फरीदाबाद: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं. ऐसे में प्रत्याशी जमकर प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. नेताजी लोगों के बीच जाते हैं और अपने समर्थन में वोट मांगते हैं. हालांकि 8 अक्टूबर को जब रिजल्ट आएगा उसको बाद ही साफ हो पाएगा कि जनता किसके सिर जीत का ताज रखती है. इन दिनों चर्चाएं हॉट सीट की हो रही है. पृथला विधानसभा को भी हॉट सीट में माना जाता है. इसलिए ईटीवी भारत की टीम ने पृथला में निर्दलीय उम्मीदवार नयनपाल रावत से बातचीत कर जाना कि यहां से चुनाव को लेकर लोगों में कितना उत्साह है.
निर्दलीय प्रत्याशी नयनपाल रावत ने कहा कि 'मुझे जनता भरपूर प्यार दे रही है. जनता चाहती है कि मैं फिर से विधायक बनकर इन की सेवा कर सकूं मैं जहां भी जाता हूं लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता है. मैं जिस रैली स्थल पर जाता हूं, वहां जनता मुझे ऊंट पर बिठाकर, घोड़े पर बिठाकर अपने कंधे पर बिठाकर मंच तक ले जाते हैं. लोगों में काफी जोश है'.
'36 बिरादरी के पीएम-सीएम की नहीं चलती': 2019 से भी ज्यादा ताकत से जनता चुनाव मुझे लड़वा रही है. मेरा मलिक मेरी जानता है और यही जानता है, जिसने मुझे 2019 में विधानसभा भेजा था. जब मेरे साथ जनता मालिक है, तो कोई मुझे हरा नहीं सकता. चुनाव मैं नहीं बल्कि पृथला विधानसभा की एक-एक जनता लड़ रही है. 2019 में बड़े-बड़े दिग्गज नेता यहां पर आए थे. जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल समेत कई दिग्गज नेता यहां पर आए थे. जो तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है. उनकी नहीं चली, हमारे 36 बिरादरी के सामने किसी की नहीं चलती है.
टिकट कटने पर बोले नयन पाल रावत: निर्दलीय प्रत्याशी नयन पाल रावत ने कहा कि कुछ लोगों का पैसे से पेट नहीं भरता, मेरे पास पैसे नहीं थे. जो भी मैंने अपने व्यापार और सरकार से पैसे कमाये, वह पैसे भी हमने जनता के काम में लगा दिए. इन अमीरों की हवेलियों को भरने से क्या फायदा. कुछ लोग रात और दिन भ्रष्टाचार में डूब कर पैसे कमाते रहते हैं. इसीलिए मैंने कभी भी टिकट पैसे से ना लिया है और ना लूंगा. आने वाले समय में मैं खुद टिकट बांटने वाला बनूंगा और जब भी मैं टिकट दूंगा बगैर पैसे के टिकट दूंगा. अगर मैं यहां से जीतकर जाता हूं, तो समर्थन किसे देना है ये फैसला भी जनता करेगी. जिसे भी हमारा समर्थन चाहिए वह हमारे पंचायत में आए और सरदारी के सामने बैठकर हमसे समर्थन मांगे. तब जाकर हम उन्हें समर्थन देंगे.
2019 में मिला जनता का साथ: आपको बता दें 2014 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने नयनपाल रावत को अपना उम्मीदवार बनाया था. वहीं, दूसरी ओर बसपा के कैंडिडेट टेक चंद शर्मा यहां से चुनाव जीतकर आए थे. उन्होंने 1179 वोटो से बीजेपी के प्रत्याशी नयनपाल रावत को मात दी थी. वहीं, 2019 के चुनाव में बीजेपी ने नयनपाल रावत की टिकट काट दी. जिसके बाद नयनपाल रावत निर्दलीय चुनाव मैदान में कूद गए और उन्हें जनता का भरपूर समर्थन मिला.
बीजेपी को दिया था समर्थन: उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी होते हुए भी यहां पर जीत दर्ज की उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी को 16429 वोटो के अंतर से हराकर विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे. हालांकि उस दौरान उन्होंने अपना समर्थन बीजेपी सरकार को दे दिया. उन्होंने पूरे 5 साल तक बीजेपी सरकार को समर्थन दिया और उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें भाजपा अपना उम्मीदवार बनाएगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और यही वजह है कि नयनपाल रावत एक बार फिर से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में कूद पड़े हैं.