जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के अधीन कार्यरत रहे कर्मचारियों के निधन के बाद उनके आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति नहीं देने के दो अलग-अलग मामलों में प्रमुख शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है. जस्टिस अनूप ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश जितेन्द्र गुर्जर व राहुल गुप्ता की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकार्ता जितेंद्र के पिता करौली जिले की स्कूल में प्रबोधक पद पर तैनात थे. इस दौरान नवंबर, 2014 में उनकी मौत हो गई. इस पर याचिकाकर्ता की मां ने अपनी अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया, लेकिन काफी दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके लिए विभाग के उच्चाधिकारियों ने संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण भी मांगा, लेकिन तय समय पर उसे अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी गई.
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वहीं, याचिकाकर्ता के वयस्क होने पर विभागीय अधिकारियों ने याचिकाकर्ता की मां के आवेदन को निरस्त कर याचिकाकर्ता से आवेदन ले लिया. इसके बाद उसे नियुक्ति देने की कार्रवाई भी शुरू कर समस्त औपचारिकताएं पूरी कर ली, लेकिन उसे नियुक्ति नहीं दी. वहीं, 5 फरवरी 2024 को उसका अनुकंपा नियुक्ति का आवेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया कि कर्मचारी की मौत के इतने सालों बाद उसे अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा सकती है.
इसी प्रकार दूसरे याचिकाकर्ता राहुल गुप्ता का आवेदन भी देरी के आधार पर खारिज कर दिया. याचिकाकर्ता के पिता वरिष्ठ लिपिक के पद पर करौली जिले में कार्यरत थे. उनका जून 2018 में असामयिक निधन हो गया था. उनके स्थान पर याचिकाकर्ता ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था, लेकिन 24 नवंबर 2023 को इसका आवेदन भी देरी के आधार पर खारिज कर दिया गया. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.