रेवाड़ी: हरियाणा के रेवाड़ी से कांग्रेस प्रत्याशी चिरंजीव राव की लगातार मुश्किलें बढ़ती जा रही है. रेवाड़ी विधानसभा क्षेत्र के गांव गिंदोखर में पहुंचने पर गांव के लोगों ने चिरंजीव राव का विरोध किया. लोगों ने उनके सामने गो बैक के नारे लगाए. विरोध के बाद रेवाड़ी के कांग्रेस प्रत्याशी ने जल्द अपना भाषण समाप्त किया और वापस बेरिंग लौटे. काफी देर हंगामे के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध करने वाले युवकों को धक्के देकर कार्यक्रम से निकाल दिया.
चिरंजीव का विरोध की वजह क्या?: चिरंजीव के कार्यक्रम में युवा पहुंचे तो बात बिगड़ी सोमवार दोपहर को चिरंजीव राव गिंदोखर गांव के पंचायत घर में कार्यक्रम के लिए पहुंचे थे. वह चुनाव में खुद को वोट देने की अपील करने के लिए ग्रामीणों के बीच गए. कार्यक्रम में काफी भीड़ थी. तभी गांव के युवक अजय यादव, विकास, प्रवीण, देवेंद्र सहित अन्य कार्यक्रम में पहुंचे. विरोध करने वाले अजय यादव ने कहा, 'चिरंजीव राव 2019 में विधायक चुने गए. इसके बाद पहली बार वह इस गांव में 26 नवंबर 2023 को आए और गिंदोखर-जाडरा के कच्चे रास्ते का शिलान्यास कर चले गए. 'इस पर चिरंजीव ने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार नहीं है. इसके बावजूद वह अपने विधायक कोटे से 16 लाख रुपए दिलवाकर इस सड़क का निर्माण कार्य करवा रहे हैं. हालांकि, 10 महीने बाद भी इस सड़क का निर्माण पूरा नहीं हुआ है.
बीजेपी-कांग्रेस में कांटे की टक्कर: चिरंजीव राव के पिता कैप्टन अजय सिंह यादव इसी सीट से 6 बार विधायक रह चुके हैं. 2019 में चिरंजीव राव ने खुद चुनाव लड़ा. अपने पहले ही चुनाव में चिरंजीव राव ने जीत दर्ज की. कांग्रेस ने दूसरी बार चिरंजीव राव को इस बार चुनावी मैदान में उतारा है. इस सीट पर BJP और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है. अजय के मुताबिक, 'हमने विधायक से यह भी पूछा कि हमें यही बता दीजिए कि जो 16 लाख रुपए आपने विधायक कोटे से दिलवाए. आखिर वह किसके पास गए हैं. उनके पास इसका कोई जवाब नहीं था. मेरी पत्नी पूनम गांव की पंचायत में पंच है.हमें हमारे जनप्रतिनिधि से गांव के विकास से जुड़े मामले में सवाल पूछने का हक है. उसके बावजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हमें धक्के देकर कार्यक्रम से निकाल दिया. '2019 में पहली बार विधायक बने चिरंजीव राव.'
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