जयपुर. लोकसभा चुनाव के रण में कांग्रेस ने जयपुर शहर संसदीय क्षेत्र से शिक्षाविद सुनील शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं, भाजपा ने अभी इस सीट पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. कांग्रेस प्रत्याशी का आरोप है कि भाजपा के सांसद (रामचरण बोहरा) ने 10 साल में जयपुर के लिए लोकसभा में आवाज नहीं उठाई. नतीजा, राजधानी हैदराबाद-बेंगलुरु से प्रतिस्पर्द्धा में पिछड़ गया और एक पुराना शहर बनकर रह गया. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा में आपसी खींचतान है, जबकि लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस एकजुट है. इसका बड़ा फायदा उन्हें और उनकी पार्टी को मिलेगा. उन्होंने भाजपा पर भेदभाव की राजनीति करने और केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया है.
सबकी सहमति के बाद टिकट के लिए की हां : सुनील शर्मा ने कहा कि जयपुर से उनके लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर एक आम सहमति थी. कार्यकर्ताओं से लेकर नेताओं तक में इस बात की आम सहमति थी कि वे चुनाव लड़ें. हर आदमी चाहता था कि वे मैदान में उतरे. उन्होंने दावा किया कि इस सहमति का लाभ उन्हें और कांग्रेस को इस चुनाव में मिलता हुआ दिख रहा है.
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भाजपा में सिर फुटव्वल, कांग्रेस एकजुट : सुनील शर्मा ने यह भी दावा किया है कि भाजपा में आपस में सिर फुटव्वल है. एक तरफ नए मुख्यमंत्री का गुट और दूसरी तरफ पुराने मुख्यमंत्री का गुट. जिस तरह की रस्साकशी भाजपा में चल रही है, कांग्रेस को इसका सीधा फायदा मिलेगा. इसके साथ ही कांग्रेस की एकजुटता का हवाला देकर भी वे अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिखाई दे रहे हैं. वे जनता से भी पूरा समर्थन मिलने कि उम्मीद जता रहे हैं.
भाजपा से ठगा हुआ महसूस कर रही जनता : चुनाव में चेहरा और मुद्दों के सवाल पर उन्होंने कहा कि जयपुर की जनता ने भाजपा को भर-भर के वोट दिया है. इतनी बार इतने वोट लेने के बावजूद भी जयपुर का प्रतिनिधित्व करने वाले (रामचरण बोहरा) ने एक बार भी लोकसभा में आवाज उठाई क्या? ऐसे में जनता अपने आप को ठगा हुआ सा महसूस कर रही है. कांग्रेस में गुटबाजी के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है. जब तक कांग्रेस के हर विधायक और हर प्रत्याशी ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए नहीं कहा, तब तक उन्होंने टिकट लेने के लिए हां नहीं की. टिकट के लिए हां भरने से पहले उन्होंने कई मित्रों से बात की और जब उन्होंने सहमति दी, तभी उन्होंने चुनाव लड़ने की चुनौती को स्वीकार किया है.
पुराना शहर बनकर रह गया जयपुर : सुनील शर्मा ने कहा कि किसी जमाने में जयपुर हैदराबाद और बेंगलुरु की टक्कर में था, लेकिन इस दौड़ में जयपुर आज काफी पिछड़ गया है. मैं पूछना चाहता हूं कि जयपुर में आपने कितने इन्क्यूबेशन सेंटर्स खोले. जयपुर में कितने स्टार्टअप्स आए, जो स्किल डवलपमेंट के काम होने चाहिए. उनमें से कितने सफल हुए. जयपुर आज एक मध्यकालीन शहर बन गया है. आज राजस्थान की राजधानी जयपुर पुराने शहर जैसा ही रह गया है. सुनील शर्मा का कहना है कि जयपुर को देश के अग्रणी शहरों में खड़ा करने के लिए एक विजन की जरूरत है. शहरीकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं के लिहाज से अगले कई सालों के विजन को लेकर तत्काल काम करने की दरकार है.
पलायन के मुद्दे पर कही यह बात : जयपुर से भाजपा विधायक लगातार पलायन का मुद्दा उठा रहे हैं. इससे जुड़े सवाल पर उनका कहना है कि हमारा दर्शन सब लोगों में एकरूपता का है. हम हर इंसान में उसी ईश्वर को देखते हैं. हम कभी भेदभाव की बात नहीं करते हैं. भारत की जय 140 करोड़ लोगों की जय में सुनिश्चित है. हर इंसान की जय में सुनिश्चित है. भले ही वो किसी भी जाति या धर्म का हो. धार्मिक भेदभाव को बढ़ावा देकर और धार्मिक आधार पर पोलराइजेशन करके आप (भाजपा) कुछ करना चाहते हैं, यह सही नहीं है.
कांग्रेस की योजनाएं बंद, जनता परेशान : सुनील शर्मा ने कहा कि आज गरीब परेशान है. अशोक गहलोत की पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं के बंद होने से गरीब खून के आंसू रो रहा है. गरीब को ध्यान में रखकर बनाई गई योजनाओं को बंद कर दिया गया है. महात्मा गांधी का ध्येय वाक्य है कि अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को फायदा मिले. इसी को ध्यान में रखकर कांग्रेस योजनाएं लागू करती है. अगर किसी नीति या योजना में गरीब का ध्यान नहीं रखा जाता है तो वो योजना काम की नहीं है.
लोकतंत्र को बचाना हम सबकी जिम्मेदारी : उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा लोकतंत्र पर लगातार हमले कर रही है. ईडी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. उन्होंने जॉन स्टुअर्ट मिल को कोट करते हुए कहा, 'किसी को इतना बड़ा महानायक मत बना दो कि लोकतंत्र उसके चरणों में लोटने लग जाए. जब आप लोकतंत्र को किसी के चरणों में लोटा देते हो तो देश को विनाश की ओर ले जाते हैं.' हम सबको इस बात का बीड़ा उठाना चाहिए कि लोकतंत्र सुरक्षित और लोकतंत्र जिंदा रहे. सत्य परेशान हो लेकिन पराभूत नहीं हो, यह हम सबकी जिम्मेदारी है.