कोरिया: कोरिया जिला कलेक्टर चन्दन त्रिपाठी शुक्रवार को अचानक जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंची. इस दौरान उन्होंने अस्पताल के विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया. साथ ही अस्पताल में पसरी गंदगी को लेकर जिम्मेदार डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन को सख्त चेतावनी दी. कलेक्टर ने कहा, "मरीजों को उचित दवाई देना और देखभाल करना आपकी जिम्मेदारी है. इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. शासन हर सुविधा मुहैया करा रही है. उसका लाभ मरीजों और आम लोगों को मिले, यह आपकी जिम्मेदारी है, लेकिन आप लोगों के लापरवाही और उदासीनता के कारण अस्पताल की व्यवस्था चरमरा रही है."
सीएमएचओ को फटकार: कलेक्टर ने शुक्रवार को जिला अस्पताल के हर वार्ड का निरीक्षण किया. उन्होंने वार्डों में डस्टबिन डिब्बा नहीं होने पर नाराजगी जताई. परिसर और वार्डों में साफ-सफाई के आभाव, अस्पताल में लचर अव्यवस्था पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.आरएस सेंगर को फटकार लगाई. इस दौरान डायलिसिस कक्ष, शिशु वार्ड, प्रसव कक्ष, ओपीडी, सीटी स्कैन, लैब कक्ष आदि स्थानों पर पहुंचकर सीधे मरीजों से इलाज के सम्बंध में जानकारी ली. कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान मरीजों को दी जा रही सुविधाओं की गुणवत्ता को देखा. दवाओं की उपलब्धता और उपकरणों की स्थिति की जानकारी लेते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि अस्पताल में सभी आवश्यक सुविधाएं और सेवाएं उपलब्ध है. उन्हें समय पर प्रदान किया जाए.
'साफ-सफाई को लेकर कोई समझौता नहीं': कलेक्टर ने अस्पताल परिसर में साफ-सफाई पर नाराजगी व्यक्त करते हुए तत्काल सुधार लाने के निर्देश अधिकारियों को दिए. शौचालय और वार्डों की सफाई नियमित करने के निर्देश दिए.अस्पताल में मरीजों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता देखी. मेनू कार्ड के अनुरूप फल, नाश्ता और भोजन नहीं देने पर प्रभारी लिपिक को जमकर फटकार लगाई. साथ ही उन्होंने चेतावनी दिया कि मेन्यू के अनुसार मरीजो को समय पर भोजन, नाश्ता उपलब्ध न कराने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
एक सप्ताह में व्यवस्थाओं में सुधार लाने के दिए निर्देश: निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने अस्पताल परिसर में नाली की पानी जमा होने पर मौके से ही नगर पालिका अधिकारी को निर्देश दिए कि पानी निकासी की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित करें. उन्होंने अस्पताल परिसर में आवारा मवेशियों के जमावड़ा पर सुरक्षाकर्मी को निर्देश दिए कि अस्पताल परिसर में मवेशी न आए, इस पर विशेष ध्यान रखें. साथ ही अस्पताल के सीएमएचओ को एक सप्ताह के भीतर शौचालय, पेयजल, पंखा, बिजली व्यवस्था सुनिश्चित करने, दवाई, उपकरण खरीदने व अन्य आवश्यक कार्य करने के निर्देश दिए.