देहरादून: समूचे राज्य में लोकसभा चुनाव का मत प्रतिशत पिछले चुनाव की तुलना में कम रहा. पूरे प्रदेश की बात की जाए तो इस बार के लोकसभा चुनाव में करीब 55.89% मतदान हुआ है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने कम मतदान के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है.
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट का कहना है कि कम मतदान की एक वजह यह भी है कि बीते 10 सालों से भाजपा के सांसदों ने अपने क्षेत्रों में जाने की जहमत नहीं उठाई और अपने संसदीय क्षेत्र की जनता के दुख दर्द को नहीं जाना. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की भाजपा सरकार भी बेरोजगारों को रोजगार देने में पूरी तरह से असफल साबित हुई. महिलाओं को इन 5 सालों में सुरक्षा नहीं मिल पाई.
किसानों को अपने हकों के लिए आंदोलन करने पड़े. इसी तरह भारत सरकार की ओर से लाई गई अग्निवीर योजना से राज्य के युवा पहले से ही निराश हैं और इस योजना का लगातार विरोध भी हो रहा है. इसलिए कुल मिलाकर सत्ता विरोधी लहर है. भाजपा का मतदाता पोलिंग बूथ तक मतदान करने नहीं पहुंचा, इसलिए कहीं ना कहीं भाजपा की नाकामियों का असर इस बार के चुनाव में देखने को मिला है. कांग्रेस पार्टी का कहना है कि इस बार के मतदान ने यह साबित कर दिया है कि अब पांचों लोकसभा सीटों पर भाजपा की विदाई तय है.
गौर हो कि इस बार उत्तराखंड की 5 लोकसभा सीटों पर कुल 55.89 फीसदी मतदान हुआ है. जिसे बीजेपी और कांग्रेस अपने लिए मुफीद मान रहे हैं. दोनों ही दलों के नेताओं का कहना है कि भले ही मतदान का प्रतिशत कम रहा लेकिन उनकी पार्टी को फायदा मिल रहा है.
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