रांची: राज्य के सरकारी विद्यालयों में छात्रों को कंप्यूटर शिक्षा का प्रशिक्षण देने वाले ICT कंप्यूटर प्रशिक्षकों ने रांची स्थित झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यालय का घेराव किया. घेराव करने आए कंप्यूटर प्रशिक्षकों का कहना है कि तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद कंप्यूटर प्रशिक्षकों को कंपनी की ओर से प्रति कार्य दिवस मात्र 263 रुपये मिलते हैं, जो मजदूरों से भी कम है.
ऐसे में अब इस राशि में घर चलाना भी मुश्किल हो रहा है. आईसीटी के शोषण के खिलाफ आवाज उठाने पर अनुशासन के नाम पर कार्रवाई की जाती है और कई साथियों को हटा दिया गया है. सामाजिक सुरक्षा के नाम पर भी कोई लाभ नहीं मिलता. इसलिए आज सत्ता में शामिल सबसे बड़े दल के पास वह अपनी मांग लेकर पहुंचे हैं.
ये है आईसीटी कंप्यूटर प्रशिक्षकों की मुख्य मांगें
- वर्तमान महंगाई को देखते हुए आईसीटी इंस्ट्रक्टर को प्रति महीने 25 हजार मानदेय सरकार सुनिश्चित कराए और उसमें हर वर्ष 10% की वृद्धि सुनिश्चित की जाए.
- आईसीटी प्रोजेक्ट में कार्यरत सभी आईसीटी इंस्ट्रक्टर को कंपनी से मुक्त कर सरकार अपने विभागों में समायोजित करते हुए 60 वर्ष तक पक्की नौकरी सुनिश्चित करे.
- समायोजन से पूर्व आगामी अक्टूबर में समाप्त होने वाले प्रोजेक्ट के रिन्यूअल के बाद आईसीटी इंस्ट्रक्टर को कंपनी बदलने पर भी बिना किसी नई प्रक्रिया के उसी विद्यालय में रखा जाए.
- बार-बार दक्षता परीक्षा की अनिवार्यता समाप्त की जाए.
- पूर्व में जितने भी आईसीटी इंस्ट्रक्टर को कंपनी द्वारा हटाया गया है, उनकी सेवा फिर से बहाल की जाए.
- आकस्मिक अवकाश को पूरे वर्ष में अपने अनुसार लेने की छूट, विशेष अवकाश, मातृत्व अवकाश, पितृत्व अवकाश की सुविधा के साथ-साथ ग्रेच्युटी, बोनस, पीएफ और ईएसआईसी का लाभ दिया जाए.
बता दें कि आईसीटी कंप्यूटर प्रशिक्षकों ने झामुमो को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है. जिसपर उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया गया. इसके बाद सभी कंप्यूटर प्रशिक्षक वापस लौट गए.
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