लखनऊ: राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के चौथे स्थापना दिवस समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समारोह में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने सीनियर डॉक्टरों की तारीफ करते हुए कहा कि, अनुभव वाले डॉक्टर मरीज को देखकर समझ जाते हैं कि इसको कौन सी बीमारी है, क्या समस्या है. इसके साथ ही उन्होंने अपनी एक तकलीफ के बारे में भी जानकारी साझा करते हुए कहा कि, यह मेरा अनुभव है कि विशेषज्ञ डॉक्टर को कहने की आवश्यकता नहीं पड़ती है. मैं खुद कई सालों से हाथ में दर्द की समस्या को झेल रहा था, लेकिन हफ्तेभर पहले एक डॉक्टर ने सिर्फ तीस सेकेंड में ठीक कर दिया. कभी कभी हमें ट्रेडिशनल मेडिसिन पर भी विश्वास करना चाहिए.
आज लखनऊ में डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के चतुर्थ स्थापना दिवस समारोह में सम्मिलित हुआ।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 13, 2024
इस अवसर पर चिकित्सा-शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभिन्न लोगों को सम्मानित किया गया। साथ ही, संस्थान के वार्षिक प्रतिवेदन की बुकलेट का विमोचन एवं विकास कार्यों… pic.twitter.com/rz7I3QVpz8
सीएम योगी ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि, एक लंबे अर्से से आपने मेरे हाथ में कभी प्लास्टर तो कभी गर्म पट्टी देखा होगा. सभी के मन में सवाल होता था कि आखिरकार सीएम योगी के हाथ में प्लास्टर या गर्म पट्टी क्यों बंधी है. उन्होंने बताया कि मेरे हाथ में कई साल पहले समस्या थी. मैं परेशान था. मैंने दो साल पहले एक संस्थान में जाकर ऑपरेशन कराया. फिर से यह समस्या खड़ी हो गई. चोट ठीक नहीं होने के कारण मुझे समस्याएं भी हो रही थी. हफ्ते भर पहले मैं गोरखपुर गया था. वहां एक डॉक्टर मुझसे मिलने आए. उन्होंने मुझसे कहा कि सर यह पट्टी आपके हाथ में अच्छी नहीं लगती. आप कहिए तो इसे मैं देखूं. इसके अलावा उन्होंने अपने जेब में एक इंजेक्शन के लिया हुआ था, उसे इंजेक्शन को देखकर मैंने उन्हें साफ कहा कि मैं इंजेक्शन नहीं लगाऊंगा. इस पर वह हंसे और उन्होंने कहा कि, सर मैं आपके हाथ को ठीक कर सकता हूं. अगर आप मुझे आज्ञा दें तो मैं इसका ट्रीटमेंट शुरू करूं. फिर मैंने उनसे पूछा कि कितना खर्चा लगेगा तो उन्होंने कहा कि मैं बस आपके साथ एक सेल्फी लूंगा. फिर उन्होंने मेरा ट्रीटमेंट किया और मात्र आधे मिनट में मेरा हाथ ठीक हो गया. कभी कभी हमें ट्रेडिशनल मेडिसिन पर भी विश्वास करना चाहिए.
वहीं मुख्यमंत्री योगी ने यह भी कहा कि, अगर मरीज अपने डॉक्टर के ऊपर विश्वास नहीं रखेगा तो वह जल्दी ठीक भी नहीं हो पाएगा. अनुभवी डॉक्टर सिर्फ एक बार मरीज को देखकर ही पहचान जाते हैं कि मरीज को आखिर क्या समस्या है. उसके लक्षण सुनकर यह बता देते हैं कि उसे क्या बीमारी है. उस हिसाब से मरीज का ट्रीटमेंट शुरू करते हैं. उन्हें किसी जांच की आवश्यकता नहीं पड़ती है. इसलिए जरूरी है कि डॉक्टरों को जितना हो सके उतना अनुभव ग्रहण करें, किसी भी क्षेत्र में अगर आगे बढ़ाना है तो अनुभव होना बहुत जरूरी है. डॉक्टरों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि सकारात्मक ऊर्जा के साथ उन्हें अपने विषय पर काम करना चाहिए और अनुभव ग्रहण करना चाहिए और वहीं मरीजों को अपने चिकित्सक के ऊपर विश्वास होना चाहिए कि वह चिकित्सक जो इलाज करेगा वह बेहतरीन करेगा.
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