टी की हमेशा परंपरा रही है कि पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपते हैं. उसके बाद पीसीसी उस रिपोर्ट में रिकमेंड लेटर लगाकर केंद्रीय नेतृत्व को भेजती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश प्रभारी ने कुछ सोच कर रिपोर्ट सीधे मंगाई होगी. क्योंकि, केदारनाथ उपचुनाव टेक्निकल चुनाव है. इसी को देखते हुए कुमारी शैलजा ने ये निर्णय लिया होगा.

केदारनाथ सीट से दावेदार शीशपाल सिंह बिष्ट ने खोला मोर्चा: इधर, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता और केदारनाथ विधानसभा सीट से दावेदार शीशपाल सिंह बिष्ट ने भी पर्यवेक्षकों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनका कहना है कि उपचुनाव को लेकर उन्होंने और 12 अन्य लोगों ने दावेदारी जताई है, लेकिन उपचुनाव के लिए भेजे गए पर्यवेक्षकों ने चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती और पक्षपातपूर्ण तरीके से प्रत्याशी चयन के लिए निष्पक्ष तरीके को दरकिनार कर दिया.

शीशपाल बिष्ट का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी को विश्वास में लिए बगैर जिस मनमाने तरीके से पर्यवेक्षकों की नियुक्ति हुई थी, वो एक गलती थी. इसी गलती की वजह से पक्षपात की आशंकाएं आकार लेने लगी थी, जो अब सच होती दिखाई दे रही है. प्रत्याशी चयन में अगर पर्यवेक्षकों को अपनी ही मनमानी करनी थी तो फिर अन्य लोगों से आवेदन क्यों करवाए गए? उनसे निर्धारित शुल्क क्यों जमा करवाया गया, ये अपने आप में बड़ा विषय है.

दिल्ली जाकर शिकायत करेंगे दावेदार: केदारनाथ विधानसभा सीट से दावेदार शीशपाल सिंह बिष्ट ने साफतौर कहा कि इससे दावेदारों में भारी निराशा है. ऐसे में वो और अन्य दावेदार भी आज या कल दिल्ली जाकर इसकी शिकायत शीर्ष नेतृत्व से करेंगे. फिलहाल, केदारनाथ सीट पर कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर सिर फुटव्वल की स्थिति बनी हुई है.

ये भी पढ़ें-

देहरादून: केदारनाथ उपचुनाव के लिए कांग्रेस में पर्यवेक्षकों की ओर से प्रत्याशियों के पैनल दिल्ली भेजे जाने पर घमासान मच गया है. इसके तहत पर्यवेक्षकों ने प्रत्याशियों के नामों का पैनल तैयार कर उसे प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बजाय सीधे दिल्ली भेज दिया है. जिसके बाद पार्टी में घमासान मच हुआ है.

कांग्रेस में घमासान की स्थिति: कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने केदारनाथ उपचुनाव को लेकर चार पर्यवेक्षक नामित किए थे. बताया जा रहा है कि पर्यवेक्षकों ने प्रत्याशियों के नामों का पैनल सीधे प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा को भेज दिया है. इस पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने आपत्ति जताई है. वहीं, केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव में टिकट को लेकर अन्य दावेदारों ने भी पर्यवेक्षकों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

टिकट को लेकर कांग्रेस में घमासान! (वीडियो- ETV Bharat)

पर्यवेक्षकों की ओर से सीधे देहरादून की जगह दिल्ली रिपोर्ट भेजे जाने पर पार्टी में घमासान की स्थिति पैदा हो गई है. प्रदेश प्रभारी को नाम के पैनल के बारे में क्या रिपोर्ट भेजी गई है? इसका पता करन माहरा को भी नहीं लगा. इस पूरे मामले पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि इस पर दिल्ली में होने वाली बैठक में बातचीत होगी.

उन्होंने कहा कि पार्टी की हमेशा परंपरा रही है कि पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपते हैं. उसके बाद पीसीसी उस रिपोर्ट में रिकमेंड लेटर लगाकर केंद्रीय नेतृत्व को भेजती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश प्रभारी ने कुछ सोच कर रिपोर्ट सीधे मंगाई होगी. क्योंकि, केदारनाथ उपचुनाव टेक्निकल चुनाव है. इसी को देखते हुए कुमारी शैलजा ने ये निर्णय लिया होगा.

केदारनाथ सीट से दावेदार शीशपाल सिंह बिष्ट ने खोला मोर्चा: इधर, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता और केदारनाथ विधानसभा सीट से दावेदार शीशपाल सिंह बिष्ट ने भी पर्यवेक्षकों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनका कहना है कि उपचुनाव को लेकर उन्होंने और 12 अन्य लोगों ने दावेदारी जताई है, लेकिन उपचुनाव के लिए भेजे गए पर्यवेक्षकों ने चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती और पक्षपातपूर्ण तरीके से प्रत्याशी चयन के लिए निष्पक्ष तरीके को दरकिनार कर दिया.

शीशपाल बिष्ट का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी को विश्वास में लिए बगैर जिस मनमाने तरीके से पर्यवेक्षकों की नियुक्ति हुई थी, वो एक गलती थी. इसी गलती की वजह से पक्षपात की आशंकाएं आकार लेने लगी थी, जो अब सच होती दिखाई दे रही है. प्रत्याशी चयन में अगर पर्यवेक्षकों को अपनी ही मनमानी करनी थी तो फिर अन्य लोगों से आवेदन क्यों करवाए गए? उनसे निर्धारित शुल्क क्यों जमा करवाया गया, ये अपने आप में बड़ा विषय है.

दिल्ली जाकर शिकायत करेंगे दावेदार: केदारनाथ विधानसभा सीट से दावेदार शीशपाल सिंह बिष्ट ने साफतौर कहा कि इससे दावेदारों में भारी निराशा है. ऐसे में वो और अन्य दावेदार भी आज या कल दिल्ली जाकर इसकी शिकायत शीर्ष नेतृत्व से करेंगे. फिलहाल, केदारनाथ सीट पर कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर सिर फुटव्वल की स्थिति बनी हुई है.

ये भी पढ़ें-

Last Updated : Oct 22, 2024, 9:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.