नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान इंदौर में जिस तरह से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस लेकर पार्टी की फजीहत कराई है, इस तरह का 'खेला' कांग्रेस के साथ एनसीआर की एक अन्य लोकसभा सीट पर भी हो चुका है. दरअसल, बात वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव की है, जब गौतमबुद्ध नगर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नामांकन की प्रक्रिया खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली में खुले तौर पर भाजपा में शामिल हो गए थे. ऐसा होने के चलते कांग्रेस इस सीट पर चुनाव नहीं लड़ पाई थी, क्योंकि नामांकन की प्रक्रिया खत्म होने के चलते कोई और प्रत्याशी नामांकन नहीं कर सका था.
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से डॉ. रमेश चंद्र तोमर को टिकट दिया था. इस सीट पर 10 अप्रैल 2014 को मतदान होना था, लेकिन मतदान से एक सप्ताह पहले तीन अप्रैल को गाजियाबाद में हुई नरेन्द्र मोदी (तब भाजपा से पीएम प्रत्याशी) की रैली में वह भाजपा में शामिल हो गए थे. उस वक्त मंच पर नरेंद्र मोदी ने उन्हें अपने गले लगाया था. तब दो दिन पहले ही भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह से फोन पर बातचीत के बाद, तोमर ने भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया था.
चार बार रहे थे सांसद: राजनाथ सिंह उस समय गाजियाबाद से सांसद थे. डॉ. रमेश चंद्र तोमर पहले भाजपा में ही थे. वह गाजियबाद लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर 1991, 1996, 1998 और 1999 में लगातार चार बार सांसद रह चुके हैं. हालांकि, वह 2004 का लोकसभा चुनाव गाजियाबाद से कांग्रेस के सुरेंद्र प्रकाश गोयल से हार गए थे. इसके बाद 2009 में जब भाजपा ने गाजियबाद से राजनाथ सिंह को चुनाव लड़ाने की घोषणा की, तो उनका टिकट कट गया. इससे नाराज होकर वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
हार का करना पड़ा था सामना: कांग्रेस में शामिल होने के बावजूद तोमर को गाजियाबाद से कांग्रेस के तत्कालीन सिटिंग सांसद सुरेंद्र प्रकाश गोयल के सामने टिकट नहीं मिल सकता था. इसलिए उन्हें ठाकुर बाहुल्य सीट होने के चलते गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट का रुख किया और कांग्रेस ने उन्हें इस सीट से उम्मीदवार बना दिया था. लेकिन तोमर को बसपा के प्रत्याशी सुरेंद्र नागर से हार का सामना करना पड़ा और वे चौथे नंबर पर रहे थे. दूसरे नंबर पर भाजपा और तीसरे नंबर पर सपा रही थी. इसी तरह कांग्रेस ने फिर से 2014 के लोकसभा चुनाव में रमेश चंद्र तोमर को टिकट दिया था, जिसके बाद वे कांग्रेस की फजीहत कराते हुए भाजपा में शामिल हो गए थे.
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धौलाना विधानसभा से भाजपा ने दिया था टिकट: 2014 में कांग्रेस प्रत्याशी रहते हुए नरेन्द्र मोदी की रैली में भाजपा में शामिल होकर कांग्रेस की फजीहत कराने और भाजपा प्रत्याशी डॉ. महेश शर्मा की जीत सुनिश्चित करने का इनाम देते हुए, भाजपा ने हापुड़ जिले की धौलाना विधानसभा से 2017 के विधानसभा चुनाव में डा. रमेश चंद्र तोमर को प्रत्याशी बनाया था. लेकिन, सपा से भी सिटिंग विधायक धर्मेश तोमर के चुनाव लड़ने की वजह से राजपूत वोटों में बिखराव हो गया. इसके चलते दोनों राजपूत प्रत्याशी चुनाव हार गए और बसपा से मोहम्मद असलम ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद से रमेश चंद्र तोमर भाजपा में ही हैं. वहीं 2022 के चुनाव में सपा से विधायक रहे धर्मेश तोमर भाजपा में शामिल हुए और धौलाना विधानसभा से जीत दर्ज की.