पटना : कांग्रेस ने आज देशभर में 17 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है जिसमें बिहार से तीन उम्मीदवारों के नाम सामने आए हैं. खास बात ये है कि इस लिस्ट में पप्पू यादव का कहीं नाम नहीं है. चर्चा थी की तारिक अनवर को इस बार टिकट नहीं मिलेगा, लेकिन उन्होंने फिर आला कमान का विश्वास जीतने में कामयाबी मिली है.
तीन लोकसभा सीटों पर ऐलान : बता दें कि बिहार की भागलपुर लोकसभा सीट, कटिहार और किशनगंज से प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है. भागलपुर से अजित शर्मा, कटिहार से तारिक अनवर और किशनगंज से मोहम्मद जावेद को उम्मीदवार बनाया गया है.
भागलपुर और कटिहार में उतारे प्रत्याशी : अजित शर्मा भागलपुर से विधायक हैं और इस बार उनपर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने सांसदी लड़ने पर भरोसा जताया है. इलाके में उनकी छवि एक कद्दावर नेता की रही है. वहीं तारिक अनवर भी कटिहार में 2014 के विनिंग कैंडिडेट रहे हैं. लेकिन 2019 में वो चुनाव हार गए थे. 2024 में इस बार फिर उनके सामने जेडीयू के दुलाल चंद्र आमने सामने होंगे.
कौन हैं अजीत शर्मा? : भागलपुर के कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा तीन बार से विधायक चुने जा रहे हैं. कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता भी रहे चुके हैं. अजीत शर्मा पहले बिजनेसमैन थे. इनकी दो बेटियां है, जिनमें एक बॉलीवुड एक्ट्रेस नेहा शर्मा दर्जनभर फिल्मों में काम कर चुकी हैं. विधानसभा चुनाव में दोनों बेटियां अपने पिता के लिए प्रचार करते हुए नजर आई थीं.
कौन हैं तारिक अनवर? : बिहार की राजधानी पटना में जन्मे तारीक अनवर ने अपनी सियासी पार्टी कांग्रेस से शुरू की. 1976 में बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया. छात्र राजनीति के जरिए 1980 में कटिहार सीट से चुनाव लड़ा और जीते, 1984 में दोबारा टिकट मिला, फिर संसद पहुंचे. 1988 बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बने. 1989 लोकसभा चुनाव में जनता दल के युवराज सिंह से चुनाव हारे. 1991 में एक बार फिर से युनूस सलीम के हाथों शिकस्त मिली.
ऐसा रहा तारिक अनवर का सियासी सफर : 1996 आम चुनाव में मुफ्ती मोहम्मद सईद को हराया. 1998 में चौथी बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. 1999 सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया. साल 2014 मोदी लहर में तारिक अनवर पांचवीं बार संसद पहुंचे. तारिक अनवर ने तीन बार राज्यसभा का भी सफर तय किया.
किशनगंज में सीटिंग सांसद पर भरोसा : मोहम्मद जावेद किशनगंज सीट पर सीटिंग सांसद हैं. इस बार फिर कांग्रेस दावा कर रही है कि किशनगंज सीट पर फिर बाजी मारेगी. 2019 में किशनगंज सीट ही ऐसी सीट थी जिसपर महागठबंधन की जीत का स्वाद मिला था. 2019 में 40 लोकसभा सीट में से 39 सीट एनडीए को मिली थी.
कौन हैं मोहम्मद जावेद? : साल 2019 लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बीच एक सीट ऐसी थी जिसे गंवाने का अफसोस आज भी बीजेपी को हैं, वो सीट बिहार की किशनगंज थी. पेशे से डॉक्टर मोहम्मद जावेद चार बार विधायक रह चुके हैं. मोहम्मद जावेद के पिता भी किशनगंज से विधायक रह चुके हैं.
कांग्रेस को मिली है कुल 9 सीट : गौरतलब है कि बिहार में महागठबंधन के खाते में 9 सीट मिली थी. पहले चरण के चुनाव की सभी सीट आरजेडी के खाते में गई थी. शेष चरणों के लिए कांग्रेस के 9 उम्मीदवार मैदान में हैं. तीन पर नामों की घोषणा हो चुकी है बाकी पर उम्मीदवारों का ऐलान जल्द होगा.
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