रायपुर: बिजली के बढ़े दामों की वजह से लोगों में काफी गुस्सा है. बिजली के बढ़े दामों के चलते छत्तीसगढ़ में कई छोटे बड़े उद्योग धंधे बंद हो सकते हैं. बढ़ी हुई बिजली दरों के खिलाफ अब कल कारखानों के मालिक एकजुट होने लगे हैं. कल कारखानों के मालिकों ने आज आधी रात से अपने उद्योग धंधों को बंद करने का ऐलान किया है.
बढ़ी बिजली दरों के खिलाफ आज आधी रात से शटडाउन का ऐलान: शहर में चल रहे छोटे बड़े उद्योग धंधों के मालिकों ने आज आधी रात से शटडाउन करने ऐलान किया है. इसके तहत पहले चरण में लगभग 200 उद्योग आज रात 12:00 बजे से बंद हो जाएंगे. इसके बाद भी यदि सरकार नहीं मानी तो आने वाले समय में प्रदेश में संचालित ओर भी उद्योगों में शटडाउन किया जाएगा. दामों को लेकर कांग्रेस ने अब सड़क की लड़ाई शुरू कर दी है.
कांग्रेस ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा: कांग्रेस ने उद्योगपतियों के आंदोलन को समर्थन देते हुए उनके साथ खड़े होने की बात की है. युवक कांग्रेस ने सरकार के फैसले के विरोध में आज बिजली बिल जलाकर प्रदर्शन किया. इधर सरकार का दावा है कि छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों की अपेक्षा बिजली की दरें काफी कम हैं. कांग्रेस ने मांग की है कि सरकार अपने फैसले को वापस ले.
छत्तीसगढ़ में बिजली की दरें: छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन एसोसिएशन से मिली जानकारी के अनुसार पिछली सरकार की तो उद्योगो को 6.10 रुपये की दरों से बिजली दिया जाता थ. अब भाजपा की सरकार आने के बाद ये बिजली दरों में लगभग 25% की वृद्धि हुई है. अब बिजली दर बढ़कर 7.62 रूपए हो गई है. बाकि उत्पादक राज्यों की बात करें तो पश्चिम बंगाल दुर्गापुर डीवीसी में 4.91 रूपए की दरों से बिजली दी जाती है. ओडिशा की बात करें तो वहां बिजली की दरें 4.75 रूपए हैं. झारखंड की बात करें तो वहां पर बिजली की दरें 6.55 रूपए है. जिंदल पार्क रायगढ़ की बात करें तो वहां बिजली की दर 5.09 रूपए है. छत्तीसगढ़ की बात करें तो यहां पर बिजली की दरें 7.62 रूपए प्रति यूनिट है.
बूढ़ा तालाब पर कांग्रेस का प्रदर्शन: बड़े हुए बिजली के दामों को लेकर आज युवा कांग्रेस ने बूढ़ा तालाब पर बने बिजली दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने बिजली बिल जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया. प्रदर्शन के दौरान युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा ने कहा कि '' प्रदेश की जनता बढ़े हुए बिजली के दामों से परेशान है. कांग्रेस की सरकार ने पूर्व में बिजली बिल हॉफ कर दिया था. जब बीजेपी की सरकार आई तो उसने बिजली बिल में लंबा चौड़ा इजाफा कर दिया.''
कांग्रेस ने दिया समर्थन: कंपनी मालिकों ने शटडाउन का ऐलान किया है उसका समर्थन कांग्रेस ने किया है. जिला कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश दुबे ने कहा कि ''प्रदेश में जब तक भूपेश बघेल की सरकार रही है तब उद्योग नीति लाया गया था, उसके तहत 5 साल उद्योग फला फूला और यहां के उद्योगों ने बहुत अच्छा काम किया. पूर्व की सरकार में छत्तीसगढ़ की जीडीपी बढ़ी लेकिन 6 माह में ऐसा क्या हो गया कि इन उद्योगों को बंद कराने पर ये सरकार आमादा हो गई है.''
'आज रात से हम स्ट्राइक पर जा रहे हैं': छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन एसोसिएशन के चेयरमैन अनिल नचरानी ने कहा कि ''आज रात से हम स्ट्राइक पर जा रहे हैं , छत्तीसगढ़ में उद्योगों की एक चेन है. एक उद्योग बंद होता है उसका कर दूसरे उद्योगों पर भी असर पड़ता है. इस बंद का आने वाले 15 दिनों में ही व्यापक असर दिखने लगेगा. उद्योगों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा.
''हमने दो बार मुख्यमंत्री से मुलाकात की. सीएम ने अधिकारियों को इससे संबंधित जानकारी और दूसरे राज्यों के बिजली दरों का तर्क सहित जानकारी देने को कहा था. हमें जो जानकारी सरकार को देनी थी वह हमने दे दी है. अधिकारियों ने कहा था कि हमारे राज्य में दूसरे राज्य के बिजली दर कम है. अधिकारियों ने उन राज्यों का उल्लेख बिजली दरों को लेकर किया जिनके राज्य में बिजली का उत्पादन नहीं होता है. छत्तीसगढ़,ओडिशा, वेस्ट बंगाल बिजली उत्पादक राज्य हैं. यहां पर बिजली दर 25 प्रतिशत से ज्यादा महंगी है, लास्ट टाइम 25% बिजली के दाम बढ़ोत्तरी की गई. हम लोग एक-दो प्रतिशत में दूसरे राज्यों से अपना कंपटीशन का बिजनेस करते हैं. ऐसे में यह 25% की बिजली के दामों की गई बढ़ोतरी उद्योग पर काफी असर डालेगा. लोहे की कास्ट हमारी ₹25000 प्रति टन बढ़ चुकी है ऐसे हमारे सामने कहीं से भी सरवाइव करने की स्थिति नहीं बची है.'' - अनिल नचरानी, अध्यक्ष, स्पंज आयरन एसोसिएशन, छत्तीसगढ़
बातचीत से निकलेगा समस्या का हल: बड़ी हुई बिजली दरों को लेकर शुरु हुए विवाद पर डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि ''बाकि राज्यों की तुलना में हमारे राज्य में बिजली की दरें काफी कम हैं. इस बात की जानकारी सभी को है. उनकी जो मांगें हैं उनको लेकर हम गंभीर हैं. उनकी समस्या के समाधान के लिए हम जरुर बात करेंगे. हमारी सरकार उद्योग धंधों को हर तरह की सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है. हम लगातार उस दिशा में काम भी कर रहे हैं. हमारी नई उद्योग नीति में भी इस बात का जिक्र है. बातचीत के जरिए इस समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा.''